रेगिस्तानी शहर दुबई (Dubai) में अचानक बाढ़ जैसी स्थिति ने सभी को चौंका दिया है. दुबई (Dubai Floods) की सड़कें और इंटरनेशनल एयरपोर्ट पानी में डूब चुके हैं. दुबई की ऐसी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं. लेकिन दुबई में अचनाक बाढ़ जैसी स्थिति की वजह क्या है?
दुबई में भारी हुई. दुबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 25 मिनट के लिए अपने कामकाज को रोकना तक पड़ गया.
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एकत्र किए गए मौसम संबंधी आंकड़ों का हवाला दिया है, और बताया है कि दुबई में 24 घंटों में डेढ़ साल जितनी बारिश हुई है.
सोमवार देर रात शुरू हुई बारिश लगभग 20 मिलीमीटर (0.79 इंच) हुई जिससे दुबई की रेत और सड़कें भीग गईं. ये बारिश अगले दिन मंगलवार को तेज हो गई और दिन के अंत तक 142 मिलीमीटर (5.59 इंच) से अधिक बारिश ने दुबई को डुबा ही दिया. दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक औसत वर्ष में 94.7 मिलीमीटर (3.73 इंच) बारिश होती है.
यूएई सरकार ने भारी बारिश से पहले चेतावनी भी जारी की थी. लोगों से घर पर रहने और केवल "अत्यधिक आवश्यकता होने पर" बाहर निकलने की सलाह दी थी. इसके बाद सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के लिए भी कह दिया गया था.
दुबई में अचानक भारी बारिश क्यों हुई?
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, जिस बारिश से दुबई पानी में डुब गया है, वह अरब सागर को पार करते हुए ओमान की खाड़ी में आगे बढ़ने वाला एक बड़ा तूफान है.
इसी वजह से ओमान और दक्षिणपूर्वी ईरान में भी ऐसे ही हालात हैं. भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से हाल के दिनों में कम से कम 18 लोगों की मौत भी हो गई है.
विशेषज्ञों का मानना है कि ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से ऐसे बिन मौसम बारिश हो रही है.
वहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारी बारिश का कारण क्लाउड सीडींग है यानी आर्टिफिशियल रेन. इसका मतलब तकनीकों का इस्तेमाल कर बारिश करवाना.
आर्टिफिशियल तरीके से बारिश करवाने के लिए यूएई सरकार कुछ कैमिकल्स का इस्तेमाल करती है. मोटे तौर पर बताए तो सरकार वायुमंडल में कुछ खास कैमिकल्स को मिलाती है ताकि बारिश हो सके.
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