पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार गिर गई. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 वोट पड़े. वोटिंग से पहले नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री को हटाने के लिए एक विदेशी साजिश में हिस्सा नहीं ले सकते. अपने इस्तीफे की घोषणा करने से पहले, कैसर और सूरी प्रधानमंत्री भवन में इमरान खान से मिलने गए. नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर के इस्तीफे के बाद सरदार अयाज सादिक ने आगे की कार्यवाही शुरू कर दी.
यहां तक कैसे पहुंचा घटनाक्रम
इससे पहले 3 अप्रैल को, नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ बहुप्रतीक्षित अविश्वास प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह संविधान के अनुच्छेद 5 के खिलाफ जाता है.
बर्खास्तगी के कुछ ही मिनटों बाद एक टेलीविजन संबोधन में खान ने घोषणा करते हुए कहा था कि उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को सभी असेंबली को भंग करने की सलाह दी है, जिससे आगे मध्यावधि चुनाव का रास्ता बनेगा. इसके बाद राष्ट्रपति ने प्रस्ताव पर ध्यान देते हुए नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था. इसके साथ ही इमरान खान ने अपनी कैबिनेट को भी भंग कर दिया था.
इसके बाद विपक्ष ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुनवाई के दौरान 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को अंसवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया था, जिसके चलते इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का रास्ता साफ हो गया था.
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