ADVERTISEMENTREMOVE AD

Canada Election: 18 NRI को मिली जीत, जगमीत सिंह साबित हो सकते हैं किंग मेकर

प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो PM पद पर बने रहेंगे, लेकिन उनकी पार्टी बहुमत के आंकड़े को छूने में नाकाम रही

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कनाडा (Canada) के 44वीं संसद का चुनाव (federal elections) के बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) अपने पद पर बने रहेंगे, लेकिन जिस बहुमत की उम्मीद में उन्होंने मध्यावधि चुनाव का ऐलान किया था, उनकी लिबरल पार्टी उसको पाने में नाकाम रही.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

खास बात ये है कि 98% वोटों की गिनती के बाद साफ है कि भारत में "मिनी पंजाब" के नाम से जाने वाले कनाडा की संसद में भारतीय-कनाडाई लोगों का एक बड़ा दल होगा. भारतीय मूल के 18 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.

पिछले कैबिनेट में शामिल सभी तीन भारतीय-कनाडाई मंत्रियों ने जीत दर्ज की है. साथ ही कनाडा की राजनीति में भारतीय मूल के सबसे कद्दावर नेता और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के लीडर जगमीत सिंह को भी जीत मिली.

जगमीत सिंह साबित हो सकते हैं किंग मेकर

36 दिनों के चुनावी कैंपेन और 600 मिलियन डॉलर के खर्चे वाले चुनाव के बाद भी कनाडा का नया हाउस ऑफ कॉमन्स (लोकसभा की तरह) पिछले से बहुत अलग नहीं दिखेगा. 15 अगस्त को मौजूदा प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के नेता जस्टिन ट्रूडो ने मध्यावधि चुनाव का ऐलान किया था.

98% वोट गिने जाने तक प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के उम्मीदवार 157 राइडिंग (संसदीय क्षेत्र) में आगे चल रहे हैं या जीत चुके हैं. खास बात है कि सत्ताधारी लिबरल पार्टी को ठीक इतनी ही सीटें 2019 के चुनाव में मिली थीं.

यानी जस्टिन ट्रूडो 338 सीटों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में 170 के बहुमत के निशान से 13 सीट पीछे हैं. ऐसे में 25 सीटों के साथ जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) किंगमेकर साबित हो सकती है.

0

हालांकि NDP के लिए यह बड़ी जीत नहीं है. NDP ने 2019 के अपने वोट शेयर 15.98% को बढ़ाकर 17.7% कर लिया है लेकिन हाउस ऑफ कॉमन्स में उसे केवल एक अधिक सीट पर जीत मिली है. 24 से बढ़कर 25.

व्यक्तिगत तौर पर जगमीत सिंह इंडो-कनाडाई लोगों के बीच एक लोकप्रिय नेता हैं और लगभग 38% वोटों के साथ बर्नाबी साउथ से फिर से चुने कर उन्होंने यह साबित भी किया.

कहां से कौन NRI उम्मीदवार जीता?

पिछली कैबिनेट में डिफेंस मिनिस्टर हरजीत सिंह सज्जन ने कंजरवेटिव पार्टी के सुखबीर गिल को हराकर वैंकूवर साउथ से फिर जीत हासिल की. डाइवर्सिटी मिनिस्टर चागर ने भी अपनी वाटरलू सीट बरकरार रखी और पब्लिक सर्विस मिनिस्टर आनंद अपनी ओकविले सीट पर विजयी रहे.

ब्रिटिश कोलंबिया में तीन बार के लिबरल पार्टी से सांसद सुख धालीवाल ने NDP के प्रतिद्वंदी अवनीत जोहल को हराकर अपनी सरे-न्यूटन सीट बरकरार रखी. दो बार के लिबरल पार्टी के सांसद रणदीप सिंह सराय ने भी NDP की सोनिया अंधी को हराकर सरे सेंटर सीट पर जीत दर्ज की.

क्यूबेक में मौजूदा इंडो-कनाडाई सांसद अंजू ढिल्लों ने अपनी डोरवाल-लाचिन-लासाल सीट बरकरार रखी. अलबर्टा में जसराज सिंह हल्लन ने कैलगरी फारेस्ट लॉन सीट पर फिर से जीत दर्ज की, लेकिन उनके साथी कंजर्वेटिव सांसद जग सहोता लिबरल पार्टी के साथी सिख जॉर्ज चहल से हार गए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ओंटारियो में पंजाबी बहुल शहर ब्रैम्पटन ने भारत-कनाडा के सभी मौजूदा सांसदों- मनिंदर सिद्धू, रूबी सहोता, सोनिया सिद्धू और कमल खेड़ा को फिर से अपना सांसद चुना है.

भारतीय मूल की चंद्र आर्य ने भी ओंटारियो में नेपियन सीट पर फिरसे गीत दर्ज की है. लिबरल पार्टी के लिए मिसिसॉगा-माल्टन सीट जीतने वाले वकील इकविंदर गहीर ओटावा में हाउस ऑफ कॉमन्स जाने वाले सबसे कम उम्र के सांसदों में से एक होंगे.

कंजर्वेटिव पार्टी के लिए एडमॉन्टन मिल वुड्स सीट पर उप्पल ने एक बार फिर जीत दर्ज की है. गौरतलब है कि उप्पल जालंधर कैंट से कांग्रेस विधायक परगट सिंह के बहनोई हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×