ADVERTISEMENTREMOVE AD

BJP के खिलाफ हुए प्रदर्शन की बताई जा रही इस तस्वीर का सच जानिए 

साल 2018 में पश्चिम बंगाल में पत्रकारों ने TMC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. ये फोटो तब की है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सोशल मीडिया पर पोस्टर पकड़े एक महिला की फोटो वायरल हो रही है. पोस्टर पर बीजेपी के विरोध में लिखा हुआ है. फोटो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि ये बीजेपी के खिलाफ हालिया विरोध की फोटो है. ये फोटो ऐसे समय में वायरल हो रही है जब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इन राज्यों में असम, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्य हैं.

हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि साल 2018 में पश्चिम बंगाल के पत्रकारों ने उन पर हो रहे हमलों के खिलाफ एक रैली आयोजित की थी. ये फोटो तब की है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

इस फोटो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, ''No vote to BJP'' (बीजेपी को वोट नहीं)

“Bengal against Fascist RSS-BJP” (फासीवादी आरएसएस-बीजेपी के खिलाफ बंगाल) नाम के एक फोरम ने "नो वोट टू बीजेपी" नाम का एक कैंपेन चलाया था. ये कैप्शन उसी तरफ इशारा करता है. इस मंच के "नो वोट टू बीजेपी" नाम के फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज भी हैं.

पोस्टर पर ये टेक्स्ट लिखा हुआ है, ''No More HATHRAS! NO VOTE TO BJP! #NoVoteToBJP'' (अब और कोई हाथरस जैसा मामला नहीं! बीजेपी को वोट नहीं! #NoVoteToBJP)

बता दें कि बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में कथित तौर पर, एक महिला के साथ छेड़छाड़ करने वालों ने बाद में महिला के पिता को गोली मार दी थी. इससे पहले साल 2020 में हाथरस में ही ऐसा एक और मामला हुआ था जब 19 वर्षीय एक महिला का गैंगरेप करके हत्या कर दी गई थी.

पड़ताल में हमने क्या पाया

वायरल हो रही फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें स्टॉक इमेज वेबसाइट 'Alamy' पर इसकी ओरिजिनल फोटो मिली.

11 अप्रैल 2018 को अपलोड की गई इस फोटो के कैप्शन में लिखा है, ''विरोध प्रदर्शन के दौरान हाथ में पोस्टर पकड़े महिला दिख रही है. सैकड़ों पत्रकारों ने पंचायत चुनावों के लिए नामांकन कवरेज के दौरान पूरे बंगाल में उन पर हुए हमलों के खिलाफ सत्तारूढ़ पार्टी के कथित हमले का विरोध किया. ये रैली मेयो रोड पर स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति से शुरू हुई और कोलकाता में डोरिना क्रॉसिंग में जाकर खत्म हुई. बाहों पर काली पट्टी बांधकर और काले दुपट्टे के साथ अपने मुंह को ढंकते हुए, शहर के सैकड़ों पत्रकारों, कैमरामैन, और फोटो जर्नलिस्ट ने विरोध रैली में भाग लिया.''

विरोध प्रदर्शन की ओरिजिनल फोटो में दिख रहे पोस्टर में लिखा है '’कैमरा बंद कर दो''. हमने Alamy में इस घटना से जुड़ी और भी फोटो देखीं. हमें एक फोटो मिली जिसमें उसी पोस्टर के साथ वही महिला दिख रही है.

9 अप्रैल 2018 को राज्य में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन को कवर करते हुए कोलकाता में एक फोटो जर्नलिस्ट, बिप्लब मंडल को पीटा गया था. ये प्रदर्शन इस घटना के विरोध में किया गया था.

11 अप्रैल को कोलकाता में कई पत्रकारों ने इस घटना के विरोध में एक रैली की थी.

मतलब साफ है कि साल 2018 में कोलकाता में हुए विरोध प्रदर्शन की एक फोटो को एडिट करके ये गलत दावा किया जा रहा है कि ये बीजेपी के विरोध में किए गए हालिया प्रदर्शन की फोटो है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×