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भारत-कनाडा तनाव 3 महीनों में कैसे सुलगा? खालिस्तानी नेता की हत्या, आरोप, एडवाइजरी...

कनाडा के भारत पर गंभीर आरोप. इंडिया का जवाब. शीर्ष राजनयिकों को वापस भेजा जाना.. जानिए अबतक क्या क्या हुआ?

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भारत और कनाडा (Tension Between India & Canada) के बीच तनाव बढ़ चुका है. वजह है कनाडा के भारत पर लगाए गए आरोप. आरोप लगाया गया है कि कनाडा की धरती पर एक खालिस्तान समर्थक नेता की हत्या में भारत का हाथ होने की 'आशंका' है.

और इसी के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव उफान पर है. घटनाओं में शामिल कई मुद्दे हैं लेकिन मुख्य रूप से तीन महीने पहले हुई सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील और चिंताजनक स्थिति पैदा कर दी है.

आइए एक नजर डालें कि पिछले महीनों में क्या-क्या हुआ और स्थिति यहां तक कैसे पहुंच गयी?

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18 जून, निज्जर की हत्या: कथित तौर पर खालिस्तानी अलगाववादी आंदोलन का हिस्सा रहे ब्रिटिश कोलंबिया के सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर को 18 जून को सरे, बीसी (कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया का शहर) में एक गुरुद्वारे की पार्किंग में उनकी कार के अंदर गोली मार दी गई थी.

निज्जर को दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी, जिससे कनाडा और दुनिया भर में खालिस्तान समर्थक समूहों में हंगामा मच गया.

पंजाब पुलिस के अनुसार, वह जालंधर के भारसिंह पुरा गांव का रहने वाला था और 1996 में कनाडा चला गया और बाद में उसने अपना खुद का संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) बनाया था.
कनाडा के भारत पर गंभीर आरोप. इंडिया का जवाब. शीर्ष राजनयिकों को वापस भेजा जाना.. जानिए अबतक क्या क्या हुआ?

हरदीप सिंह निज्जर

(फोटो: एक्स)

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3 जुलाई, भारत ने कनाडाई राजनयिक को बुलाया: 8 जुलाई को टोरंटो में खालिस्तान समर्थकों द्वारा आयोजित एक निर्धारित रैली के जवाब में भारत सरकार ने कनाडाई उच्चायुक्त कैमरन मैके को तलब किया.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कनाडा में कथित तौर पर भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाने वाले पोस्टरों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि, "खालिस्तान समर्थकों को जगह देने से भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ सकता है."

15 अगस्त और एक विरोध प्रदर्शन: कनाडा में भारत का स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित किया गया, जिसमें वैंकूवर में वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया.

सुरक्षा के बीच कई प्रदर्शनकारी वाणिज्य दूतावास के बाहर एकत्र हुए और एक भारतीय तिरंगे को कथित तौर पर जला दिया गया. लेकिन, वाणिज्य दूतावास में समारोहों में कोई व्यवधान नहीं आया.

2 सितंबर, कनाडा के साथ व्यापार को 'होल्ड' किया गया: कनाडाई सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि वे व्यापार मिशन को रोक रहे हैं. यह ट्रूडो के नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए आने से कुछ दिन पहले की बात है.

9-10 सितंबर, तनाव भरा जी20: जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान, भारत ने कनाडा की धरती से अलगाववाद को बढ़ावा देने वाले और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले 'खालिस्तान समर्थक' तत्वों के बारे में अपनी कड़ी चिंताओं से कनाडा को अवगत कराया था.

दूसरी ओर, ट्रूडो ने मीडिया को संबोधित करते हुए 'खालिस्तानी' सिखों की उपस्थिति और कनाडा में भारत के कथित हस्तक्षेप का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की रक्षा करेगा. साथ ही हम हिंसा को रोकने, नफरत को पीछे धकेलने के लिए भी हमेशा मौजूद हैं."
कनाडा के भारत पर गंभीर आरोप. इंडिया का जवाब. शीर्ष राजनयिकों को वापस भेजा जाना.. जानिए अबतक क्या क्या हुआ?

G20 के दौरान सरकार का बयान

(फोटो: पीआईबी)

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जी20 शिखर सम्मेलन में ट्रूडो की उपस्थिति ज्यादा नहीं दिखी. वापस लौटते समय कनाडाई प्रधानमंत्री के विमान में तकनीकी खराबी आई गई थी जिसके कारण वे एक दिन और भारत में रुके रहे.

