ADVERTISEMENTREMOVE AD

कजाकिस्तान की कहानी: चंगेज खान के हमलों से LPG दाम पर विद्रोह तक

कजाकिस्तान: खानाबदोश जीवन से सोवियत शासन तक- इतिहास की पूरी टाइमलाइन

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कजाकिस्तान (Kazakhstan) के कई शहरों में नए साल की शुरुआत से ही अशांति देखी जा रही है. एलपीजी की कीमत में तेज वृद्धि के खिलाफ हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए है. वहीं, देश के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव ने सेना को बिना किसी चेतावनी के प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया. जहां एक तरफ रूस ने “शांति बहाली” के लिए कजाकिस्तान में अपने सैनिकों को उतार दिया हैं, वहीं अमेरिका ने इसपर आपत्ति जताई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऐसे में हम आपको चंगेज खान के नेतृत्व में मंगोलों के आक्रमण से लेकर सोवियत रूस के शासन और “शांति बहाली” के लिए रूसी सेना के आने तक- कजाकिस्तान की जमीन का इतिहास बताते हैं.

कजाकिस्तान: जहां कभी खानाबदोश बसते थे

मूल रूप से कजाकिस्तान में खानाबदोश जनजाति बसे हुए थे. पहली और 8वीं शताब्दी के बीच तुर्क भाषा बोलने वाली मंगोल जनजातियों ने आज के कजाकिस्तान और मध्य एशिया में आक्रमण किया और यहां बस गए. 8वीं शताब्दी में अरब आक्रमणकारी अपने साथ कजाकिस्तान में इस्लाम धर्म को ले आए.

1219 से 1224 के बीच, चंगेज खान के नेतृत्व में मंगोल जनजातियों ने कजाकिस्तान और मध्य एशिया पर आक्रमण किया. इस बीच तराज और तुर्केस्तान शहर को ग्रेट सिल्क रोड के साथ व्यापार शहरों के रूप में स्थापित किया गया था.

15वीं सदी के अंत में कजाख खानते के गठन के साथ, कजाख एक विशिष्ट जातीय समूह के रूप में उभरे. लेकिन 17वीं शताब्दी की शुरुआत में कजाख तीन ट्राइब में बंट गए- एल्डर, मिडिल और लेसर जुजेस (या होर्डेस). तीनों ट्राइब का नेतृत्व खानों ने किया.

0

कजाकिस्तान: रूसी वर्चस्व का दौर

1731 से 1742 के बीच, मंगोलों द्वारा पूर्व से आक्रमण से सुरक्षा के लिए तीनों ट्राइब के खान औपचारिक रूप से रूस में शामिल हो गए. 1822 से 1868 तक कई विद्रोहों के बावजूद रूस ने कजाख जनजातियों पर नियंत्रण बरकरार रखा और खानों को नेतृत्वकारी भूमिका से हटा दिया.

रूस ने 1868-1916 के बीच इस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण मजबूत करते हुए कजाख भूमि पर हजारों रूसी और यूक्रेनी किसानों को लाकर बसा दिया और पहला औद्योगिक उद्यम (industrial enterprises) स्थापित किए.

1916 में एक बड़े रूसी विरोधी विद्रोह का दमन किया गया, जिसमें लगभग 1,50,000 लोग मारे गए और 3,00,000 से ज्यादा विदेश भाग गए. 1917 में जब रूस में बोल्शेविक क्रांति हुआ, तब कजाकिस्तान में गृहयुद्ध छिड़ गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कजाकिस्तान: फिर आया सोवियत शासन का दौर

1920 में कजाकिस्तान USSR (सोवियत रूस) का एक स्वायत्त गणराज्य बना. 1925 तक इसे किर्गिज स्वायत्त प्रांत कहा जाता था. हालांकि, यह दौर यहां के लोगों के लिए खौफनाक रहा. 1920-1930 के दशक के अंत में तेज औद्योगीकरण, खानाबदोश कजाखों को बसाने और कृषि को सामूहिक बनाने के अभियान के परिणामस्वरूप यहां 10 लाख से अधिक लोग भूख से मर गए.

इस बीच 1936 में, कजाकिस्तान USSR में पूरी तरह मिल गया और एक पूर्ण संघ गणराज्य बना. 1949 में पहला परमाणु परीक्षण विस्फोट पूर्वी कजाकिस्तान के सेमिपालाटिंस्क परमाणु परीक्षण मैदान में किया गया.

1954-62 में सोवियत नेता निकिता ख्रुश्चेव के वर्जिन लैंड्स प्रोग्राम के दौरान लगभग 20 लाख लोग, मुख्य रूप से रूसी, कजाकिस्तान चले गए. इसके बाद इस गणतंत्र में जातीय कजाकों का अनुपात 30% तक गिर गया.

