Indian Student Died in USA: अमेरिका में एक और भारतीय छात्र की लाश बरामद हुई है. मंगलवार, 9 अप्रैल को पुलिस को 25 वर्ष के मोहम्मद अब्दुल अरफाथ की बॉडी मिली जो मास्टर्स की पढ़ाई कर रहा था. अफरात पिछले 1 महीने से ज्यादा समय से लापता था.
अरफाथ के चचेरे भाई फरहान (बदला नाम) ने द क्विंट से बात करते हुए कहा, ''पुलिस ने दोपहर करीब 3.43 PM ( भारतीय समयानुसार 1.13 AM) पर हमें फोन किया और बताया कि उन्हें क्लीवलैंड की एरी झील से अरफात की बॉडी मिली है.’’
फरहान ने आगे बताया, “उन्होंने झील से बॉडी निकाल ली है और उसे पोस्टमार्टम के लिए कोरोनर के ऑफिस भिजवा दिया है.''
मोहम्मद अब्दुल अरफाथ मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला था. अरफाथ मई 2023 में अमेरिका के ओहायो की क्लीवलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी से इन्फॉर्मेशनल टेक्नोलॉजी में मास्टर्स करने गया था. अरफाथ अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था. पिता सलीम सेंटरिंग का काम करते हैं और मां गृहिणी हैं.
अरफाथ के चचेरे भाई, फरहान वाशिंगटन डीसी में एक सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हैं. वो 7 मार्च को अरफाथ के लापता होने के बाद से लगातार पुलिस के संपर्क में हैं.
फरहान ने बताया कि अरफाथ का पासपोर्ट उनके पास था जिससे पुलिस बॉडी की पहचान कर पाई. फरहान ने कहा, ‘’मैंने अभी खुद बॉडी नहीं देखी है. मैं कल उसे देख कर पहचान करूंगा.’’
अरफाथ के माता-पिता को भी इसकी जानकारी दे दी गई है. वे भारतीय वाणिज्य दूतावास के संपर्क में हैं. दूतावास ने उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
न्यूयॉर्क स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार को ट्वीट करके अरफाथ की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की. दूतावास ने अपने पोस्ट में लिखा ‘’ हमे यह जानकर दुख हुआ कि मोहम्मद अब्दुल अरफाथ की ओहियो के क्लीवलैंड में बॉडी मिली है. उनकी जिनको पिछले 1 महीने से खोजा जा रहा था. हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं. हम उनके पार्थिव शरीर को भारत भेजे जाने के लिए, उनके परिवार को हर संभव सहायता दे रहे हैं.’’
भारतीय दूतावास ने आगे लिखा कि वह मामले की गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है.
द क्विंट ने अरफाथ के लापता होने पर उनके पिता से बात की थी. उन्होंने हमें बताया था कि आखिरी बार उन्होंने अपने बेटे की आवाज 7 मार्च को सुनी थी. बातचीत में अरफाथ पूरी तरह से नॉर्मल लग रहा था.
‘’मैंने उससे फोन पर बात की. उसके बाद जब मैंने उस नंबर पर कॉल करने की कोशिश की तो वह बंद था. मैंने अगले दो दिन तक यह सोचकर इंतजार किया कि वह वापस कॉल करेगा. लेकिन तीसरे दिन मुझे शक होने लगा’’सलीम, अरफाथ के पिता
'उसका सारा समान कमरे में ही था'
फरहान ने क्विंट से बात करते हुए कहा कि जब उसके चाचा (अरफाथ के पिता) ने उसे पूरी बात बताई तो उसने अरफाथ को कॉल करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई. इसके बाद फरहान ने अरफाथ के रूममेट्स से बात की तो पता चला कि उसका भाई गायब है. फरहान ने 9 मार्च को स्थानीय पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
फरहान ने कहा कि अरफात के दोस्तों ने बताया कि वह 7 मार्च को घर से निकला था और तब से वापस नहीं लौटा. इसके बाद अगले ही दिन फरहान क्लीवलैंड चला आया.
