भारत और रूस (India-Russia) ने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Kudankulam Nuclear Power Plant) की भविष्य की बिजली उत्पादन इकाइयों को बनाने से जुड़ें "बहुत अहम" समझौतों पर हस्ताक्षर किए. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर रूप से उपप्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ अपनी "व्यापक और सार्थक" बैठक के बाद यह ऐलान किया.
कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट पर भारत-रूस के बीच समझौता: समझिए प्रोजेक्ट अहम क्यों है?
1. भारत के विदेश मंत्री ने क्या कहा?
मॉस्को में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने कहा
हमने कुडनकुलम न्यूक्लियर प्रोजेक्ट की भविष्य की इकाइयों से संबंधित कुछ बहुत अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दूसरे साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस नहीं जा रहे हैं. एस जयशंकर रूसी नेतृत्व से मिलने के लिए पांच दिवसीय यात्रा पर मास्को गए हुए हैं.
Expand2. Kudankulam Nuclear Power Plant कहां और किसकी सहायता से बनाया जा रहा है?
कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट, रूस की टेक्निकल सहायता से तमिलनाडु में बनाया जा रहा है. इसका निर्माण मार्च 2002 में शुरू हुआ था. फरवरी 2016 से, KNPP की पहली बिजली यूनिट एक हजार मेगावाट की अपनी डिजाइन क्षमता पर लगातार काम कर रही है.
Expand3. कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट पूरी तरह से कब शुरू होगा?
रूस स्टेट मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पॉवर प्लांट के 2027 में पूरी क्षमता से काम शुरू करने की उम्मीद है.
Expand4. भारत और रूस के बीच हुई मीटिंग में क्या हुआ?
रूस के उपप्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ मीटिंग के बाद एस जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि हमारे द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर रूस के उपप्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ एक व्यापक और सार्थक बैठक हुई. इस दौरान व्यापार, फाइनेंस, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और परमाणु डोमेन में अहम प्रगति पर बातचीत हुई.
एस जयशंकर ने कहा कि भूमि और समुद्री गलियारों में संयुक्त रूप से कनेक्टिविटी कार्यक्रम आयोजित करेंगे. हमारे सहयोग को विभिन्न आयामों में ज्यादा संतुलित और टिकाऊ बनाने पर चर्चा की गई.
परमाणु ऊर्जा और दवाओं, फार्मास्युटिकल पदार्थों और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक जोन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) पर व्यक्तिगत बातचीत शुरू करने के लिए उनकी वार्ता टीमें जनवरी के आखिरी तक मिलेंगी.
रूस और भारत के बीच पेमेंट की परेशानियों पर एक सवाल के जवाब में एस जयशंकर ने कहा कि एक असामान्य स्थिति में, हम ऐसे तरीके ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके जरिए बैंक एक-दूसरे के साथ व्यवहार करें.
Expand5. Kudankulam Nuclear Power Plant की लागत क्या है?
NPCIL और रोसाटॉम ने 1998 में कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के फेज-1 के निर्माण के लिए रिएक्टर डिजाइन और इंजीनियरिंग सुपरविजन अरेंजमेंट्स को अंतिम रूप दिया. इसकी लागत 140 बिलियन रूपए ($2.47 बिलियन) थी. छह इकाइयों के लिए परियोजना की कुल लागत 1.11 ट्रिलियन रूपए ($16.3bn) है.
पॉवर प्लांट के फेज-1 का निर्माण 2001 में शुरू हुआ और पहली दो यूनिट्स क्रमशः 2013 और 2016 में चालू की गईं.
Expand6. Kudankulam Nuclear Power Plant से बनी बिजली कहां जाती है?
पॉवर प्लांट के गृह राज्य तमिलनाडु को उत्पादित बिजली का 50 फीसदी यानी 925 मेगा वाट (MW) आवंटित किया जाता है, जबकि पड़ोसी राज्य अवशिष्ट बिजली का 35 फीसदी हिस्सा शेयर करते हैं. इसमें कर्नाटक के लिए 442 मेगा वाट (MW), केरल के लिए 266 मेगा वाट (MW) और पुदुचेरी के लिए 67 मेगा वाट (MW) शामिल हैं. पॉवर प्लांट से उत्पन्न की गई बिजली का आखिरी 15 फीसदी आवंटित नहीं किया जाएगा और इसे केंद्रीय पूल में जोड़ा जाएगा.
Expand7. Kudankulam Nuclear Power Plant के फेज-2 और 3 का क्या हुआ?
यूनिट तीन और चार के निर्माण का शिलान्यास फरवरी 2016 में हुआ था, जबकि तीसरी यूनिट के लिए कंक्रीट डालने का प्रोग्राम जून 2017 में आयोजित किया गया था.
यूनिट तीन का रिएक्टर पोत (Vessel) अप्रैल 2022 में स्थापित किया गया था, इसके बाद दिसंबर 2022 में मुख्य शीतलक पाइपलाइन (MCP) की वेल्डिंग की शुरुआत हुई.
2023 और 2024 में यूनिट्स तीन और चार के चालू होने की उम्मीद है.
