पाकिस्तान (Pakistan) को क्रिकेट में विश्वकप जिताने वाला कप्तान आज राजनीति के पिच पर हार गया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एकबार फिर पाकिस्तान के नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव की तलवार इमरान खान (Imran Khan) के सिर पर लटकी और अविश्वास प्रस्ताव 174-0 से पास हो गया.
इमरान खान की सत्ताधारी पार्टी, पीटीआई ने बुधवार को ही 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में अपना बहुमत उस समय खो दिया जब उसके गठबंधन सहयोगी - MQM-P - ने कहा कि उसके सात सांसद विपक्षी गठबंधन को वोट देंगे. MQM-P से पहले ही कई अन्य सहयोगियों और PTI MNA ने इमरान खान का साथ छोड़ दिया था.
ऐसे में सवाल है कि इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाने के बाद आगे क्या होगा? पाकिस्तान में अगला प्रधानमंत्री कैसे चुना जायेगा? क्या कहता है पाकिस्तान का संविधान और वहां के नेशनल असेंबली का नियम-कानून?
नए मुस्लिम प्रधानमंत्री का प्रस्ताव
पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार यदि प्रधानमंत्री की सीट खाली हो जाती है, तो सदन बिना किसी बहस या किसी अन्य मसले में उलझे सबसे पहले नए मुस्लिम प्रधानमंत्री का चुनाव करने के लिए आगे बढ़ेगा.
प्रधानमंत्री पद के लिए कोई भी सांसद किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव या समर्थन कर सकता है. लेकिन किसी भी सांसद का नाम दो बार प्रस्तावित नहीं किया जा सकता है - उसका नाम केवल एक ही नामांकन पत्र में भरा जा सकता है.
एक बार जब नाम तय हो जाए, उसके बाद उम्मीदवारों के नाम प्रधानमंत्री का चुनाव होने वाले दिन से एक दिन पहले दोपहर 2 बजे तक असेंबली के सचिव को भेज दिए जाने चाहिए.
प्रस्ताव की जांच
इसके बाद नेशनल असेंबली के स्पीकर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों, उनके प्रस्तावकों या समर्थकों की मौजूदगी में जमा किये गए नामांकन पत्र की जांच करेंगे. नियमों के मुताबिक स्पीकर इन तीन आधार पर नामांकन पत्र को अस्वीकार कर सकते हैं:
उम्मीदवार नेशनल असेंबली का सदस्य नहीं है
नियम 32 के किसी प्रावधान का पालन नहीं किया गया हो
प्रस्तावक, अनुमोदक या उम्मीदवार का हस्ताक्षर फर्जी हो
इस स्क्रूटनी के बाद स्पीकर के पास सामने आये नामांकन पत्रों को स्वीकार करने या अस्वीकार करने की शक्ति होती है. यदि स्पीकर नामांकन पत्र को खारिज करता है तो उसे इसके पीछे के कारणों को संक्षेप में दर्ज करना होगा. असेंबली के नियमों के अनुसार स्पीकर का फैसला अंतिम होगा.
नामांकन पत्र वापस लेना
प्रधान मंत्री पद का कोई भी उम्मीदवार चुनाव होने से पहले किसी भी समय अपनी उम्मीदवारी वापस ले सकता है.
नए प्रधानमंत्री के लिए वोटिंग
चुनाव के दिन नेशनल असेंबली में स्पीकर पहले सभी उम्मीदवारों के नाम पढ़कर सुनाएंगे. यदि चुनाव लड़ने के लिए केवल एक उम्मीदवार ने नामांकन भरा है और उसके पास बहुमत का आंकड़े (172) से अधिक वोटों हैं तो अध्यक्ष उसे निर्वाचित घोषित कर देगा.
लेकिन अगर उम्मीदवार बहुमत के आंकड़े से अधिक वोट अपने पाले में सुरक्षित करने में विफल रहता है, तो सारी कार्यवाही नए सिरे से शुरू होगी.
दूसरी तरफ यही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों की संख्या दो या अधिक है, और यदि कोई भी उम्मीदवार पहले राउंड की वोटिंग में बहुमत हासिल नहीं करता है, तो सबसे अधिक वोट पाने वाले उम्मीदवारों के बीच दूसरे राउंड की वोटिंग होगी.
यदि सबसे अधिक वोट पाने वाले दो या दो से अधिक उम्मीदवारों के वोटों की संख्या समान है, तो उनके बीच आगे तब तक मुकाबला होगा जब तक कि उनमें से एक को उपस्थित सदस्यों के वोटों का बहुमत प्राप्त नहीं हो जाता.
प्रधानमंत्री के चुनाव के बाद
किसी एक उम्मीदवार के प्रधान मंत्री चुने जाने के बाद, नेशनल असेंबली का अध्यक्ष राष्ट्रपति को लिखित रूप में रिजल्ट भेजेगा. दूसरी तरफ सचिव राजपत्र में प्रकाशित होने के लिए एक अधिसूचना जारी करेगा.
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