(आईएएनएस)। दावोस में हाल में संपन्न विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में रिकॉर्ड संख्या में प्रतिनिधि शामिल हुए।
यह बैठक 23 से 25 मई तक दावोस में हुई थी। भारत के करीब 100 प्रतिभागी तथा कई राजनीतिक नेता इसमें शामिल हुए और उन्होंने ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा तथा स्वास्थ्य के मुद्दे पर भारत की स्थिति से मंच को रूबरू कराया।
डब्ल्यूईएफ में पीयूष गोयल ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों के बावजूद सरकार विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में भर को लेकर बहुत सकारात्मकता है।
गोयल ने स्पष्ट किया कि भारत की गेहूं निर्यात पर लगे प्रतिंबध को तत्काल हटाने की योजना नहीं है।
अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा कि इस साल बैठक में चीन, जापान और दक्षिण कोरिया की उपस्थिति बहुत कम रही। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह एक अवसर था क्योंकि यूरोपीय कारोबारी अपने निवेश तथा कारोबार में विविधता लाने के लिए विकल्पों की तलाश कर रहे थे। भारत अपनी राजनीतिक स्थिरता और सुधारवादी नीतियों के कारण उनके लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प रहा।
कई वैश्विक निवेशक भारत में निवेश के इच्छुक दिखे। सेंट गोबिन के सीईओ बेन्वी बेजिन ने कहा कि उनकी कंपनी अगले चार साल में भारत में 5,500 करोड़ रुपये से अधिक निवेश की योजना बना रही है।
तमिलनाडु, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश के कई मंत्री भी दावोस गये थे। रिपोर्ट के अनुसार, आंध्रप्रदेश ने तीन कंपनियों के साथ करीब 1,600 करोड़ रुपये के नवीकरणीय ऊर्जा संबंधी समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं।
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