काबुल (Kabul) में आतंकी हमले के एक दिन बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को उनके शीर्ष सुरक्षा सलाहकारों ने शुक्रवार को बताया कि अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल में एक और आतंकी हमला होने की संभावना है. अफगानिस्तान से नागरिकों को निकालने में अमेरिकी सेनाओं के लिए अगले कुछ दिनों तक स्थिति काफी खतरनाक होने वाली है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने एक बयान में कहा कि बाइडेन को उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम और सैन्य कमांडरों ने आश्वासन दिया है कि काबुल में हवाई अड्डे पर अधिकतम सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं.
अफगानिस्तान से भागने की कोशिश करने वालों की मदद करने वाली अमेरिकी सेना शुक्रवार को भी हमलों के लिए एलर्ट पर थी, जिस वक्त काबुल एयरपोर्ट पर आईएस-के द्वारा हमला किया गया. हमले में लगभग 100 लोगों के मारे जाने की खबर है.
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि एयरपोर्ट पर तमाम तरह के खतरे हैं. उन्होंने वाशिंगटन में मीडिया से कहा कि हम पूरी तैयारी के साथ आने वाले समय के लिए तैयार हैं.
अमेरिकी सेनाएं व अन्य सहयोगी दल अपने नागरिकों और कमजोर अफगानियों को निकालने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. जो बाइडेन ने 31 अगस्त की सीमा तय की है, उसके पहले ही ऑपरेश पूरा करने की कोशिश है.
शुक्रवार को अमेरिका के कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि हमले में 170 लोगों की मौत हुई है, और पिछले एक दशक में अमेरिकी सेनाओं के लिए यह एक घातक घटना सिद्ध हुई है.
भविष्य में अफगान स्वतंत्र रूप से कर सकेंगे यात्रा: तालिबान
तालिबान के एक अधिकारी ने दहशत को कम करने के उद्देश्य से एक टेलीविजन प्रोग्राम में कहा कि वैध दस्तावेजों के साथ अफगानिस्तान के नागरिक भविष्य में किसी भी समय स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकेंगे. आंदोलन के राजनीतिक आयोग के उप प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई ने कहा कि अफगान सीमाएं खुली रहेंगी और लोग किसी भी समय अफगानिस्तान में और सीमा के बाहर भी यात्रा करने में सक्षम होंगे.
अमेरिकी अधिकारियों द्वारा साझा की गई सूची पर गुस्सा: रिपोर्ट
पोलिटिको द्वारा तैयार की गई एक विवादास्पद रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में अमेरिकी अधिकारियों ने तालिबान को उन अफगानों की एक सूची दी, जिन्होंने देश में अमेरिकी सेना की सहायता की थी. इस वजह से यह डर पैदा हो गया है कि नई सरकार उस जानकारी का उपयोग करके उन्हें परेशान कर सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी अधिकारियों ने तालिबान को अमेरिकी नागरिकों, ग्रीन कार्ड धारकों और अफगान सहयोगियों के नाम दिए ताकि उन्हें काबुल में एयरपोर्ट पर प्रवेश करने की अनुमति दी जा सके.
इसी तरह की एक घटना और सामने आई है जिसमें ये पता चला है कि ब्रिटिश दूतावास में काबुल के कर्मचारियों की पहचान करने वाले दस्तावेजों को देखा गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)