फरहान ने कहा, "जब मैं उसके (अरफाथ के) कमरे में गया, तो मैंने देखा कि फोन और लैपटॉप को छोड़कर उसका सारा सामान कमरे में था. यहां तक कि उसका पर्स भी कमरे में ही था. ऐसा लग नहीं रहा था कि वो कहीं जाने के लिए निकला था.’’
इसके बाद फरहान ने क्लीवलैंड पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की. पुलिस ने फरहान को बताया कि अरफाथ का फोन 7 मार्च को पास के वॉलमार्ट में ट्रेस हुआ है.
CCTV फुटेज से यह बात कन्फर्म हुई कि वह उस दिन वॉलमार्ट में था. फरहान ने कहा कि इसके बाद क्या हुआ, कोई नहीं जानता. उसने कहा, "जब हमने पुलिस से पूछा कि उसके बाद वह कहां गया, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था.’’
क्लीवलैंड पुलिस डिवीजन ने 9 मार्च को अरफाथ के लापता होने का सर्क्युलर जारी किया था.
द क्विंट ने क्लीवलैंड पुलिस और क्लीवलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी से संपर्क किया है. अभी उनका जवाब नहीं आया है. जवाब आने पर हम स्टोरी को अपडेट करेंगे.
इस बीच फरहान ने बताया कि क्लीवलैंड के स्थानीय नेता और न्यूयार्क स्थित भारतीय दूतावास ने उनके भाई की गुमशुदगी के बारे उनसे संपर्क किया था.
फरहान का दावा है कि भारतीय दूतावास ने उन्हें बताया था कि पुलिस ने दूतावास के साथ केस से जुड़ी जानकारी साझा करने से इंकार कर दिया था.
21 मार्च को, न्यूयॉर्क स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर लिखा कि वे अमेरिका में अरफाथ के परिवार और अधिकारियों के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा, "हम उसे जल्द से जल्द खोज निकालने के लिए स्थानीय कानूनी एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं.”
द क्विंट ने अधिक जानकारी के लिए शिकागो और न्यूयॉर्क स्थित भारतीय दूतावासों से भी संपर्क किया. उनके जवाब का इंतजार है.
'हमें 1,200 डॉलर दो वरना हम उसकी किडनी बेच देंगे': पिता ने क्या बताया था?
अरफाथ के गायब होने के 12 दिन बाद, 19 मार्च को उसके पिता सलीम ने आरोप लगाया कि उन्हें अमेरिका के एक नंबर से एक मैसेज आया है कि उनका बेटा उनके पास है.
इस बारे में फरहान ने जानकारी देते हुए कहा, ''मैसेज करने वाले ने कहा कि अरफाथ बड़ी मुसीबत में है क्योंकि उस पर ड्रग माफिया का पैसा बकाया है. इसके बाद उन्होंने उसकी सलामती के लिए 30 मिनट के भीतर 1200 डॉलर (करीब 1 लाख) की मांग की.’’
फरहान ने कहा कि जब अरफाथ के माता-पिता ने उस नंबर पर कॉल किया तो फोन उठाने वाले ने कुछ नहीं कहा. उन्होंने दावा किया कि कुछ सेकंड बाद उन्हें किसी के रोने की आवाज सुनाई दी.
"वे पूछते रहे कि क्या कॉल पर उनका बेटा है, लेकिन उन्हें सिर्फ रोने की आवाज सुनाई दी. वो कोई भी हो सकता था. कॉल केवल दो मिनट की थी, जिसके बाद यह कट गई."फरहान, अरफाथ का चचेरा भाई
उसी दिन बाद में उन्हें इसी नंबर से एक और मैसेज आया कि वो अरफाथ की किडनी और दूसरे अंग बेचकर अपना पैसा वापस ले लेंगे.
