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सावधान! कुछ यूट्यूब चैनल लगातार लगवा रहे लॉकडाउन, कोरोना पर फैला रहे भ्रम

इन यूट्यूब चैनलों से बचकर रहिए, क्योंकि ये उतने ही खतरनाक हैं जितना Corona Virus.

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सावधान! कुछ यूट्यूब चैनल लगातार लगवा रहे लॉकडाउन, कोरोना पर फैला रहे भ्रम
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इन्हें आप सच का 'सीरियल किलर' कह सकते हैं. कुछ यूट्यूब चैनल कोरोना लॉकडाउन को लेकर लगातार भ्रम फैला रहे हैं. DNS News नाम का चैनल हर दिन मिसलीडिंग थंबनेल और तस्वीरों का इस्तेमाल कर Covid-19 और लॉकडाउन से जुड़ी फेक खबरें फैला रहा है. बिल्कुल इसी नक्शेकदम पर चलने वाले दो और यूट्यूब चैनल A1 Bharat News और Real Education पर भी हमारी नजर पड़ी जो कोरोना को लेकर भ्रामक खबरें फैला रहे हैं.

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कैसे फैलाते हैं भ्रामक खबरें?

सबसे पहले बात करते हैं DNS News चैनल की.

इस चैनल पर ज्यादातर वीडियो कोरोना और लॉकडाउन को लेकर बनाए गए थंबनेल के साथ पोस्ट किए गए हैं. कुछ थंबनेल में ये लिखा हुआ है कि पीएम मोदी ने लॉकडाउन का एलान कर दिया है, तो कुछ में लिखा हुआ है कि तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है.

चैनल का आर्काइव यहां देखें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/यूट्यूब)

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इस चैनल के झांसे में लाखों लोग आ रहे हैं. इसके एक-एक वीडियो को 50 हजार से लेकर 1,50,000 तक व्यू कुछ ही घंटों में मिल जा रहे हैं.

चैनल का लिंक यहां देखें

(फोटो: Altered by The Quint)

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वेबकूफ बनाने का तरीका

  • वीडियो का थंबनेल ऐसा होता है जो पहली ही नजर में किसी भी दर्शक को उस पर क्लिक करने पर मजबूर कर दे. उदाहरण के लिए, ''पीएम मोदी का लॉकडाउन पर संबोधन'' या ''तीसरी लहर की शुरुआत''

  • वीडियो के थंब में पीएम मोदी, अमित शाह जैसे चेहरों का इस्तेमाल.

  • दूसरे का कंटेंट इस्तेमाल करके भ्रम फैलाने की कोशिश.

अब चूंकि लगभग हर वीडियो में एक जैसी ही क्लिप है, इसलिए हर वीडियो को देखने के बजाय इस वीडियो पर नजर डालते हैं, जो हाल में ही अपलोड किया गया है

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शुरुआती क्लिप में देश में कोरोना के 46164, और केरल में 31445 केस बताती हुई एक एंकर की आवाज सुनाई दे रही है. ये खबर 26 अगस्त की है.

अगली ही क्लिप में यानी करीब 54 सेकंड में News 18 की एंकर फरहा नजर आ रही हैं, जो देसी वैक्सीन कोवैक्सीन पर बोलती दिखती हैं. इसके तुरंत बाद वो पीएम नरेंद्र मोदी के 14 सितंबर के अलीगढ़ दौरे पर बोलती दिख रही हैं.

इसके तुरंत बाद पीएम मोदी और 6 राज्यों के सीएम के साथ वर्चुअल मीटिंग की वो क्लिप आती है, जो लगभग हर वीडियो में जोड़ी गई है.

ये मीटिंग 16 जुलाई को हुई थी. जिसमें पीएम ने कोरोना की रोकथाम और बचने के उपायों के साथ-साथ वैक्सीनेशन पर भी बात की थी.

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हालांकि, हमें उस वीडियो में देश में लॉकडाउन की घोषणा और कोरोना की तीसरी लहर के शुरू होने से जुड़ी कोई भी बात होती नजर नहीं आई.

बाएं ओरिजिनल वीडियो, दाएं चैनल पर अपलोड की गई क्लिप

(फोटो: Altered by The Quint)

ये क्लिप जिन-जिन वीडियोज मे इस्तेमाल की गई है, उन्हें आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

हर वीडियो को इसी तरह से यहां-वहां से कंटेंट उठा कर तैयार किया गया है. किसी वीडियो में NEWS 18 के एंकर फरहा, जसप्रीत कौर और किशोर अजवाणी दिख रहे हैं, तो किसी में TV9 के एंकर समीर अब्बास.

हमने इस चैनल से संपर्क करने की भी कोशिश की, लेकिन न तो कमेंट करने का ऑप्शन ऑन था और न ही किसी तरह की कोई संपर्क जानकारी मिल पाई.

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अब बात करते हैं A1 Bharat News नाम के चैनल की.

नीचे स्क्रीनशॉट में आप देख सकते हैं, कि कैसे लॉकडाउन और कोरोना को लेकर वैसे ही दावे किए जा रहे हैं जैसा ऊपर DNS News करता नजर आ रहा है.

इस चैनल पर भी जाने-माने मीडिया चैनल्स की छोटी-छोटी क्लिप्स का इस्तेमाल कर पुरानी खबरें चलाई जा रही हैं.

पीएम मोदी, आज तक की अंजना ओम कश्यप और अमित शाह की तस्वीरों का इस्तेमाल कर, तो कभी शिक्षामंत्री और राष्ट्रपति को कोट कर ये फेक दावा भी किया जा रहा है कि देश में स्कूल बंद कर दिए गए हैं.

चैनल का लिंक यहां देखें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/यूट्यूब)

जबकि इस बारे में PIB ने साफ-साफ बताया था कि ये दावा फेक है कि स्कूल फिर से बंद किए जा रहे हैं.

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अब बात करते हैं Real Education नाम के चैनल की

सबसे पहले चैनल का स्क्रीनशॉट देखिए. ज्यादातर थंबनेल में अंजना ओम कश्यप और आज तक का लोगो दिख रहा है. ये सभी वीडियो हाल में ही अपलोड किए गए हैं. तस्वीरों में लिखी भ्रामक लाइनें किसी को भी ये सोचने पर मजबूर कर सकती हैं, कि ये सच हैं. जबकि इनमें से ज्यादातर खबरें दूसरे चैनलों की पुरानी क्लिप्स हैं.

आर्काइव यहां देखें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/यूट्यूब)

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इसके अलावा, हमें कोई भी ऐसी न्यूज रिपोर्ट या आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है कि देश में पीएम मोदी ने फिर से लॉकडाउन लगा दिया है या फिर लगाने वाले हैं.

मतलब साफ है कि ये यूट्यूब चैनल बिना किसी लागलपेट के फेक न्यूज फैला रहे हैं. थोड़ी सी टेक्निकल जानकारी का फायदा उठाकर वीडियो एडिट करते हैं, किसी दूसरे का कंटेंट कॉपी करते हैं. मिसलीडिंग थंबनेल बनाते हैं और परोस देेते हैं लोगों के सामने. जिसे कई बार कई लोग सच मानकर परेशान होते हैं.

इन चैनलों पर अपलोड किए जा रहे ये वीडियो पूरी तरह से भ्रामक हैं. इसके पहले, हमने एक ऐसे ही यूट्यूब चैनल Z to A की पड़ताल भी की है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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