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राजीव चन्द्रशेखर, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री

(फोटो: एक्स)

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कनाडा की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता का ट्वीट

(फोटो: एक्स)

14 सितंबर, पीयूष गोयल का बयान: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने फर्स्ट पोस्ट को बताया कि कनाडा के साथ चल रही व्यापार वार्ता "कुछ मुद्दों" पर असहमति के कारण रुकी हुई है.

15 सितंबर, कनाडा के व्यापार मंत्री की टिप्पणी: 15 सितंबर को, कनाडाई व्यापार मंत्री मैरी एनजी ने कहा कि भारत के साथ व्यापार मिशन को स्थगित किया जा रहा है. यह जी20 शिखर सम्मेलन के कुछ ही दिनों बाद और कनाडा के यह कहने के लगभग दो हफ्ते बाद आया कि वे स्थिति का "जायजा" ले रहे हैं.

18 सितंबर, ट्रूडो ने लगाए गंभीर आरोप: सोमवार को कनाडाई संसद में एक सत्र के दौरान, ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई खुफिया एजेंसियां ​​निज्जर की हत्या के आरोपों की जांच कर रही हैं और उन्होंने भारत में उच्च स्तरीय सुरक्षा और एजेंसियों के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं. जी20 के दौरान पीएम मोदी के सामने "इस मुद्दे को बहुत स्पष्ट रूप से उठाया था."

“कनाडाई धरती पर किसी कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी भी विदेशी सरकार की संलिप्तता हमारी संप्रभुता का अस्वीकार्य उल्लंघन है... कनाडा एक कानून-सम्मत देश है, हमारी संप्रभुता की रक्षा में हमारे नागरिकों की सुरक्षा मौलिक है."
जस्टिन ट्रूडो

कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली: मीडिया को संबोधित करते हुए मेलानी जोली ने कहा, "यह आरोप कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में विदेशी सरकार का कोई प्रतिनिधि शामिल हो सकता है, न केवल परेशान करने वाला है बल्कि पूरी तरह से अस्वीकार्य है. अगर यह सच साबित हुआ, तो यह संप्रभुता और देशों के एक-दूसरे के साथ व्यवहार करने के बुनियादी नियम का गंभीर उल्लंघन होगा."

उन्होंने यह भी कहा, "हमने कनाडा से एक शीर्ष भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया है." भारतीय मिशन के मंत्री पवन कुमार राय की पहचान उस 'शीर्ष राजनयिक' के रूप में की गई है जिसके बारे में उन्होंने बात की थी.

इस बीच, कनाडा में विपक्षी नेताओं ने भी इन्हीं आरोपों में भारत को चेतावनी दी है, जिसमें कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोइलिवरे और कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह भी शामिल हैं.

19 सितंबर, भारत ने आरोपों को खारिज कर दिया: निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोपों से इनकार करते हुए, विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि "कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत की भागीदारी बेतुकी है और पूरी तरह से खारिज कर दी गई है."

बयान में कहा गया, "इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय दिया गया है और जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं."
कनाडा के भारत पर गंभीर आरोप. इंडिया का जवाब. शीर्ष राजनयिकों को वापस भेजा जाना.. जानिए अबतक क्या क्या हुआ?

विदेश मंत्रालय ने कनाडा के सारे आरोपों को सिरे से खारिज किया

(फोटो: एक्स)

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भारत ने शीर्ष कनाडाई राजनयिक को निष्कासित किया: कनाडा द्वारा जैसे ही एक शीर्ष भारतीय राजनयिक को निष्कासित किया गया उसके बाद भारत ने भी देश में "एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के लिए" कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया.

क्विंट हिंदी को पता चला है कि निष्कासित राजनयिक ओलिवियर सिल्वेस्टर हैं, जो कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा में एक उच्च पदस्थ खुफिया अधिकारी और भारत में शीर्ष राजनयिक हैं.

कनाडा के भारत पर गंभीर आरोप. इंडिया का जवाब. शीर्ष राजनयिकों को वापस भेजा जाना.. जानिए अबतक क्या क्या हुआ?

भारत ने कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया

(फोटो: एक्स)

20 सितंबर- भारत ने जारी की एडवाइजरी: भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक टकराव के बीच, विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक एडवाइजरी जारी कर कनाडा में बसे भारतीय नागरिकों और छात्रों से "अत्यधिक सावधानी बरतने" का आग्रह किया है.

एडवाइजरी में कहा गया है, "कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से समर्थित हेट क्राइम्स और आपराधिक हिंसा को देखते हुए, वहां मौजूद सभी भारतीय नागरिकों और यात्रा करने का विचार कर रहे लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया जाता है."

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