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महाभियोग में ट्रंप के खिलाफ गए उनकी पार्टी के 7 सीनेटर,उनकी दलीलें

महाभियोग के पक्ष में पड़ें 57 वोट, सफल होने के लिए चाहिए थे 67 वोट

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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप आखिरकार दूसरे महाभियोग से बचने में भी कामयाब रहे. सीनेट ने उन्हें कैपिटल हिल में विद्रोह भड़ाकने के आरोपों से बरी कर दिया है.

बता दें ट्रंप 20 जनवरी को अपना पद छोड़ चुके हैं, इसलिए यह महाभियोग उन्हें हटाने के लिए नहीं, बल्कि कैपिटल हिल पर विद्रोह भड़काने के आरोपों में दोषी ठहराने के लिए चलाया गया था.

ट्रंप को दोषी ठहराए जाने के पक्ष में 57 वोट पड़े, जबकि महाभियोग के विरोध में 43 सीनेटर्स ने वोट किया. ट्रंप को दोषी ठहराए जान के लिए 67 वोटों की जरूरत थी. 7 ऐसे रिपब्लिकन सीनेटर्स रहे, जिन्होंने अपनी ही पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ वोटिंग की.

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सीनेट का गणित

अमेरिकी सीनेट में कुल सदस्यों की संख्या 100 है. राष्ट्रपति पर महाभियोग को सफल बनाने के लिए इसमें दो तिहाई बहुमत, मतलब 67 सदस्यों के वोटों की जरूरत होती है. फिलहाल वहां डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के 50-50 सदस्य हैं.

लेकिन ट्रंप के खिलाफ और महाभियोग के पक्ष में 57 वोट गिरे. वहीं ट्रंप के पक्ष में और महाभियोग के विपक्ष में 43 वोट पड़े. सभी डेमोक्रेट सीनेटर्स ने ट्रंप को दोषी ठहराए जाने के पक्ष में वोटिंग की. वहीं 7 ऐसे रिपब्लिकन सीनेटर्स रहे, जिन्होंने अपनी ही पार्टी से आने वाले डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मतदान किया.

रिपब्लिकन पार्टी के ही कुछ ऐसे सीनेटर भी रहे, जिन्होंने ट्रंप से असहमति के बावजूद भी उनके पक्ष में मतदान किया. रिपब्लिकन पार्टी के प्रभावी नेता और सीनेट मेजॉरिटी लीडर मिच मैक्कॉनेल ने ट्रंप को दोषी ना ठहराए जाने के पक्ष में वोट किया.

लेकिन इसके बाद उन्होंने ट्रंप पर जमकर निशाना भी साधा. मैक्कॉनेल ने कहा, “जिन लोगों ने कैपिटल हिल में घुसपैठ की, उनका मानना था कि वे अपने राष्ट्रपति की इच्छा और निर्देशों पर काम कर रहे थे.”

इन रिपब्लिकन सीनेटर्स ने दिया ट्रंप के खिलाफ वोट

नॉर्थ कैरोलिनी से रिचर्ड बर: रिचर्ड बर ने ट्रंप के खिलाफ वोट डालने के फैसले को सही ठहराते हुए अपने स्टेटमेंट में कहा, "राष्ट्रपति ने एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अखंडता पर संशय पैदा करने के उद्देश्य से मनगढ़ंत तरीके से साजिश रचे जाने की बातों का प्रचार किया. क्योंकि उन्हें चुनाव के नतीजे पसंद नहीं आए थे. जब संसद नतीजों पर मुहर लगाने के लिए मिली, तो उन्होंने अपने अपने समर्थकों को कैपिटल हिल जाकर कानूनी प्रक्रिया में बाधा डालने को उकसाया. जब भीड़ हिंसक हो गई, तो राष्ट्रपति ने अपने कार्यालय का इस्तेमाल हिंसा को बढ़ाने में किया ना कि स्थितियों को शांतिपूर्ण बनाने में."

महाभियोग के पक्ष में पड़ें 57 वोट, सफल होने के लिए चाहिए थे 67 वोट

मैन से सुसान कोलिन्स: सुसान कोलिन्स ने अपनी ब्रीफिंग में कहा, "इस प्रक्रिया में मेरा वोट अमेरिकी संविधान की रक्षा करने के कर्तव्य और अपनी शपथ से प्रेरित है. ट्रंप ने जिस तरीके से ताकत का दुरुपयोग किया, वह संवैधानिक पैमाने पर के उच्च अपराधों की श्रेणी में आता है. इसलिए मैंने उनके खिलाफ वोट किया."

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अलास्का से लिसा मुर्कोव्सकी: लिसा मुर्कोव्सकी को 2022 में फिर से सीनेट का चुनाव लड़ना है. उन्होंने महाभियोग के पक्ष में वोट पर कहा, "यह सिर्फ मेरे बारे, मेरी जिंदगी या नौकरी के बारे में नहीं है. हमारी पहचान जिन चीजों से हैं, यह उसके बारे में है.

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उटा से मिट रोमनी: मिट रोमनी लगातार ट्रंप का विरोध करते रहे हैं. रिपब्लिकन पार्टी के वरिष्ठ नेता रोमनी ने भी ट्रंप पर कांग्रेस के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ट्रंप कैपिटल हिल की रक्षा करने में नाकामयाब रहे, जिससे उनकी शपथ का भी उल्लंघन हुआ है.

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लूसियाना से बिल कैसिडी: बिल कैसिडी ने एक संक्षिप्त वक्तव्य जारी करते हुए कहा, "हमारा संविधान और हमारा देश किसी भी एक व्यक्ति से कहीं ज्यादा अहम है. मैंने ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए वोट डाला, क्योंकि वह दोषी थे."

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नेब्रास्का से बेन सैसे ने भी ट्रंप को महाभियोग में दोषी ठहराए जाने के लिए वोट किया.

पेंसिल्वेनिया से आने वाले रिपब्लिकन सीनेटर पैट टूमे ने भी महाभियोग में ट्रंप के खिलाफ वोट किया.

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