मालूम हो कि 1961 में मध्य कजाकिस्तान के बैकोनूर स्पेस लांच साइट से पहला ह्यूमन अंतरिक्ष यान भेजा गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कजाकिस्तान: सोवियत विरोधी आंदोलन और आजादी

1986 में सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव ने कजाखस्तान की कम्युनिस्ट पार्टी (CPK) के प्रमुख के रूप में जातीय कजाख नेता दिनमुखमेद कुनायेव की जगह एक जातीय रूसी नेता गेनाडी कोलबिन को नियुक्त किया. इसके बाद अल्माटी में लगभग 3,000 लोगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया.

1990 में सुप्रीम सोवियत ने नूरसुल्तान नजरबायेव को पहले कजाख राष्ट्रपति के रूप में चुना और 25 अक्टूबर को राज्य की संप्रभुता की घोषणा की.

और दिसंबर 1991 में नूरसुल्तान नजरबायेव ने निर्विरोध राष्ट्रपति चुनाव जीता और कजाकिस्तान ने सोवियत संघ से स्वतंत्रता की घोषणा की. इसके साथ ही कजाकिस्तान स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (CIS) में शामिल हो गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आजाद कजाकिस्तान

  • 1992 - कजाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र (UN) में शामिल किया गया.

  • 1993 - राष्ट्रपति की शक्तियों को बढ़ाने वाला एक नया संविधान अपनाया गया.

  • 1995 - कजाकिस्तान ने रूस के साथ आर्थिक और सैन्य सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए.

  • 1998 - नई राजधानी का नाम बदलकर अस्ताना रखा गया.

  • 1999 - मुख्य प्रतिद्वंद्वी और पूर्व पीएम अकेज़ान काज़ेगेल्डिन के राष्ट्रपति चुनाव में खड़े होने पर रोक के बाद नूरसुल्तान नजरबायेव, फिर से राष्ट्रपति चुने गए.

  • जून 2001 - कजाखस्तान चीन, रूस, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के साथ शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में शामिल हुआ.

  • दिसंबर 2001 - राष्ट्रपति नजरबायेव ने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने मुलाकात की. दीर्घकालिक, रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की.

  • मई 2004 - चीनी सीमा पर तेल पाइपलाइन के निर्माण पर चीन के साथ समझौता हुआ.

  • दिसंबर 2005 - नूरसुल्तान नजरबायेव 90% से अधिक वोट के साथ राष्ट्रपति के रूप में आगे के कार्यकाल के लिए लौटे.

  • मई 2010 - संसद ने राष्ट्रपति नजरबायेव को और अधिक अधिकार देने वाले एक विधेयक को मंजूरी दी, जिससे उन्हें "राष्ट्र के नेता" की उपाधि और मुकदमे से सुरक्षा प्रदान की गई.

  • अप्रैल 2011 - राष्ट्रपति नजरबायेव ने विपक्ष द्वारा बहिष्कार किए गए चुनाव में फिर से जीत दर्ज की.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
  • अप्रैल 2015 - राष्ट्रपति नजरबायेव 97.7 प्रतिशत वोटों के साथ फिर से चुने गए. विपक्षी दलों ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा और दो अन्य दावेदारों को व्यापक रूप से सरकार समर्थक के रूप में देखा गया.

  • मार्च 2017 - संसद ने संवैधानिक सुधारों को मंजूरी दी, राष्ट्रपति की शक्तियों को कम कर सांसदों और कैबिनेट को ज्यादा शक्ति दी गयी.

  • मई 2018 - संसद ने राष्ट्रपति नजरबायेव को जीवनभर के लिए सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया.

  • मार्च 2019 - राष्ट्रपति नजरबायेव ने अपने इस्तीफे की घोषणा की.

  • अप्रैल 2019 - सीनेट के पूर्व अध्यक्ष कसीम-जोमार्ट टोकायव ने 9 जून के लिए राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा की और 12 जून 2019 को राष्ट्रपति पद संभाला.

  • जनवरी 2022- एलपीजी के बढ़ते दामों के बीच सड़कों पर उतरे हजारों प्रदर्शनकारी. प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति नजरबायेव की स्टैचू को तोड़ने का भी प्रयास किया. उन्हें शांत करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति नजरबायेव को सुरक्षा परिषद के प्रमुख पद से हटा दिया गया है, जबकि रूस ने “शांति बहाल” करने के लिए अपनी सेनाओं को भेज दिया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें