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इजरायल-फिलिस्तीन, ताऊ ते और वैक्सीन से जुड़े झूठे दावों का सच

इस हफ्ते ये झूठा दावा किया गया कि 12 साल से अधिक उम्र वालों के वैक्सीनेशन को भी भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है

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इजरायल - फिलिस्तीन के बीच टकराव जारी है. कोरोना की दूसरी लहर का कहर और तीसरी लहर की आहट से ही फैली दहशत भी कायम है. इन सबके बीच फेक न्यूड पेडलर्स का झूठ फैलाने का कोरोबार भी चल रहा है. कहीं पुरानी तस्वीरों-वीडियोज को इजरायल फिलिस्तीन के बीच चल रहे हालिया विवाद का बताकर शेयर किया गया. तो कहीं ये झूठा दावा किया गया कि भारत में अब 12 वर्ष से ज्यादा उम्र के बच्चों को भी वैक्सीन की अनुमति मिल गई है.

चक्रवाती तूफान ताऊ ते के बताकर भी कई पुराने विजुअल्स सोशल मीडिया पर शेयर हुए. इस हफ्ते के ऐसे सभी दावों का सच जानिए वेबकूफ राउंडअप में एक नजर में.

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1.भारत में 12+ के वैक्सीनेशन को नहीं मिली इजाजत

एक वायरल मैसेज में ये दावा किया गया कि भारत बायोटेक की वैक्सीन को अब 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को लगाए जाने की अनुमति मिल चुकी है.

हमने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MOHFW) की ऑफिशियल वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल चेक किए. ऐसी कोई जानकारी हमें नहीं मिली जिससे पुष्टि होती हो कि 18 साल से कम आयुवर्ग के लिए भी वैक्सीन को अनुमति मिल गई है.

पड़ताल में सामने आया कि कोवैक्सीन को अब तक 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को दिए जाने की इजाजत मिलने का दावा झूठा है .18 साल से कम उम्र के बच्चों पर सिर्फ ट्रायल की मंजूरी दी गई है. 13 मई को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने एक्सपर्ट कमेटी की सलाह मानते हुए भारत बायोटेक की वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल 2 से 18 साल के आयु वर्ग पर करने की अनुमति दी है.

पूरी पड़ताल यहां देखें

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2.UP सीएम योगी आदित्यनाथ को बुजुर्ग ने गली में जाने से रोका?

सोशल मीडिया पर उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ के बिजौली गांव में रहने वाले एक बुजुर्ग ने खाट का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक गली में घुसने से रोक दिया.

पश्चिमी यूपी युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ओमवीर यादव ने वीडियो शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा : ''ब्रेकिंग न्यूज़- बस करो अब हमें आपकी ज़रूरत नहीं है- जनपद मेरठ के बिजौली गांव में एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी एक गली में खाट खड़ी कर जाने से रोक दिया मुख्यमंत्री जी के लाख कहने पर भी बुजुर्ग ने रास्ता नहीं खोला और योगी जी को वापस जाना पड़ा !!"

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वीडियो को ध्यान से सुनने पर, हमें दावे से संबंधित ऐसा कुछ भी नहीं सुनाई दिया जिसमें असहयोग झलकता हो. वीडियो में योगी आदित्यनाथ के उस जगह पर पहुंचते ही एक शख्स को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "ये हैं मुख्यमंत्री साहब ... नमस्ते ... मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की जय."

इसके बाद, सीएम कहते हैं, ''सावधानी रखिए, मास्क लगाइए, और बुजुर्ग लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, ठीक है ना...मास्क सभी लोग लगाइए.''

मेरठ पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने एक ट्वीट का जवाब देते हुए, एक स्टेटमेंट शेयर कर इस वायरल दावे को "निराधार और भ्रामक" बताया. और उन इवेंट्स की क्रमवार जानकारी दी जो योगी आदित्यनाथ के मेरठ के बिजौली गांव के दौरे के दौरान हुई थीं.

मेरठ पुलिस के बयान में ये भी बताया गया है कि ये क्षेत्र एक कंटेनमेंट जोन है, इसलिए एक खाट और रस्सी का इस्तेमाल करके जरूरी बैरिकेड्स लगाए गए थे.

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क्विंट की वेबकूफ टीम से बातचीत में स्थानीय पत्रकार रवि गुप्ता ने भी ऊपर दी गई जानकारी की पुष्टि की और बताया, ‘’ये कंटेनमेंट जोन है और रास्ता बंद किया गया था. इसीलिए, योगी आदित्यनाथ अस्थायी बैरिकेड के एक तरफ और कोरोना पीड़ित परिवार दूसरी तरफ खड़ा दिख रहा है.’’

हमें 17 मई, सोमवार को दैनिक जागरण पर पब्लिश एक रिपोर्ट मिली. जिसके मुताबिक, तारा चंद्र शर्मा नाम के एक बुजुर्ग एक बंद गली में बिना मास्क पहने दिखे, जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मास्क पहनने और कोरोनावायरस से सुरक्षित रहने के लिए कहा.

पूरी पड़ताल यहां देखें

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3. कांग्रेस सरकार में जान-बूझकर ऑक्सीजन की बर्बादी?पुराना है वीडियो

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार को दुनिया के सामने बदनाम करने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों में ऑक्सीजन की बर्बादी की जा रही है. वीडियो में एक गैस टैंकर से गैस लीक होते हुए दिख रही है.

हमने InVid का इस्तेमाल करके वायरल वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा. इसके बाद, मिले हुए फ्रेम में Yandex पर रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. हमें यूट्यूब पर जुलाई 2020 में अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसमें यही विजुअल थे.

