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करतारपुर जाने के लिए नहीं चाहिए पासपोर्ट,जयंती पर फीस भी माफ: पाक

पाकिस्तान ने करतारपुर में दरबार साहिब जाने वालों को दी राहत

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि भारतीय श्रद्धालुओं को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन वाले दिन कोई फीस नहीं देनी होगी.

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इमरान खान ने शुक्रवार को ट्वीट कर घोषणा की कि भारत से करतारपुर आने वाले सिख तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी और गुरु नानक देव की 550वीं जयंती तथा उद्घाटन समारोह के दिन उनसे कोई शुल्क भी नहीं वसूला जाएगा.

करतापुर गलियारे को नौ नवम्बर से श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा. इमरान खान ने ट्वीट किया, ‘भारत से करतारपुर आने वाले सिख तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, केवल पहचान पत्र चाहिए होगा, उन्हें 10 दिन पहले पंजीकरण कराने की आवश्यकता भी नहीं है. उनसे गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के दिन यात्रा करने पर कोई शुल्क भी नहीं वूसला जाएगा.'

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यह बहुप्रतीक्षित गलियारा पंजाब के गुरदासपुर में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतारपुर स्थित गुरुद्वारे दरबार साहिब से जोड़ता है जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है.

वर्ष 2019 सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती का वर्ष है, जिनका जन्म पाकिस्तान स्थित श्री ननकाना साहिब  में हुआ था.

सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने पाकिस्तान के करतारपुर में रावी नदी के किनारे स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारे में अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे जो इसे श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल बनाता है.

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दोनों देशों के बीच पिछले सप्ताह इस गलियारे को लेकर हुए समझौते के तहत 5,000 भारतीय तीर्थ यात्रियों को रोजाना दरबार साहिब गुरुद्वारे के दर्शन करने की अनुमति होगी. इसके लिए उन्हें करीब 1400 रुपए (20 डॉलर) देने होंगे। हालांकि भारत ने पाकिस्तान से भारतीय श्रद्धालुओं से कोई शुल्क ना वसूलने का आग्रह भी किया है.

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