25 अप्रैल को भारत में मौजूद अफगानिस्तान (Afghanistan) की डिप्लोमैट, जाकिया वरदाक पर (Zakia Wardak) मुंबई एयरपोर्ट से 25 किलो सोने की तस्करी करने का आरोप लगा था. इस मामले के बाद 5 मई, रविवार को जाकिया ने अपने राजनयिक पद से इस्तीफा दे दिया है. जाकिया ने दिल्ली स्थित अफगान दूतावास और मुंबई स्थित वाणिज्य दूतावास दोनों में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
अपने सोशल मीडिया 'X' पर जाकिया ने लिखा कि उन पर हुए तमाम व्यक्तिगत हमलों के वजह से उन्हें यह फैसला लेना पड़ रहा है. उन्होंने लिखा...
"मुझे व्यक्तिगत हमलों और मानहानि का सामना करना पड़ा है. यह हमले न केवल मुझपर थे बल्कि इससे मेरे परिवार और करीबी रिश्तेदारों को भी गुजरना पड़ रहा है. हालांकि, अपने खिलाफ ऐसे बयानबाजी के लिए मैंने खुद को तैयार रखा था पर मेरे परिवार वालों को इसमें घसीटना सही नहीं है. इस सिस्टम के अंदर एकमात्र महिला राजनयिक होने के वजह से मुझे टारगेट किया गया है. "
उन्होंने आगे लिखा, “हालांकि अपने देश की सेवा करना और सकारात्मक बदलाव में योगदान देना मेरा जुनून है. लेकिन मुझे लगता है कि अपनी भलाई और सामान्य क्षमता में काम करने की योग्यता को प्राथमिकता देना जरूरी है. इसलिए, मैंने अपनी वर्तमान भूमिका से इस्तीफा देने का कठिन निर्णय लिया है."
आपको बता दें कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार के दौरान जाकिया वरदाक को भारत में पहली महिला राजनयिक नियुक्त किया गया था.
स्मगलिंग में पकड़े जाने के बाद दिया इस्तीफा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जाकिया ने यह फैसला सोने की तस्करी मामले में पकड़े जाने के बाद लिया है. पिछले हफ्ते, डीआरआई (Directorate of Revenue Intelligence) ने 58 वर्षीय अफगानी वरिष्ठ राजनयिक जाकिया वारदाक को मुंबई एयरपोर्ट पर दुबई से 25 किलो सोना कपड़े में छुपाकर लाते हुए पकड़ा था. स्मगल किए सोने की कीमत भारत में 18.6 करोड़ है.
कपड़े में छुपाया था 25 किलो सोना
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, जाकिया उनका बेटा 25 अप्रैल को दुबई से एमिरेट्स की फ्लाइट से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने ग्रीन चैनल का विकल्प चुना जो यह दर्शाता है कि उसके पास सीमा शुल्क अधिकारियों के सामने पेश करने के लिए कुछ भी नहीं है.
विशिष्ट इनपुट पर कार्रवाई करते हुए, डीआरआई के अधिकारियों ने उन्हें एयरपोर्ट परिसर से बाहर निकलने से पहले रोक दिया और जांच करने पर जोर दिया. जांच के दौरान उसके सामान में कुछ भी नहीं मिला, लेकिन व्यक्तिगत जांच में दो दर्जन से अधिक सोने की बिस्किट बरामद हुईं.
रिपोर्ट के मुताबिक जाकिया सोने की बिस्किट अपनी जैकेट, लेगिंग्स, नीकैप और कमर की बेल्ट में छिपाई थी. सोना जब्त कर लिया गया था क्योंकि जाकिया इस बात की पुष्टि करने के लिए कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सकी थी कि यह सोने की खरीद वैध है.
कस्टम्स ऐक्ट 1962 के तहत अगर किसी व्यक्ति के पास से जब्त हुए सोने की कीमत 1 करोड़ से ज्यादा होती है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार करके आपराधिक मामला दर्ज किया जाता है. हालांकि, जाकिया के पास अफगानिस्तान की तरफ से जारी किया गया डिप्लोमैटिक पासपोर्ट है और इसी वजह से फिलहाल वह गिरफ्तारी से बच गईं. लेकिन उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और राजनयिक को एक नोटिस भेजा गया है.
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