हमने यूट्यूब पर घटना से संबंधित जरूरी कीवर्ड सर्च किए. हमें 24 जुलाई 2020 का एक वीडियो मिला जिसे Rajasthan Patrika ने अपलोड किया था. इस बुलेटिन में वायरल हो रहे विजुअल देखे जा सकते हैं. इसमें बताया गया था कि ये घटना जयपुर के शिवदासपुरा इलाके में हुई थी.

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Dainik Bhaskar ने भी इस घटना को कवर किया था और बताया था कि टैंकर एक अंडरपास से निकल रहा था, तभी उसका वॉल्व अंडरपास की छत से टकरा गया और गैस लीक होने लगी. दमकल और पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और एक घंटे के प्रयास के बाद स्थिति पर काबू पा लिया गया.

एक स्थानीय रिपोर्टर ने इस घटना की पुष्टि की और क्विंट की वेबकूफ टीम को बताया कि वायरल वीडियो पुराना है और टैंकर से जो गैस लीक होती हुई दिख रही है वो अमोनिया है.

रिपोर्टर ने बताया कि, ''टैंकर की ऊंचाई उस अंडरपास से ज्यादा थी जिसके नीचे से वो गुजर रहा था. इस वजह से टैंकर का वॉल्व अंडरपास की छत से टकराकर खुल गया और गैस लीक होने लगी.''

पूरी पड़ताल यहां देखें

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4. इजरायल ने नहीं लिखा फाइटर जेट पर भारतीय महिला ‘सौम्या’ का नाम

एक फाइटर जेट की फोटो वायरल हो रही है जिसमें सौम्या लिखा हुआ है. फोटो को दावे से शेयर किया जा रहा है कि इजरायल ने भारतीय नर्स सौम्या संतोष को श्रद्धांजलि दी है. सौम्या ने गाजा पट्टी के पास स्थित आश्केलोन में हमास के हवाई हमले में अपनी जान गंवा दी थी.

वायरल फोटो पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें चीनी वेबसाइट्स के लिंक मिले.

हमें ये फोटो QQ नाम के Tencent के स्वामित्व वाले चीनी सोशल मीडिया पोर्टल पर मिली, जिसे 2 अप्रैल 2020 को पोस्ट किया गया था. PTT News नाम की एक और चीनी वेबसाइट पर भी इसी तारीख को ये फोटो पोस्ट की गई थी. यानी इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे हालिया विवाद से काफी पहले, जिस विवाद की वजह से सौम्या की जान गई.

एक अन्य सर्च रिजल्ट में हमें ये तस्वीर Quora वेबसाइट पर मिली. इसे Lin Xiyei नाम के एक यूजर ने पोस्ट किया था. इन सभी वेबसाइट पर पोस्ट की गई इन फोटो में फाइटर जेट पर "Soumya" नाम नहीं लिखा था.

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फोटो में दिख रहा प्लेन Chengdu J-10 है, जो चीन का स्वदेशी रूप से विकसित फाइटर जेट है. हमने चीनी मिलिट्री की वेबसाइट में J-10 सीरीज के दूसरे एयरक्राफ्ट भी देखे. जिससे पुष्टि हुई कि वायरल फोटो में दिख रहा एयरक्राफ्ट Chengdu J-10 ही है.

वायरल फोटो में सैनिक की वर्दी देखने से पता चलता है कि ये वर्दी चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) वायु सेना की है. जिसे न्यूज रिपोर्ट में भी देखा जा सकता है.

पूरी पड़ताल यहां देखें

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5. ‘ताऊ ते’ तूफान का बता मुंबई और सऊदी अरब के पुराने वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर 3 वीडियोज को हाल में आए ताऊ ते तूफान का बताकर शेयर किया गया. इन तीनों वीडियोज की वेबकूप टीम ने पड़ताल की. वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि वायरल हो रहे तीनों वीडियोज पुराने हैं और इनका 17 मई को आए ताऊ ते तूफान से कोई संबंध नहीं है. एक एक कर इन तीनों वीडियो का सच जानिए.

वीडियो 1

वीडियो को Invid टूल के जरिए अलग अलग की फ्रेम्स में बांटकर गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें लेबनॉन के अखबार An-Nahar में मार्च में प्रकाशित एक आर्टिकल मिला. आर्टिकल में बताया गया है कि वायरल वीडियो जुलाई 2020 में कैप्चर किया गया. और ये सऊदी अरब का है. वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर पीछे जुलाई, 2020 का डेट स्टाम्प भी देखा जा सकता है.

1 अगस्त, 2020 को अल जजीरा के अरबी संस्करण में प्रकाशित आर्टिकल में भी इस वीडियो को सऊदी अरब का ही बताया गया है.

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वीडियो 2

यही वीडियो यूट्यूब चैनल Metro City Samachar पर भी 5 अगस्त, 2020 को अपलोड किया गया है. इस वीडियो की लोकेशन मुंबई के मरीन लाइंस की बताई गई है.

बीमा पे के संस्थापक और सीईओ राहुल माथुर ने ट्वीट कर बताया है कि वीडियो उन्हीं की बिल्डिंग से ट्वीट किया गया है. और इसका हाल में आए साइक्लोन ताऊ ते से कोई संबंध नहीं है.

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वीडियो 3

हमें अगस्त 2017 में अपलोड किया गया वीडियो मिला. इस वीडियो को लक्षद्वीप के मिनकॉय आइलैंड का बताया गया है. ये पुष्टि नहीं हो सकी कि वीडियो असल में किस जगह का है. लेकिन, चूंकि वीडियो 3 साल पहले ही इंटरनेट पर आ चुका है. इसलिए साफ है कि वीडियो का हालिया ताऊ ते तूफान से कोई संबंध नहीं है.

पूरी पड़ताल यहां देखें

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