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उत्तर प्रदेश पिछले 4 साल में हुआ दंगा मुक्त? अमित शाह का ये दावा सच नहीं

गृहमंत्री Amit Shah ने भाषण में Uttar Pradesh को दंगा मुक्त बताया, महिला सुरक्षा से जुड़े दावे भी किए

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2022 में Uttar Pradesh में विधानसभा चुनाव होने हैं. यूपी चुनावी मोड में आने को तैयार है, इसी बीच गृहमंत्री अमित शाह ने मिर्जापुर में 1 अगस्त को दिए अपने भाषण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रदर्शन पर बात की. अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार आने के बाद राज्य दंगा मुक्त हो गया है और महिलाओं के लिए पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित भी हो गया है.

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हमने पाया कि गृहमंत्री के भाषण में किए गए ये 3 दावे तथ्यों की कसौटी पर खरे नहीं उतरते हैं.

  • वर्तमान सरकार उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त बनाने में सफल रही.

  • बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से ही उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए ज्यादा सुरक्षित हो गया है.

  • पिछली सरकार राज्य में केवल 10 मेडिकल कॉलेज छोड़कर गई थी. योगी सरकार ने राज्य में 40 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए प्रावधान बनाए.

एक-एक कर जानते हैं इन तीनों दावों का सच-

दावा : 2017 के बाद उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त हो गया?

1 अगस्त को दिए भाषण में गृह मंत्री ने कहा - उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त कराने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया, उत्तर प्रदेश को माफिया मुक्त करने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया, उत्तर प्रदेश की माताओं-बहनों को सुरक्षित रहने का अधिकार भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार ने दिया. 4 सालों में योगी आदित्यनाथ जी ने कानून व्यवस्था के क्षेत्र में ढेर सारे परिवर्तन किए .

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हालांकि, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट में दिए गए आंकड़े अमित शाह के दावे से अलग हैं. NCRB की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल राज्य में दंगे के 5,714 मामले दर्ज किए गए.

महाराष्ट्र और बिहार के बाद उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा दंगों वाला तीसरा राज्य था.

साल 2018 में भी उत्तर प्रदेश दंगों के 8,908 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा. वहीं साल 2017 में उत्तर प्रदेश दंगों के बिहार के बाद दंगों के मामले में दूसरे स्थान पर रहा.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 दिसंबर, 2018 को लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए बताया कि साल 2017 में सांप्रदायिक घटनाओं के मामले में यूपी पहले स्थान पर रहा. 2014-16 के बाद राज्य में इस तरह के सबसे ज्यादा मामले सामने आए.

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यही नहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस ने फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे 135 लोगों को दंगे के आरोप में गिरफ्तार किया था.

क्विंट ने 2020 में इसी दावे की पड़ताल की थी. जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में साल 2017 के बाद कोई दंगा नहीं हुआ.

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दावा - महिलाओं के लिए सुरक्षित है उत्तर प्रदेश?

अमित शाह ने अपने भाषण में ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार ने माताओं-बहनों को सुरक्षा के साथ जीने का अधिकार दिया.

NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध हुए अपराधों के 59,853 मामले साल 2019 में दर्ज हुए. 2017 के बाद से ही लगातार इन मामलों की संख्या बढ़ी है. हालांकि उत्तर प्रदेश में क्राइम के अनुपात की बात करें तो प्रति 1,00.000 लोगों पर 55.4 अपराधिक मामले यूपी में दर्ज हुए.

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दावा : 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में थे केवल 10 मेडिकल कॉलेज?

गृहमंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि पिछली सरकार 15 साल के कार्यकाल के बाद राज्य में केवल 10 मेडिकल कॉलेज छोड़कर गई. वहीं बीजेपी सरकार ने चार सालों के अंदर 40 नए मेडिकल कॉलेजों बनाने के लिए उचित प्रावधान बनाए.

संसद की लाइब्रेरी के 2018 के एक आधिकारिक दस्तावेज में दी गई जानकारी के मुताबिक, 2016-17 में उत्तर प्रदेश में 45 मेडिकल कॉलेज थे. इनमें से 16 कॉलेज सरकार और 29 प्राइवेट थे.

साफ है कि इस दस्तावेज में दिए गए डेटा के मुताबिक ये दावा सही नहीं है कि उत्तर प्रदेश में पिछली सरकार केवल 10 मेडिकल कॉलेज छोड़कर गई थी.

इसके अलावा, साल 2016 में लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में तत्कालीन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने बताया था कि उत्तर प्रदेश में 38 मेडिकल कॉलेज हैं.

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फरवरी 2021 में तत्कालीन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि साल 2018-2020 के बीच उत्तर प्रदेश में 12 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित हुए. इनमें 9 कॉलेज सरकारी थे और 3 प्राइवेट.

इसी दिन एक अन्य सवाल के जवाब में अश्विनी चौबे ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव के बाद राज्य में 27 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने की अनुमति मिल गई है.

अमित शाह ने अपने भाषण में जो बीजेपी सरकार द्वारा 40 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए उचित कदम उठाने वाली बात कही, वह काफी हद तक सही है. लेकिन, ये दावा झूठा है कि पिछली सरकार केवल 10 मेडिकल कॉलेज छोड़कर गई थी.

क्विंट ने गृहमंत्री के कार्यालय से उनके मिर्जापुर में दिए इस बयान को लेकर स्पष्टीकरण के लिए संपर्क किया है. जवाब आते ही इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

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