जापान (Japan) के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर सबसे ज्यादा वक्त तक रहने वाले नेता और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe Dies) को शुक्रवार 8 जुलाई को एक व्यक्ति ने गोली मार दी. गोली लगने के बाद वे वहीं पर गिर पड़े थे. आनन फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
क्या बच सकते थे शिंजो आबे?
जापान के नारा शहर में जब शिंजो आबे पर गोली चलाई गई, तो उस वक्त वो स्पीच दे रहे थे और काफी लोग उन्हें सुन रहे थे. इस दौरान उनके पीछे की तरफ से आए एक शख्स ने उन्हें गोली मार दी.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि व्यक्ति द्वारा चलाई गई दूसरी गोली शिंजो आबे को लगी, पहली गोली उनको नहीं लगी थी. पहली बार हुई फायरिंग की आवाज सुनने के बाद शिंजो आबे ने पीछे की ओर मुड़कर देखा, उतने में शूटर ने अगली गोली चला दी और उनके सर के नीचे वाले में हिस्से में गोली आकर लग गई.
अगर शिंजो आबे पहली गोली चलने के बाद अपनी जगह से हट जाते तो शायद उन्हें दूसरी गोली ना लगती और उनकी जान बच सकती थी.
शिंजो आबे: एक विवादित राष्ट्रवादी
शिंजो आबे रक्षा और विदेश नीति पर अपने कठोर रुख के लिए जाने जाते थे और लंबे समय से जापान के संविधान में संशोधन करने की मांग कर रहे थे. उनके राष्ट्रवादी विचारों की वजह से कई बार चीन और दक्षिण कोरिया के साथ तनाव बढ़ता दिख. विशेष रूप से टोक्यो के यासुकुनी मंदिर की 2013 की उनकी यात्रा के बाद विवाद बढ़ा था.
साल 2015 में उन्होंने सामूहिक आत्मरक्षा के अधिकार पर खूब जोर दिया. इससे जापान अपने और सहयोगियों की रक्षा के लिए विदेशों में सैनिक जुटाने में सक्षम हो गया. जापान के पड़ोसियों और यहां तक कि जापानी जनता के विरोध के बावजूद, जापान की संसद ने इस विवादास्पद बदलाव को मंजूरी दी थी.
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