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जैकब ल्यू होंगे इजरायल में अमेरिका के नए राजदूत,जंग के बीच उन्हें क्यों चुना गया?

Jacob J Lew: जैकब ने हमास के हमले का जवाब देने के लिए इजरायल के नेताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का वादा किया है.

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इजरायल-हमास (Israel Hamas War) के बीच युद्ध चल रहा है. इसी बीच जैकब जैक ल्यू (Jacob J Lew) को इजरायल में अमेरिका के अगला राजदूत के लिए चुना गया है. विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद, अमेरिकी सीनेट ने जैक ल्यू की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.

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कौन हैं जैक ल्यू?

जैकब जैक ल्यू पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में राजकोष सचिव रह चुके हैं. वे एक रूढ़िवादी यहूदी हैं. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, जैकब ने हमास के हमले का जवाब देने के लिए इजरायल के नेताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का वादा किया है. उन्होंने अक्टूबर के मध्य में सीनेटरों से कहा था कि "संयुक्त राज्य अमेरिका और इजरायल के बीच संबंधों को मजबूत करना, इस समय इससे बड़ा कोई मिशन नहीं है.”

क्यों जैकब को डेमोक्रेट्स ने चुना?

जुलाई में इजरायली राजदूत राजूदत का पद खाली होने के बाद प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने जैक ल्यू का नाम इस पद के लिए आगे किया था. डेमोक्रेट्स के अनुसार, ल्यू के पास काफी अनुभव है. वे ओबामा के चीफ ऑफ स्टाफ और ओबामा और राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के शासन के दौरान व्हाइट हाउस के बजट निदेशक भी रह चुके हैं. इसलिए पार्टी ने उन्हें इस पद के लिए काबिल व्यक्ति करार दिया.

ईरान के साथ परमाणु समझौते में निभाई प्रमुख भूमिका

ओबामा प्रशासन के दौरान ट्रेजरी सचिव के रूप में, जैकब जोसेफ "जैक" ने ईरान के साथ परमाणु समझौते में अहम भूमिका निभाई थी. उस समझौते के तहत, ईरान अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अस्थायी रूप से परमाणु हथियार नहीं बनाने के फैसले पर सहमत हुआ था. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस डील से हटने का ऐलान किया और कहा था कि, "हम ईरान को परमाणु बम बनाने से नहीं रोक सकते. यह समझौता भीतर से ही दोषपूर्ण है.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा...

"प्रशासन चाहता है कि ल्यू "ग्राउंड पर जाएं और हमास के खिलाफ लड़ाई में इजरायल का समर्थन करने के हमारे प्रयासों का नेतृत्व शुरू करें, बल्कि हमारी एकजुटता के साथ गाजा के लोगों को मानवीय सहायता दिलाने में मदद करें."

अब चूंकि, इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध में ईरान ने गाजा अटैक को लेकर कई बड़ी नाराजगी जताई है. यहां तक की ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी कि वो इजरायल का समर्थन करता रहा तो कई मोर्चे खुलेंगे.

इधर, यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर मिसाइल हमला का दावा किया. कहा जाता है कि हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन मिला हुआ है. अब, हूती विद्रोहियों के दावे के बाद इजरायल ने रेड सी में मिसाइल बोट भेजी हैं. जिससे इस इलाके में रक्षा घेरे को मजबूत किया जाए.

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