इजरायल(Israel) के एक मिसाइल अटैक से गाजा(Gaza-Palestine) में 44 जिंदगियां खत्म हो गई. मरने वालों में 14 बच्चे थे, एक रिहायशी इमारत पूरी तरह तबाह हो गई, 300 लोग घायल हुए. हमला इजराइल की डिफेन्स फोर्स ने किया था. इजरायल और गाजा के बीच हुई हालिया लड़ाई में एक मिलिटेंट ग्रुप PIJ का नाम सामने आया. लेकिन हम PIJ नाम के इस समूह के बारे में कितना जानते हैं. और इस हमले की वजह क्या थी?
गाजा पट्टी, जहां इजरायल के हमले में 44 लोगों की मौत हो गई. फिलस्तीन का ही शहर है. फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इन 44 मौतों में 14 बच्चे हैं. इन मौतों के आलावा 300 लोग घायल भी हुए. जैसा हमने आपको बताया
साल 2021 में हुए 11 दिन के संघर्ष के बाद ये सबसे खतरनाक हमला था. जिससे गाजा दहल उठा. 2021 में हुए संघर्ष में 273 लोग मरे थे. जिनमें से 260 फिलिस्तीनी और 13 इजरायली नागरिक थे.
इजरायल ने ये हमले फिलिस्तीन के उन इलाकों में किए जहां फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद, यानी PIJ नाम का ग्रुप मौजूद था.
इजरायल डिफेन्स फोर्स के प्रवक्ता जनरल कोचाव ने कहा कि इजरायल ने ये हमले फिलिस्तीन के उन इलाकों में किए जहां फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद नाम का ग्रुप मौजूद था.
“हमले का उद्देश्य फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के जरिए बनाई गई सुरंगों और उनके हथियारों के जखीरे को खत्म करना था.”जनरल कोचाव, इजराइल डिफेन्स फोर्स
वेस्ट बैंक में PIJ का लीडर गिरफ्तार
इजरायल और PIJ के बीच में शुरू हुए इस विवाद का संबंध हाल ही में इजरायल शासित वेस्ट बैंक में हुई PIJ के लीडर की गिरफ्तारी से भी जुड़ा है. इजरायल ने हाल ही में PIJ के लीडर बसाम अल-सादी (Bassem Al-Saadi) को गिरफ्तार किया था हालांकि अब PIJ और इजरायल के बीच संघर्ष विराम पर सहमती हो चुकी है जो 7 अगस्त की शाम से लागू हुआ. संघर्ष विराम में मध्यस्ता मिस्त्र ने की. गाजा में इजरायल की तरफ से आ रहे एक फ्यूल टैंकर की एंट्री के साथ ये संघर्ष विराम लागू हुआ.
गाजा पट्टी से जुड़े कुछ तथ्य
तकरीबन 20 लाख आबादी वाला गाजा, फिलिस्तीन का वो क्षेत्र है जो पूरी तरह से फिलिस्तीनों के हाथ में है.
यहां हमास नाम के संगठन का शासन है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमास को फिलिस्तीनयों और उनके उद्देश्य का प्रतिनिधित्व करने वाला सबसे बड़ा ग्रुप माना जाता है. इजरायल और अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों के अनुसार हमास एक आतंकी संगठन है.
PIJ भी गाजा में ही सबसे ज्यादा सक्रिय है. PIJ हमास का ही सहयोगी है और इजरायल के खिलाफ दोनों मिलकर कई बार साझा ऑपरेशन करते रहे हैं. ताजा मामले में भी हमास के जनरल सेक्रेट्री इस्माइल हानिया ने PIJ का समर्थन किया है. लेकिन हमास सीधा इस बार जंग में नहीं कूदा.
गाजा और गाजा में मौजूद संगठन इजरायल के खिलाफ सबसे ज्यादा हमलावर रहते हैं, इसकी वजह क्या है. हमने एशिया मिडिल ईस्ट फोरम के प्रेसिडेंट डॉ. मोहम्मद मकरम से बात की. डॉ मकरम ने क्विंट को बताया कि पिछले 17 साल से इजराइल ने गाजा की नाकेबंदी की हुई है. जिससे वहां के लोगों को बहुत मुश्किलें होती है और जरूरी चीजें गाजा आयात नहीं कर पाता है, इसी तरह कई देश मदद भी नहीं भेज पाते हैं. इजराइल की इस नाकेबंदी से गाजा के नागरिकों की आम-जिंदगी काफी मुश्किल हो गई है.
फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद (PIJ) कौन है?
PIJ की स्थापना 1981 में 2 फिलिस्तीनी एक्टिविस्ट अब्दुल अजीज अवदा और फतही शकाकी ने की थी. पहले दोनों का संबंध मिस्त्र के संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से था.
PIJ का उद्देश्य एक इस्लामी देश फिलिस्तीन की स्थापना करना है ठीक वैसे जैसा वो यानि फिलिस्तीन 1948 से पहले था. याद रहे इजरायल 1948 में बना था जब ब्रिटेन सरकार ने यहूदियों को फिलिस्तीन के इलाकों में बसाया और फिर इजरायल लगातार फिलिस्तीनी इलाकों पर कब्जा करता चला गया और फिलहाल गाजा और वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों को छोड़ फिलिस्तीन के बड़े हिस्से पर इजरायल का कब्जा है.
इजरायल में हुए कई आत्मघाती हमलों के पीछे भी PIJ का हाथ रहा है. इजरायल की राजधानी तेल अवीव में 1989 में एक बस पर हुए हमले में 19 लोग मारे गए थे, 2001 में तेल अवीव के एक नाइट क्लब और 2002 में एक चौराहे पर हुए आत्मघाती हमले में 21 और 18 लोगों की मौत हुई थी.
हमास की तरह ही पश्चिमी देश PIJ को भी आतंकी संगठन मानते हैं. लेकिन PIJ को फंड्स और हथियार मुहैया कराने में इरान मदद करता रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में हुए हमलों की शुरुआत से पहले PIJ का लीडर जियाद अल-नखलाह इरान के राष्ट्रपति इब्राहीम सईदी से मिला था.
फिलिस्तीन-इजरायल विवाद: अनगिनत लाशें
इजरायल की स्थापना और फिलिस्तीन के साथ शुरू हुए विवाद में अब तक कई हजारों लोगों की जाने गईं हैं. अगर सिर्फ 2008 से 2022 के बीच हुई मौतों की बात करें तो ये आंकड़ा 6158 है.
इन मौतों में 5893 फिलिस्तीनी नागरिक है, दूसरी ओर यानी इजरायली नागरिकों की मौत का आंकड़ा 265 है
अगर घायलों की बात की जाए तो आंकड़े खतरनाक हद तक चौकाने वाले हैं. हर साल होने वाले हमलों में सबसे ज्यादा फिलस्तीन नागरिक घायल हुए है.
2008 से 2020 सिर्फ इन 12 सालों के डेटा को जोड़ा जाए तो घायलों की कुल संख्या 1 लाख 15 हजार होगी. जिनमें 95% फिलिस्तीनी नागरिक और 5% इजरायली नागरिक हैं.
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