ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए भारत बड़ी तेजी से टेस्टिंग और एक्विजिशन प्लेग्राउंड बनता जा रहा है. एक सीनियर इंटरनेट एनालिस्ट के मुताबिक FAANG कही जाने वाली ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए चीन की तुलना में भारत टेस्टिंग और एक्विजिशन के लिए ज्यादा पसंदीदा बाजार बन कर उभरा है. आरबीसी कैपिटल मार्केट के मार्क महाने के मुताबिक भारत में ग्रोथ की संभावनाएं भी चीन की तरह ही हैं. लेकिन यहां चीन की तुलना में रेगुलेशन कम है. महाने खुद को सिलिकन वैली का सबसे सीनियर इंटरनेट एनालिस्ट बताते हैं.
यहां WhatsApp पर पेमेंट फीचर का बीटा टेस्ट हो चुका है
भारत हाल में फेसबुक और नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियों के लिए टेस्टिंग और एक्विजिशन का गवाह रहा है. फेसबुक ने यहां वॉट्सऐप के लिए पेमेंट फीचर का बीटा-टेस्ट किया था. नेटफ्लिक्स ने यहां 199 रुपये रुपये का मोबाइल प्लान लॉन्च किया था. नेटफ्लिक्स के बेसिक प्लान से यह काफी सस्ता है. साथ ही इसने यहां मार्केट शेयर कैप्चर करने के लिए ओरिजिनल कंटेंट भी बनाया है.
चीन की तुलना में भारत में पाबंदियां कम
ग्लोबल टेक्नोलॉजी के लिए भारत इस सेक्टर का पसंदीदा बाजार बन कर क्यों उभर रहा है? इस पर महाने ने कहा कि भारत इस मामले में चीन की तरह संरक्षणवादी देश नहीं है. हालांकि भारत पर्सनल डेटा को देश में रखने के लिए कानून बनाने जा रहा है. फिर भी ग्लोबल कंपनियां को यहां अपना ऑपरेशन चलाए रखने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी.
ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों का यहां ऑर्गेनिक ग्रोथ तो हो ही रहा है. वह अधिग्रहण भी कर रही हैं. चूंकि अपने मूल देश और पश्चिमी यूरोप में वे ज्यादा निगरानी के दायरे में है. इसलिए उनके लिए यह मौका एशिया खास कर भारत में अपना ग्रोथ तेज करने का है. अमेजन.कॉम ने पहले यहां फ्लिपकार्ट को खरीदने की कोशिश की थी. लेकिन आखिर इसमें वॉलमार्ट को कामयाबी मिली.
महाने ने कहा कि फेसबुक, नेटफ्लिक्स, अमेजन और अल्फाबेट इंक जैसी सभी ग्लोबल कंपनियों को भारत में कामयाबी मिल सकती है. महाने ने कहा कि अमेजन के रेवेन्यू में भारत की हिस्सेदारी पांच फीसदी से भी कम है. लेकिन पांच साल के भीतर इस लेवल पर पहुंचने की संभावना भारतीय बाजार में मौजूद है.
(इनपुट : ब्लूमबर्गक्विंट)
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