कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित रूप से भारत के हाथ होने की बात कही है. इसके खिलाफ एक्शन लेते हुए कनाडा ने सोमवार, 18 सिंतबर को एक शीर्ष भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को निष्कासित कर दिया. जिसके जवाब में भारत ने भी कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निकाल दिया है और देश छोड़ने के लिए पांच दिन का समय दिया है.
भारत हमेशा से निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या में अपनी भूमिका को नकारता रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर हरदीप सिंह निज्जर कौन है? उस पर क्या आरोप हैं? कौन-कौन से मामले दर्ज हैं?
कौन है हरदीप सिंह निज्जर?
हरदीप सिंह निज्जर पंजाब में जालंधर के फिल्लौर क्षेत्र के भरसिंहपुर गांव का रहने वाला था. लेकिन, भारत में वांटेड होने के बाद कनाडा में जाकर बस गया था. वहां, वह सरे के गुरु नानक सिख गुरद्वारे का अध्यक्ष था.
साल 2020 में भारत सरकार ने उसे खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन में शामिल करार दिया था.
साल 2018 में जस्टिन ट्रूडो जब भारत की यात्रा पर आये थे तब उन्हें खालिस्तानी आतंकवादियों की एक सूची सौंपी गई उसमें निज्जर का भी नाम था. फिर, इसके बाद भारत सरकार ने साल 2020 में पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा देने के आरोप में खलिस्तान समर्थक संगठन के जिन 9 लोगों को आतंकवादी घोषित किया था, उसमें हरदीप सिंह निज्जर का भी नाम शामिल था.
सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत खलिस्तान समर्थकों पर यह कार्रवाई की थी. ये 9 खलिस्तानी आतंकवादी पाकिस्तान सहित 5 अन्य देशों में बैठकर भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे. आरोप है कि हरदीप सिंह निज्जर पिछले कई सालों से पंजाब में लगातार खालिस्तान टेरर फोर्स के मॉड्यूल को खड़ा करने की कोशिश में लगा था. उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे.
भारत में 10 लाख का इनामी था हरदीप सिंह निज्जर
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भगोड़े खालिस्तान आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. इसके साथ ही NIA ने जालंधर के भरसिंह पुरा गांव में उसकी संपत्तियां कुर्क भी की थी.
आरोप है कि हरदीप सिंह निज्जर ने दिसंबर 2015 में ब्रिटिश कोलंबिया के मिसीगन हिल्स में खालिस्तानी उग्रवादियों के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया था, जहां छोटे हथियारों का प्रशिक्षण दिया गया था. केटीएफ उग्रवादियों (KTF militants) को प्रशिक्षण देने और उन्हें भारत में सक्रिय करने में प्रमुख रूप से शामिल होने का आरोप भी निज्जर पर है.
कुछ रिपोर्टों से यह भी संकेत मिलता है कि निज्जर एक अन्य कनाडाई निवासी मनदीप सिंह के साथ मिलकर बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) जैसे संगठन को फिर से पूरी ताकत के साथ खड़ा करने का काम कर रहे हैं.
हरदीप सिंह निज्जर पर दर्ज मामले
साल 2010 में पंजाब पुलिस ने पटियाला में सत्य नारायण मंदिर के पास एक विस्फोट में शामिल होने के लिए हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
साल 2015 में धर्मगुरुओं की हत्या करने की साजिश रचने के आरोप में भी उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
साल 2016 में भी लुधियाना में डाक पुलिस स्टेशन में निज्जर के खिलाफ हिंसा भड़काने और आतंकी गतिविधियों को हवा देने के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
साल 2016 में ही उसके ऊपर तब मामला दर्ज किया गया, जब उसने कनाडा में एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था.
निज्जर पर क्या आरोप?
हरदीप सिंह निज्जर पर आरोप था कि वह प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का भारत में आतंकवादी हमले करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है और साजिश रच रहा है. निज्जर पंजाब में टारगेट मर्डर को अंजाम देने के इरादे से सहानुभूति रखने वालों का एक नेटवर्क विकसित कर विभिन्न मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम (एमटीएसएस) सेवाओं और हवाला चैनल के माध्यम से भारत में पैसा भेजता है.
निज्जर पर आरोप था कि उसने भारत में आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान में रहने वाले सहयोगियों से हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था करने की कोशिश में जुटा रहता था. निज्जर, सिखों में अलगाववादी भावना भड़काने, भारत सरकार के खिलाफ आंदोलन करने और सोशल मीडिया पर पोस्ट, ऑडियो, वीडियो समेत विभिन्न संदेश के माध्यम से हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उकसाने की कोशिश करता था.
आरोप है कि निज्जर, खालिस्तान टाइगर फोर्स के जगतार सिंह तारा और ISI के लोगों से मिलने के लिए साल 2013-14 में पाकिस्तान भी गया था. जगतार सिंह तारा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह और बुडैल जेल ब्रेक में शामिल था, उसे साल 2015 में थाईलैंड में गिरफ्तार किया गया था.
हरदीप सिंह पर कनाडा में क्या कार्रवाई?
हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ साल 2015 और 2016 में एक लुक आउट सर्कुलर और एक रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था. साल 2018 में उसे कनाडा के अधिकारियों ने कुछ समय के लिए हिरासत में लिया था, लेकिन फिर उस पर बिना कोई आरोप दायर किए उसे रिहा कर दिया गया था.
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