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ब्रेग्जिट: ब्रिटिश PM बोरिस जॉनसन ने खोया बहुमत

जॉनसन की अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी के 21 सांसदों ने उनके खिलाफ वोट किया.

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की ब्रेग्जिट नीति को संसद में बड़ा झटका लगा है. दरअसल सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के बागी सांसदों ने विपक्षी सांसदों के साथ मिलकर जॉनसन के पक्ष को हरा दिया है.

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जुलाई में प्रधानमंत्री बने जॉनसन की ब्रेग्जिट नीति पर 3 सितंबर को संसद में पहली अहम परीक्षा थी. ब्रेग्जिट मुद्दे के एक प्रस्ताव पर हाउस ऑफ कॉमन्स में हुई वोटिंग में जॉनसन को केवल 301 ने सांसदों ने समर्थन दिया, जबकि 328 सांसदों ने उनका विरोध किया. जॉनसन की अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी के 21 सांसदों ने उनके खिलाफ वोट किया.

जॉनसन का विरोध कर रहे सांसद अब बिना किसी समझौते के ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने (नो डील ब्रेग्जिट) पर रोक लगवा लगवा सकते हैं. जबकि जॉनसन ने कह रखा था कि डील हो या ना हो, 31 अक्तूबर तक ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा. अब इस समयसीमा को टलवाने के लिए बागी और विपक्षी सांसद 4 सितंबर को बिल लाकर और उसे पारित करवाकर कानून भी बना सकते हैं.

वोटिंग में अपनी हार के बाद जॉनसन ने कहा कि वो बागियों और विपक्षी सांसदों की मांग के आगे सरेंडर नहीं करेंगे, भले ही उन्हें समय से पहले आम चुनाव करवाने के लिए संसद में प्रस्ताव लाना पड़े.

उन्होंने कहा कि अगर संसद 4 सितंबर को 'नो डील ब्रेग्जिट' को ब्लॉक करने वाले बिल के लिए वोट करेगा तो जनता को चुनना होगा तो इस मसले को सुलझाने और ब्रेग्जिट को आगे के लिए 17 अक्टूबर को कौन यूरोपीय संघ जाएगा.

विपक्ष के नेता और लेबर पार्टी सांसद जेरेमी कॉर्बिन ने कहा कि 3 सितंबर की वोटिंग ने साबित कर दिया है कि ब्रिटेन में ‘नो डील ब्रेग्जिट’ के लिए कोई बहुमत नहीं है, ऐसे में जॉनसन को चुनाव करवाने के किसी प्रस्ताव से पहले नो डील ब्रेग्जिट को रोकना चाहिए.

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