कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते भारतीय स्मार्टफोन इंडस्ट्री को कुछ प्रोडेक्ट की सप्लाई बंद होने का असर दिखना शुरू हो गया है. बाजार पर नजर रखने वालों ने यह बात कही है.
घरेलू स्मार्टफोन इंडस्ट्री मोबाइल के स्पेयर पार्ट्स समेत दूसरी चीजों के लिए चीन पर काफी हद तक निर्भर है. इंडस्ट्री चीन में बंद कारखानों के फिर से खुलने और इस हफ्ते किसी भी समय आपूर्ति शुरू होने पर करीब से नजर रख रहा है.
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज महिंद्रू ने बताया ,
हां , उद्योग पहले से ही असर महसूस कर रहा है और कुछ उत्पादों और मॉडलों पर असर पड़ा है. अभी किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी क्योंकि कुछ चुनिंदा कारखानों के चरणबद्ध तरीके से फिर से उत्पादन शुरू करने की उम्मीद है. “
उन्होंने कुछ भी विशेष जानकारियों देने से इनकार करते हुए कहा कि हम इस पूरे हफ्ते स्थिति पर नजर रख रहे हैं.
उद्योग से जुड़े लोगों ने माना कि जमीनी स्तर पर स्थिति खराब है क्योंकि चीन से भारी मात्रा में स्मार्टफोन से जुड़े सामग्रियों की आपूर्ति होती है. उन्होंने कहा कि इस बाजार में नरमी है और मांग में सुस्ती है.
रियलमी ने ई - मेल से भेजे जवाब में कहा कि उसकी सप्लाई चेन पर अभी असर नहीं पड़ा है और भारत में रियलमी के प्रोडेक्शन / स्टॉक पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है. कंपनी ने कहा , " भारत में बिकने वाले रियलमी के सभी स्मार्टफोन यहीं बने हैं.
कंपनी ने कहा कि वह स्मार्टफोन इंडस्ट्री पर प्रभाव की करीब से निगरानी कर रहे हैं.
शिओमी , ओप्पो , विवो और पोको ने कमी पर प्रभाव पड़ने को लेकर भेजे गए ई - मेल का जवाब नहीं दिया है. कोरोनावायरस प्रकोप का असर बार्सिलोना में होने वाले मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (एमडब्ल्यूसी) पर भी दिखने लगा है. मोबाइल कांग्रेस 24 से 27 फरवरी को होनी है.
एरिक्सन , अमेजन , सोनी समेत दूसरी बड़ी कंपनियों ने मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस से किनारा कर लिया है.
वीवो ने मंगलवार को बयान में कहा कि वह कोरोना वायरस प्रकोप पर करीब से नजर रख रहा है और मोबाइल कांग्रेस और उसने उससे जुड़े दूसरे कार्यक्रमों में कदम रखने से दूर रहने का फैसला किया है.
यह भी पढ़ें: WHO ने कोरोना वायरस को नाम दिया ‘कोविड-19’
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)