पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Pakistani Prime Minister) के आवास के बाहर पुलिस कार्रवाई पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. पीटीआई (PTI) समर्थकों और कानूनी एजेंसियों के बीच दिन भर बवाल और तनातनी जारी रही. जिसके कुछ घंटे बाद लाहौर हाईकोर्ट (LHC) ने बुधवार 15 मार्च को जमान पार्क में कल 16 मार्च सुबह 10 बजे तक पुलिस कार्रवाई रोकने का आदेश दिया है.
लाहौर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति तारिक सलीम शेख ने पीटीआई नेता फवाद चौधरी द्वारा जमान पार्क के बाहर "अत्याचार" को रोकने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इन आदेशों को पारित किया है.
इससे पहले, अदालत ने पंजाब के महानिरीक्षक उस्मान अनवर, प्रांतीय मुख्य सचिव और इस्लामाबाद पुलिस को तीन बजे तक अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था.
15 मार्च की सुबह, पंजाब पुलिस और रेंजर्स के साथ मिलकर इस्लामाबाद पुलिस ने तोशखाना मामले के संबंध में पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने के प्रयासों को फिर से शुरू किया. जो मंगलवार 14 मार्च से शुरू हुआ था. इमरान ने कई बार अभियोग को छोड़ दिया, जिसकी वजह से न्यायाधीश ने उनके लिए गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.
हालांकि, उन्हें पीटीआई कार्यकर्ताओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने उन पर पथराव किया, जिसका पुलिस ने आंसू गैस के गोले से जवाब दिया.
प्रमुख घटनाक्रम:
लाहौर हाईकोर्ट ने पुलिस को कल सुबह 10 बजे तक जमान पार्क के बाहर अभियान रोकने का निर्देश दिया है.
जमान पार्क के बाहर पीटीआई कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं क्योंकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां पीछे हट गई हैं.
पुलिस का कहना है कि पीएसएल को समायोजित करने के लिए अभियान रोक दिया गया है.
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान खान के गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने की मांग पर फैसला सुरक्षित रखा.
पुलिस और पीटीआई समर्थकों के बीच झड़प हुई है.
इमरान खान का कहना है कि गिरफ्तारी के पीछे असली मंशा उनका "अपहरण और हत्या" करना है.
पूर्व प्रधान मंत्री ने सरकार और न्यायपालिका से "इस तमाशे को समाप्त करने" की उम्मीद जताई है.
पंजाब पुलिस प्रमुख का कहना है कि 54 पुलिसकर्मी "गंभीर रूप से घायल" हैं.
इस बीच, इस्लामाबाद हाई कोर्ट (IHC) ने तोशखाना मामले में उनके लिए जारी गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने की इमरान की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
पार्टी ने एक दिन पहले जमान पार्क के बाहर पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ताओं के आमने-सामने आने के बाद याचिका दायर की थी. याचिका को आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने लिया था.
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