बेरूत बंदरगाह पर दो घातक विस्फोटों से मरने वालों की संख्या बढ़कर 135 हो गई है, जबकि लेबनान की कैबिनेट ने राजधानी शहर में दो हफ्ते के लिए आपात स्थिति घोषित कर दी है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री हमाद हसन ने बुधवार को मृतकों के नए आंकड़ों की पुष्टि की, उन्होंने कहा कि वर्तमान में करीब 5,000 लोग घायल हैं.
इस बीच, आपात स्थिति लेबनानी सेना की निगरानी में होगी जो शहर में सुरक्षा बनाए रखेगी. शुरुआती जानकारी से खुलासा हुआ है कि बंदरगाह पर गोदाम संख्या 12 में 2014 से संग्रहित 2,700 टन अमोनियम नाइट्रेट मंगलवार शाम को विस्फोट का कारण हो सकता है.
लेबनान की राजधानी बेरूत के पोर्ट पर 4 अगस्त 2020 को दो भयानक विस्फोट हुए, जिनमें 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और हजारों घायल हो गए. इन धमाकों ने 10 किलोमीटर दूर तक की इमारतों को भी हिला दिया.
कैबिनेट ने बंदरगाह के अधिकारियों को गिरफ्तार करने का निर्णय लिया जो इस बारे में वाकिफ थे और अमोनियम नाइट्रेट के भंडारण में शामिल थे, इसने लोक निर्माण मंत्रालय से त्रिपोली बंदराह के माध्यम से आयात और निर्यात गतिविधियों को सुरक्षित करने की भी अपील की.
उच्च राहत आयोग उन लोगों के लिए स्कूल और होटल खोलने पर काम करेगा, जिन्होंने अपने घरों को खो दिया है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र भी नुकसान का आकलन कर रहा है और वैकल्पिक सहायता कार्यों की योजना बना रहा है. हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और कई देशों से आपातकालीन प्रतिक्रिया में सहायता के लिए विशेषज्ञों को बेरुत भेजा जा रहा है.
इस बीच, बेरुत के गवर्नर मारवन अबोद ने कहा कि विस्फोटों से शहर को 3-5 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है.
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