बिजली संयंत्र के विकास के फेज तीन के लिए निर्माण कार्य क्रमशः जून और दिसंबर 2021 में यूनिट पांच और छह के लिए कंक्रीट डालने के साथ शुरू हुआ.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
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भारत के विदेश मंत्री ने क्या कहा?
मॉस्को में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने कहा
हमने कुडनकुलम न्यूक्लियर प्रोजेक्ट की भविष्य की इकाइयों से संबंधित कुछ बहुत अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दूसरे साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस नहीं जा रहे हैं. एस जयशंकर रूसी नेतृत्व से मिलने के लिए पांच दिवसीय यात्रा पर मास्को गए हुए हैं.
Kudankulam Nuclear Power Plant कहां और किसकी सहायता से बनाया जा रहा है?
कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट, रूस की टेक्निकल सहायता से तमिलनाडु में बनाया जा रहा है. इसका निर्माण मार्च 2002 में शुरू हुआ था. फरवरी 2016 से, KNPP की पहली बिजली यूनिट एक हजार मेगावाट की अपनी डिजाइन क्षमता पर लगातार काम कर रही है.
कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट पूरी तरह से कब शुरू होगा?
रूस स्टेट मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पॉवर प्लांट के 2027 में पूरी क्षमता से काम शुरू करने की उम्मीद है.
भारत और रूस के बीच हुई मीटिंग में क्या हुआ?
रूस के उपप्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ मीटिंग के बाद एस जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि हमारे द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर रूस के उपप्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ एक व्यापक और सार्थक बैठक हुई. इस दौरान व्यापार, फाइनेंस, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और परमाणु डोमेन में अहम प्रगति पर बातचीत हुई.
एस जयशंकर ने कहा कि भूमि और समुद्री गलियारों में संयुक्त रूप से कनेक्टिविटी कार्यक्रम आयोजित करेंगे. हमारे सहयोग को विभिन्न आयामों में ज्यादा संतुलित और टिकाऊ बनाने पर चर्चा की गई.
परमाणु ऊर्जा और दवाओं, फार्मास्युटिकल पदार्थों और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक जोन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) पर व्यक्तिगत बातचीत शुरू करने के लिए उनकी वार्ता टीमें जनवरी के आखिरी तक मिलेंगी.
रूस और भारत के बीच पेमेंट की परेशानियों पर एक सवाल के जवाब में एस जयशंकर ने कहा कि एक असामान्य स्थिति में, हम ऐसे तरीके ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके जरिए बैंक एक-दूसरे के साथ व्यवहार करें.
Kudankulam Nuclear Power Plant की लागत क्या है?
NPCIL और रोसाटॉम ने 1998 में कुडनकुलम न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के फेज-1 के निर्माण के लिए रिएक्टर डिजाइन और इंजीनियरिंग सुपरविजन अरेंजमेंट्स को अंतिम रूप दिया. इसकी लागत 140 बिलियन रूपए ($2.47 बिलियन) थी. छह इकाइयों के लिए परियोजना की कुल लागत 1.11 ट्रिलियन रूपए ($16.3bn) है.
पॉवर प्लांट के फेज-1 का निर्माण 2001 में शुरू हुआ और पहली दो यूनिट्स क्रमशः 2013 और 2016 में चालू की गईं.
Kudankulam Nuclear Power Plant से बनी बिजली कहां जाती है?
पॉवर प्लांट के गृह राज्य तमिलनाडु को उत्पादित बिजली का 50 फीसदी यानी 925 मेगा वाट (MW) आवंटित किया जाता है, जबकि पड़ोसी राज्य अवशिष्ट बिजली का 35 फीसदी हिस्सा शेयर करते हैं. इसमें कर्नाटक के लिए 442 मेगा वाट (MW), केरल के लिए 266 मेगा वाट (MW) और पुदुचेरी के लिए 67 मेगा वाट (MW) शामिल हैं. पॉवर प्लांट से उत्पन्न की गई बिजली का आखिरी 15 फीसदी आवंटित नहीं किया जाएगा और इसे केंद्रीय पूल में जोड़ा जाएगा.
Kudankulam Nuclear Power Plant के फेज-2 और 3 का क्या हुआ?
यूनिट तीन और चार के निर्माण का शिलान्यास फरवरी 2016 में हुआ था, जबकि तीसरी यूनिट के लिए कंक्रीट डालने का प्रोग्राम जून 2017 में आयोजित किया गया था.
यूनिट तीन का रिएक्टर पोत (Vessel) अप्रैल 2022 में स्थापित किया गया था, इसके बाद दिसंबर 2022 में मुख्य शीतलक पाइपलाइन (MCP) की वेल्डिंग की शुरुआत हुई.
2023 और 2024 में यूनिट्स तीन और चार के चालू होने की उम्मीद है.
बिजली संयंत्र के विकास के फेज तीन के लिए निर्माण कार्य क्रमशः जून और दिसंबर 2021 में यूनिट पांच और छह के लिए कंक्रीट डालने के साथ शुरू हुआ.
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