'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के सहयोगी अवतार सिंह खांडा (Avtar Singh Khanda) का 15 जून को ब्रिटेन में निधन हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक अवतार को सोमवार को बेचैनी की शिकायत के बाद बर्मिंघम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. अभी मौत की सही वजह सामने नहीं आई है. कुछ रिपोर्ट में पता चला है कि उसे ब्लड कैंसर की बीमारी थी.
अवतार सिंह खांडा कौन था?
The Tribune की रिपोर्ट के मुताबिक अवतार सिंह खांडा का जन्म पंजाब के मोगा जिले में हुआ था. उसे लंदन में भारतीय उच्चायोग में 19 मार्च को हुई हिंसा के पीछे का मास्टरमाइंड माना जाता है. कथित तौर पर उसने ही उच्चायोग से तिरंगा उतारा था.
खांडा के पिता कुलवंत सिंह खुकराना एक केएलएफ (Khalistan Liberation Force) आतंकवादी था, जिसको 1991 में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था. खांडा की मां का संबंध KLF के ही एक आतंकवादी गुरजंट सिंह बुधसीगवाला से था, जिसका पाकिस्तान से भी संबंध था.
अवतार सिंह खांडा ने इस साल की शुरुआत में लंदन में भारतीय उच्चायोग में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. यह वो वक्त था, जब अमृतपाल सिंह फरार था और उसकी भारत में तलाश की जा रही थी.
खांडा अपने स्टूडेंट वीजा पर ब्रिटेन में एंट्री लिया और इसके बाद उसे राजनीतिक शरण दी गई.
Times of India की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तत्कालीन समकक्ष डेविड कैमरन के साथ खांडा के बारे में चिंताओं को साझा किया था.
खांडा ने लंदन में अन्य चरमपंथियों- जोगा सिंह, कुलदीप सिंह चहेरू और गुरशरण सिंह के साथ मिलकर भारतीय उच्चायोग के बाहर बार-बार प्रदर्शन किया. यूके स्थित खालिस्तानी समर्थक केटीवी पर खांडा और जगजीत सिंह जीता बार-बार भारत के खिलाफ बोलता था. भारतीय समुदाय द्वारा बार-बार इसके खिलाफ बोलने के बाद यूके ने अप्रैल 2022 में चैनल को बंद कर दिया.
Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक खांडा को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस (IEDs) बनाने का एक्सपर्ट बताया गया था. यह बताया गया कि उसने यूके के गुरुद्वारों में बम बनाने के कुछ लाइव प्रदर्शन भी किए थे.
खुफिया रिपोर्टों में कहा गया है कि खांडा ने गुरु नानक गुरुद्वारा, बर्मिंघम (दिसंबर 2014) और गुरुद्वारा सिंह सभा, ग्लासगो (जनवरी 2015) में ये प्रदर्शन किए.
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक खंडा ने ऐसे आरोपों से इनकार किया था.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि खांडा ने ही अमृतपाल को प्रशिक्षित किया था और दीप सिद्धू की मौत के बाद वारिस पंजाब दे के नेतृत्व में उसके उभार के लिए वो अहम था.
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक जब अमृतपाल सिंह गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार था, तो खांडा उसके संपर्क में था और पुलिस ने उस दौरान खांडा की मां और बहन को भी हिरासत में लिया था. खांडा एक कट्टरपंथी चैनल खालिस्तान टीवी से भी जुड़ा रहा है.
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