G7 समूह की अहम बैठक के पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों ने पश्चिमी देशों से भारत समेत कुछ दूसरे देशों को वैक्सीन बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की आपूर्ति में छूट देने को कहा है. मैक्रों ने कहा कि इन देशों समेत अफ्रीका महाद्वीप की जरूरत के वैक्सीन निर्माण के लिए इस तरह के कदम जरूरी हैं.
पेरिस में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैक्रों ने भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा WTO में पेश किए गए उस प्रस्ताव का समर्थन भी किया, जिसमें कोविड-19 से जुड़े पेटेंट को तात्कालिक तौर पर सस्पेंड किए जाने की मांग की गई थी.
मैक्रों ने कहा, "जैसा हम जानते हैं कि G7 के कुछ सदस्य देशों द्वारा वैक्सीन उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिससे कुछ देशों में उत्पादन प्रभावित हो रहा है. मैं यहां भारत के एक उदाहरण का जिक्र करना चाहूंगा."
मैक्रों ने आगे कहा, "भारत और विशेषकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में कुछ G7 इकनॉमीज द्वारा वैक्सीन उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर निर्यात प्रतिबंध लगाने के चलते उत्पादन रुक गया है"
मैक्रों ने बताया कि फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका G7 सम्मेलन में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स पर छूट दिए जाने संबंधी प्रस्ताव पेश करेंगे. इन पेटेंट को वैक्सीन उत्पादन की राह में रोढ़ा नहीं बनना चाहिए.
बता दें G-7 सदस्यों के बीच11 से 13 जून के बीच कॉर्नवेल के ब्रिटिश रिसॉर्ट में समिट होने वाली है. G-7 में फ्रांस, जर्मनी, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली और कनाडा शामिल हैं. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 12 जून और 13 जून को ऑउटरीच सेशन में ऑनलाइन हिस्सा लेंगे.
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