ADVERTISEMENTREMOVE AD

चीन ने नहीं बदली पॉलिसी, तो 2050 तक भारत से काफी पीछे छूट जाएगा

2016 के अंत तक चीन में 60 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या 23.08 करोड़ थी

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

चीन के एक एक्‍सपर्ट ने चीन की विवादित 'परिवार नियोजन नीति' को खत्म करने की अपील की है. एक्‍सपर्ट का दावा है कि चीन अगर 'वन बेबी पॉलिसी' पर चलता रहे, तो 2050 तक चीन की जनसंख्या भारत की आबादी का केवल 65 प्रतिशत रह जाएगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हालांकि चीन ने 2016 में 'वन बेबी पॉलिसी' को खत्म कर दिया था और पति-पत्नी को दो बच्चे पैदा करने की इजाजत दी थी, क्योंकि बुजुर्ग लोगों की आबादी बढ़ने के साथ युवाओं की संख्या कम हो रही थी.

चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अगस्त 2017 में कहा था कि 2016 के अंत तक चीन में 60 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या 23.08 करोड़ थी. ये कुल आबादी का 16.7 प्रतिशत है.

अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक, उस देश या क्षेत्र को बुजुर्ग समाज के रूप माना जाता है, जहां कुल आबादी में 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या कम से कम 10 प्रतिशत हो.

यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन - मैडिसन के शोधकर्ता यी फुजियान ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से कहा, "चीन निम्न प्रजनन दर के जाल में फंस गया है और आगे चलकर बुजुर्ग आबादी उसके आर्थिक विकास की राह में रोड़ा अटकाएगी. चीन को अपने सामाजिक ताने-बाने में बड़े सुधार करने चाहिए. इस दिशा में पहला कदम बेबी पॉलिसी को खत्म करना है."

उन्होंने कहा कि अगर चीन 2050 और 2100 तक अपनी प्रजनन दर 1.2 पर बनाए रखता है, तो उसकी जनसंख्या भारत की आबादी का क्रमश: 65 प्रतिशत और 32 प्रतिशत रह जाएगी.

चीन ने 1979 में एक बच्चे वाली परिवार नियोजन नीति पेश की थी. साल 2016 में इसे एक से बदलकर दो कर दिया गया. चीनी अधिकारियों का अनुमान है कि एक बच्चे वाली नीति से 40 करोड़ बच्चों के जन्म को रोका गया.

(इनपुट भाषा से)

यह भी पढ़ें: आबादी के मामले में चीन से आगे निकला भारत!

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×