उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार को सिंगापुर में मुलाकात होनी है. इस समिट को लेकर दक्षिण कोरिया के लोग राजनीतिक आधार पर बंटे नजर आ रहे हैं.
कुछ लोगों को उम्मीद है कि इस मुलाकात से कोल्ड वॉर जैसे टकराव का अंत होगा और उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों का मोह छोड़ देगा. दूसरी ओर कुछ लोगों को प्योंगयांग की मंशा पर संदेह है. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिनका कहना है कि उनके अपने देश (दक्षिण कोरिया) में ही बहुत सारी आर्थिक समस्याएं हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है.
एक प्रोफेशनल वर्कर ली ईयून-हो (70) ने कहा कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों को कभी नहीं छोड़ेगा, क्योंकि किम ने तो उन्हें बनाया ही इसलिए है, ताकि सत्ता पर उसकी पकड़ बनी रहे.
समिट से मुझे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है. फिर से एकीकरण असंभव होगा, क्योंकि चार ताकतें (अमेरिका, चीन, रूस और जापान कोरिया) कोरिया को एक देश देखना पसंद नहीं करते.ली ईयून-हो, प्रोफेशनल वर्कर
पूर्व बैंककर्मी चोई हो-चुल (73) ने कहा कि उन्हें इस बात पर संदेह है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार का मोह छोड़ देगा.
मैं शर्तिया तौर पर कहता हूं कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार का मोह नहीं छोड़ेगा. अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को उत्तर कोरिया से प्यार और सख्ती, दोनों तरह से पेश आना चाहिए, ताकि उत्तर कोरिया परमाणु हथियार त्याग दे.चोई हो-चुल, पूर्व बैंक कर्मी
एक गृहिणी ली हाय-जी (31) को ट्रंप-किम जोंग की मुलाकात से कई उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों को छोड़ने से कहीं ज्यादा उनकी दिलचस्पी इस ऐलान में है कि कोरियाई युद्ध खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा, ‘‘इससे एक बार फिर एकीकरण की दिशा में एक कदम और बढ़ेंगे.''
एक पेंशनर चो सुंग-क्वोन (62) ने कहा, ‘‘अगर हम लड़ना बंद कर दें, तो यह अच्छी चीज होगी. किम और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन की मुलाकात के बाद मेरी नजरों में किम की छवि बहुत सुधरी है.''
मुझे लगता है कि उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों को त्याग देगा, क्योंकि वह जानता है कि उसके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है.चो सुंग-क्वोन, पेंशनर
बेरोजगारी का सामना कर रहे ली डो क्यू (27) ने कहा कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच हाल में हुई मुलाकात ने राजनीति में उसकी दिलचस्पी बढ़ा दी थी, लेकिन यह रुचि जल्द ही खत्म भी हो गई है. उन्होंने कहा, ‘‘इन दिनों नौकरी तलाशने में आ रही दिक्कतों के कारण मुझे उन बातों में दिलचस्पी नहीं रही.''
(इनपुट भाषा से)
ये भी पढ़ें- ‘ऐतिहासिक’ मुलाकात के 2 दिन पहले ही सिंगापुर पहुंचे ट्रंप-किम जोंग
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)