फेसबुक से डेटा चोरी का मामला सुर्खियों में आने के बाद अब फेसबुक के सीईओ और फाउंडर मार्क जकरबर्ग ने अपनी गलती स्वीकार की है. साथ ही कई कदम उठाए जाने की बात की है.
जकरबर्ग ने कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में अपनी गलती स्वीकार करते हुए फेसबुक पर पोस्ट लिखा है कि कंपनी ने इस मामले में अभी तक कई कदम उठाए हैं और आगे भी कड़े कदम उठा सकती है.
डेटा की सुरक्षा की ली जिम्मेदारी
जकरबर्ग ने लिखा है, “तमाम यूजर्ज के डेटा की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. अगर हम ऐसा नहीं कर सकते तो हमें आपके लिए काम करने का हक नहीं है.” उन्होंने लिखा है, “मैं यह समझने की कोशिश कर रहा हूं कि आखिर यह हुआ कैसे हुआ. इसके अलावा यह सुनिश्चित करने की भी कोशिश करेंगे कि दोबारा ऐसा न हो सके.”
उन्होंने लिखा कि फेसबुक को मैंने शुरू किया था, इसके साथ अगर कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी मेरी ही है. हम अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश करते रहेंगे, हम एक बार फिर आपका विश्वास जीतेंगे. उन्होंने अपने पोस्ट में फेसबुक को टाइमलाइन के जरिये समझाने की कोशिश की है और अब किए गए सभी उपायों के बारे में भी उन्होंने जानकारी दी है.
क्या है मामला?
ब्रिटिश डेटा एनालिटिक्स फर्म ‘कैंब्रिज एनालिटिका’ पर फेसबकु के 5 करोड़ यूजर्स का डेटा चोरी करने और उसका इस्तेमाल ‘चुनाव प्रचार’ में करने का आरोप है. 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ये कंपनी डोनाल्ड ट्रंप को सर्विस दे चुकी है, ये खुलासा न्यूयॉर्क टाइम्स और लंदन ऑब्जर्वर की रिपोर्ट में किया गया.
अब अमेरिका और यूरोपियन यूनियन की संसद फेसबुक से सवाल पूछ रही है कि ट्रंप को जिताने में आखिर उन्होंने कैसे मदद की. साथ ही ब्रेक्सिट में कैसे मदद की गई. ब्रिटिश सांसदों ने जुकरबर्ग को पहले की सुनवाई में समिति को गुमराह करने के बाद मौखिक गवाही देने के लिए बुलाया है.
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जकरबर्ग को भारत की चेतावनी
भारत ने कहा है कि अगर फेसबुक में भारतीय यूजर्स के डेटा चोरी की शिकायत मिली तो कंपनी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. कानून मंत्री ने कहा जरूरत पड़ी तो मार्क जकरबर्ग को भी भारत तलब किया जा सकता है. भारत में चुनावी प्रक्रिया और वोटरों को प्रभावित करने के लिए किसी भी कोशिश को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी.
कानून मंत्री ने कहा कि कई देशों से फेसबुक की चुनाव में दखलंदाजी की खबरें आ रही हैं. इसलिए ये मामला बहुत गंभीर है इसे सरकार हल्के में नहीं ले सकती. उन्होंने बताया कि सरकार डेटा प्रोटेक्शन पर जल्द ही बहुत सख्त कानून लाने जा रही है.
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