भारतीय-अमेरिकी कारोबारी नेता अजय बंगा (Ajay Banga) को बुधवार को विश्व बैंक का अगला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. नियुक्ति के बाद कहा गया कि विश्व बैंक (World Bank) समूह विकास प्रक्रिया पर उनके (बंगा) साथ काम करने के लिए उत्सुक है. बंगा डेविड मलपास की जगह लेंगे.
बैंक ने एक प्रेस बयान में कहा, "विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों ने आज अजय बंगा को 2 जून, 2023 से शुरू होने वाले पांच साल के कार्यकाल के लिए विश्व बैंक के अध्यक्ष के रूप में चुना है."
जो बाइडेन ने किया था नॉमिनेट
इस साल फरवरी में, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की थी कि अमेरिका बंगा (63) को विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए नामांकित करेगा, क्योंकि वह "इतिहास के इस महत्वपूर्ण क्षण" में वैश्विक संस्था का नेतृत्व करने के लिए "सबसे अच्छे व्यक्ति" हैं.
बयान में आगे कहा गया-
बोर्ड विश्व बैंक समूह विकास प्रक्रिया पर बंगा के साथ काम करने के लिए उत्सुक है-जैसा कि अप्रैल 2023 की बैठक में चर्चा की गई थी और विश्व बैंक समूह की सभी महत्वाकांक्षाओं और सबसे कठिन विकास चुनौतियों से निपटने के प्रयासों पर विकासशील देशों का सामना करना पड़ रहा है.
कौन हैं विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा?
मास्टरकार्ड के पूर्व सीईओ बंगा वर्तमान में जनरल अटलांटिक में वाइस चेयरमैन के पद पर कार्यरत हैं. बंगा दो शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में से किसी एक का प्रमुख बनने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और सिख-अमेरिकी हैं.
राष्ट्रपति बइडेन ने कहा था कि भारत में पले-बढ़े, बंगा का विकासशील देशों के सामने मौजूद अवसरों और चुनौतियों और गरीबी को कम करने और समृद्धि का विस्तार करने के अपने महत्वाकांक्षी एजेंडे को कैसे पूरा कर सकता है, इस पर एक अनूठा दृष्टिकोण है.
पद्मश्री से सम्मानित अजय बंगा
अजय बंगा ने मध्य अमेरिका के लिए साझेदारी के सह-अध्यक्ष के रूप में उपराष्ट्रपति हैरिस के साथ भी मिलकर काम किया है. उन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
बंगा से क्या उम्मीद?
उम्मीद की जा रही है कि बंगा एक महत्वपूर्ण समय में गरीबी-विरोधी ऋणदाता की बागडोर संभालेंगे, क्योंकि अमेरिका और पश्चिमी देश जलवायु परिवर्तन जैसे व्यापक वैश्विक मुद्दों के समाधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सुधारों पर जोर दे रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)