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WFI Election: 12 साल बाद भारतीय कुश्ती संघ को मिलेगा नया अध्यक्ष, आज होगी वोटिंग

WFI: वोटिंग के जरिए 1 अध्यक्ष, 1 वरिष्ठ उपाध्यक्ष, 4-उपाध्यक्ष, 1-महासचिव, 1-कोषाध्यक्ष, 2-संयुक्त सचिव और 5-कार्यकारी सदस्य यानी कुल 15 पदों के लिए चुनाव होगा.

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भारतीय रेसलिंग फेडरेशन (WFI) को आखिरकार गुरुवार, 21 दिसबंर को अपना नया अध्यक्ष मिलने जा रहा है. आज फेडरेशन की बैठक होगी, जिसमें चुनाव होगा और वोटों की गिनती के बाद नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा होगी. बता दें कि, तीन बार अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुए बृजभूषण सिंह ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था.

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अध्यक्ष पद के लिए कौन हैं दावेदार?

चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए दो उम्मीदवार मैदान में हैं. एक हैं संजय कुमार सिंह जो बृजभूषण सिंह के करीबी हैं और दूसरा नाम है- अनीता श्योराण. अनीता इस पूरे चुनाव में अकेली महिला उम्मीदवार हैं. अनीता 2010 कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं और बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण मामले में गवाह भी हैं. इसके अलावा दो अन्य उम्मीदवार भी हैं लेकिन संजय सिंह और अनीता श्योराण मजबूत दावेदार हैं.

कब होगा नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान?

भारतीय कुश्ती संघ चुनाव के लिए 21 दिसंबर को दोपहर 11 बजे बैठक करेगी. इसी बैठक में वोट डाले जाएंगे. इसके बाद 1.30 बजे वोटों की गिनती शुरू होगी और गिनती पूरी होते ही नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा.

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कैसे होता है चुनाव, कौन डालता है वोट?

वोटिंग के जरिए 1 अध्यक्ष, 1 वरिष्ठ उपाध्यक्ष, 4-उपाध्यक्ष, 1-महासचिव, 1-कोषाध्यक्ष, 2-संयुक्त सचिव और 5-कार्यकारी सदस्य यानी कुल 15 पदों के लिए चुनाव होगा.

WFI के चुनावों में राज्य और यूनियन टेरेटरी के फेडरेशन अपने-अपने प्रतिनिधी भेजते हैं. इस बार के चुनाव में 25 राज्य संघ अपने वोट डालेंगे. हर एक संघ के 2 सदस्य वोट करते हैं यानी कुल 50 लोग वोट करेंगे.

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बृजभूषण सिंह को क्यों हटना पड़ा?

बृजभूषण सिंह का कार्यकाल खत्म हो गया है. साथ ही बृजभूषण दोबारा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे, क्योंकि स्पोर्ट्स कोड के हिसाब से कोई व्यक्ति 3 कार्यकाल यानी 12 साल से ज्यादा लगातार अध्यक्ष पद पर नहीं रह सकता. WFI का एक कार्यकाल 4 साल का होता है.

बृजभूषण सिंह 2012 में री-इलेक्शन में पहली बार WFI अध्यक्ष बने थे इसके बाद 2015 और 2019 में भी वो अध्यक्ष का चुनाव जीतते रहे. लेकिन अब वे इसके लिए एलिजिबल नहीं हैं. अगर फिर से उन्हें अध्यक्ष का चुनाव लड़ना है तो 4 साल का गैप लेना होगा, जिसे कूलिंग ऑफ पीरियड कहते हैं. यही कारण है कि बृजभूषण चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.

इसके अलावा जब पहलवानों ने प्रदर्शन किया था तब खेल मंत्रालय में भी पहलवानों को भरोसा दिलाया था कि बृजभूषण या उनके परिवार का कोई भी सदस्य इस बार WFI चुनावों में खड़ा नहीं होगा.

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