अरफाथ के पिता सलीम घबरा गये और तुरंत उन्होंने अमेरिका में भारतीय दूतावास से संपर्क किया.
सलीम ने कहा ‘’दूतावास ने कहा कि वो स्थिति से वाकिफ हैं और मामले को देख रहे हैं. उन्होंने मुझसे तनाव ना लेने के लिए कहा. लेकिन मुझे समझ नहीं आया कि वो स्थिति से कैसे निपट रहे हैं.’’
इसके बाद उस नंबर से दोबारा किसी ने भी अरफाथ के माता-पिता से संपर्क नहीं किया. परिवार ने मैसेज और कॉल किए मगर कोई जवाब नहीं आया.
पिता सलीम ने द क्विंट को बताया था, ‘’जब भारत में रात होती है तो अमेरिका में दिन होता है. इसलिए हम रात-रात भर जाग रहे हैं ताकि कैसे भी हमें हमारे बेटे के बारे में कोई जानकारी मिल जाए... अरफाथ की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. मुझे समझ नहीं आ रहा कि कोई ऐसा क्यों करेगा.’’
फरहान ने क्विंट को बताया कि जब इस कथित फिरौती की कॉल के बारे में पुलिस को जानकारी दी गई तो उन्हें संदेह हुआ कि ये फ्रॉड कॉल थी.’’
उन्होंने कहा, "पुलिस ने हमें बताया कि शायद अरफाथ ने ही फोन किया होगा, लेकिन मुझे एक पल के लिए भी इस बात पर विश्वास नहीं हुआ.”
पिता सलीम ने अमेरिका में भारतीय दूतावास के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी पत्र लिखकर अपने बेटे को सुरक्षित वापस लाने के लिए मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था.
अमेरिका में भारतीय छात्रों पर लगातार बढ़ते हमले
अरफाथ के साथ हुई घटना अमेरिका में भारतीय छात्रों को, खास कर उनकी सुरक्षा को लेकर एक बड़ा संदेह पैदा करती है. यह घटना ऐसे वक्त पर आई है जब अकेले 2024 में ही अमेरिका में भारतीयों से जुड़ी 11 ऐसी दुखद घटना सामने आ चुकी हैं.
बोस्टन यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले, आंध्र प्रदेश के 20 वर्षीय अभिजीत पारुचुरू की बॉडी 11 मार्च को एक कार से बरामद हुई थी.
बोस्टन पुलिस ने प्रारंभिक जांच में किसी भी तरह की साजिश से इंकार कर दिया गया था लेकिन पारुचुरू के परिवार सहित कई लोगों ने दावा किया है कि उनके बेटे की हमलावरों ने हत्या कर दी थी और उसकी बॉडी को यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर एक जंगल में कार में छोड़ दिया गया था.
एक दूसरी घटना इसी साल फरवरी की है जहां पश्चिम बंगाल के एक भरतनाट्यम डांसर अमरनाथ घोष की 27 फरवरी को सेंट लुइस, मिसौरी में गोली मारकर हत्या कर दी गई.
फरवरी महीने की शुरुआत में, पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 23 वर्षीय भारतीय मूल के छात्र समीर कामथ को इंडियाना के एक संरक्षित क्षेत्र में मृत पाया गया था. कामथ की मृत्यु से ठीक तीन दिन पहले, एक भारतीय-अमेरिकी आईटी प्रोफेशनल विवेक तनेजा की वाशिंगटन डीसी में एक रेस्टोरेंट के बाहर हमले के बाद मृत्यु हो गई थी.
फरवरी में भारत सरकार ने कहा था कि भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर उसने अपनी चिंताओं को अमेरिकी अधिकारियों के साथ साझा किया है.
अमेरिका में भारतीयों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बारे में पूछे जाने पर, भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि जो बाइडेन सरकार भारतीय मूल के लोगों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन देने के लिए "बहुत प्रतिबद्ध" है.
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