अमेरिका ने कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद लगातार भारत के लिए खतरा बने हुए हैं. उसने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की इजाजत देने पर पाकिस्तान की खिंचाई की है. पिछले साल इस आतंकी संगठन से जुड़े कई उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे.
अमेरिकी रिपोर्ट में पाकिस्तान की खिंचाई
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की टेररिज्म पर रिपोर्ट 'Country Reports on Terrorism 2018' में कहा गया है कि पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF एक्शन प्लान को ठीक तरीके से लागू करने में नाकाम रहा है. इसके तहत मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने के प्रावधान हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के जिम्मेदार लश्कर ए तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने अफगानिस्तान और भारतीय ठिकानों पर हमले करने की अपनी क्षमता बरकरार रखी है. फरवरी 2018 में जैश से जुड़े आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के संजुवान में एक आर्मी कैंप पर हमला कर सात लोगों को मार डाला था. रिपोर्ट में कहा गया है कि जैश भारत में पार्लियामेंट समेत कई ठिकानों पर हमले का जिम्मेदार है.
FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान की मुश्किल बढ़ी
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान जैश और लश्कर के पैसे जुटाने की क्षमता को कम करने में नाकाम रहा है. आतंकवादियों की भर्ती और ट्रेनिंग का काम भी नहीं रुक पाया है. 2018 पाकिस्तान के आम चुनाव के बाद वहां इमरान खान ने प्रधानमंत्री का पद संभाला था.
हालांकि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच राजनीतिक समझौते का समर्थन किया है. लेकिन इसने अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान से अपनी गतिविधियां चलाने से नहीं रोका है. अफगान और अमेरिकी सेना इनके हमलों का सामना कर रही हैं. जून में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों के वित्तीय स्त्रोतों पर लगाम लगाने में नाकाम रहने पर FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था. FATF की बैठक में कहा गया था कि इस दिशा में पाकिस्तान के कदम नाकाफी हैं.
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