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पाकिस्तान के पूर्व PM नवाज शरीफ को 10 और उनकी बेटी को 7 साल की सजा

पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में 10 साल की सजा सुनाई है.

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पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में 10 साल कैद और 80 लाख पाउंड (129 अरब पाकिस्तानी रुपये) जुर्माने की सजा सुनाई है. पनामा पेपर्स कांड से जुड़े भ्रष्टाचार के तीन मामलों में से एक में ये सजा सुनाई गई है. इस तरह देश में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव से पहले उनकी पार्टी पीएमएल -एन को एक तगड़ा झटका लगा है. अदालत ने शरीफ की 44 साल की बेटी और मामले की सह-आरोपी मरियम को 7 साल की कैद और उन पर 20 लाख पौंड (32 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) का जुर्माना लगाया. मरियम के पति और शरीफ के दामाद कैप्टन (सेवानिवृत) मोहम्मद सफदर को 1 साल की कैद की सजा सुनाई. जांच अधिकारियों से सहयोग नहीं करने को लेकर उन्हें यह सजा सुनाई गई.

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लंदन में हैं नवाज शरीफ और उनकी बेटी

फिलहाल, नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम लंदन में हैं. इससे पहले शरीफ परिवार के वकील ने जवाबदेही अदालत में इस मामले में एक हफ्ते देरी से फैसला सुनाने की अपील की थी. शरीफ और मरियम की ओर से दायर इसी तरह के आवेदनों में वकील ने शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज की खराब सेहत का हवाला देकर शरीफ परिवार के फैसले के वक्त मौजूद न रह सकने का कारण बताया.

शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ ये फैसला 25 जुलाई के आम चुनाव के कुछ ही हफ्ते पहले आया है. इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने बंद कमरे में यह फैसला सुनाया. फैसले के तुरंत बाद मरियम ने ट्विटर पर कहा, ‘‘अनदेखी ताकतों के आगे दृढता से खड़े होने के लिए यह बहुत छोटी सजा है. अत्याचार से लड़ने का मनोबल आज बढ़ गया.'' मरियम को शरीफ का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा है.

बता दें कि ये मामला मामला लंदन के पॉश एवेनफील्ड हाउस में चार फ्लैटों के मालिकाना हक से जुड़ा है. कौमी एहतिसाब ब्यूरो (एनएबी) ने पिछले साल ऐतिहासिक पनामागेट फैसले के तहत आए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यह मामला दर्ज किया था. एनएबी के उप महाभियोजक सरदार मुजफ्फर अब्बासी ने कहा कि आरोपी के पास अपील दायर करने के लिए 10 दिनों का वक्त है. अदालत ने एवेनफील्ड अपार्टमेंट्स भी पाकिस्तान के पक्ष में जब्त करने का आदेश दिया. एनएबी ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि शरीफ के दो बार प्रधानमंत्री रहने के दौरान 1990 के दशक में कथित तौर पर ये संपत्तियां खरीदी गई थी.

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