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म्यांमार सेना का सागैंग शहर पर हमला क्यों? महिला-बच्चों समेत 50 से ज्यादा की मौत

Myanmar Army Attack: म्यांमार की सत्ता पर काबिज सेना पर नागरिकों की हत्याओं का आरोप है.

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म्यांमार (Myanmar) की सेना ने दो साल पहले किए गए तख्तापलट के विरोध के गढ़ माने जाने वाले एक केंद्रीय शहर पर हवाई हमला किया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इस हमले में करीब 50 लोगों के मारे जाने की सूचना है, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. अल जजीरा के मुताबिक गवाहों और स्थानीय मीडिया ने बताया कि मंगलवार 11 अप्रैल को हुए हमले में दर्जनों लोग मारे गए और घायल हुए हैं.

म्यांमार सेना का सागैंग शहर पर हमला क्यों? महिला-बच्चों समेत 50 से ज्यादा की मौत

  1. 1. सागैंग क्षेत्र में होते है म्यांमार सेना के हमले 

    म्यांमार की सेना ने यह हमला क्यों किया है, किन लोगों पर यह हमला हुआ है, आइये आपको विस्तार से यह पूरा विवाद समझाते हैं.

    म्यांमार के मुख्य शहर यांगून से लगभग 110 किमी (45 मील) पश्चिम में सागैंग क्षेत्र है. जहां, ये हमला हुआ है. मीडिया में वहां के स्थानिय निवासियों का हवाला देते कहा जा रहा है कि बच्चों सहित कम से कम 50 लोगों की मौत पाजिगी शहर के बैराज में हुई है. हवाई हमले तब हुए जब यह लोग एक प्रशासनिक कार्यालय के उद्घाटन के लिए इकठ्ठा हुए थे.

    म्यांमार की सत्ता पर काबिज सेना पर नागरिकों की हत्याओं का आरोप है. सेना पर आरोप है कि वह सशस्त्र प्रतिरोध को दबाने के लिए कई तरह के मानवीय अपराधों में शामिल है. पिछले महीने, म्यांमार के तख्तापलट के नेता मिन आंग हलिंग ने अपने शासन के खिलाफ लड़ रहे "आतंकवादियों" से निर्णायक रूप से निपटने का संकल्प लिया था.

    स्थानीय पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) जो की एक एंटी-जुंटा मिलिशिया है इसके एक सदस्य ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया कि उनके स्थानीय कार्यालय को खोलने के लिए आयोजित एक समारोह में लड़ाकू विमानों ने गोलीबारी की है.

    पिछले महीने भी म्यांमार के दक्षिणी शान राज्य में एक मोनेस्ट्री पर म्यांमार सेना द्वारा किये गए हमले में कम से कम 28 लोग मारे गए थे. करेनी नेशनलिटीज डिफेंस फोर्स (केएनडीएफ) ने बताया था कि सैनिकों ने तब नान नैन्ट गांव पर गोलाबारी की थी. बीते कुछ समय से जुंटा के विद्रोह सेना के हमलों में तेजी आई है.

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  2. 2. 2021 के तख्तापलट के बाद, सागैंग में क्रांति शुरू हुई

    म्यांमार सेना की ओर से हर रोज घात लगाकर किए जाने वाले हमलों ने सागैंग क्षेत्र को म्यांमार के सैन्य शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति के केंद्र में ला दिया है.

    2021 के तख्तापलट के बाद, सागैंग में क्रांति शुरू हुई थी. 28 मार्च 2021 को शासन विरोधी प्रदर्शनकारियों ने काले में एक कार्रवाई के दौरान नागरिकों को मारने वाले जुंटा सैनिकों को रोकने के लिए तात्कालिक आग्नेयास्त्रों और पुराने जमाने की शिकार राइफलें उठाईं, जिसमें बामर और चिन की मिश्रित आबादी शामिल है. इन लोगों ने म्यांमार सेना के खिलाफ विद्रोह कर दिया है.

    पिछले साल मार्च में म्यांमार शासन ने यांगून और मांडले सहित देश भर में सैकड़ों शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की हत्या करते हुए कार्रवाई तेज कर दी थी.

    म्यांमार में तख्तापलट के बाद से गृहयुद्ध के हालात 

    म्यांमार गृह युद्ध जिसे म्यांमार स्प्रिंग रिवोल्युशन (क्रांति) भी कहा जाता है, म्यांमार के लंबे समय से चल रहे विद्रोह के बाद चल रहा गृह युद्ध है जो 2021 के सैन्य तख्तापलट और बाद में तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनों पर हिंसक कार्रवाई के जवाब में काफी बढ़ गया था.

    म्यांमार में तख्तापलट 1 फरवरी 2021 की सुबह शुरू हुआ था. जब देश की सत्तारूढ़ पार्टी, नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए सदस्यों को तत्माडॉव-म्यांमार की सेना द्वारा हटा गया था.

    जिसके बाद सेना ने शासन अपने कंट्रोल में ले लिया था. कार्यवाहक अध्यक्ष म्यिंट स्वे ने आपातकाल की एक साल की स्थिति की घोषणा की और घोषणा की कि रक्षा सेवाओं के कमांडर-इन-चीफ मिन आंग हलिंग को सत्ता दे दी गई है.

    राष्ट्रपति विन मिंट और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की को, उनके मंत्रियों, उनके प्रतिनिधियों और संसद के सदस्यों के साथ हिरासत में लिया गया था.

    सेना के तोपखाने के हमलों और हवाई हमलों के कारण दस लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं.

    इस तख्तापलट के बाद 29 मार्च 2022 तक कम से कम 1,719 नागरिक, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, जुंटा बलों द्वारा मारे गए हैं और 9,984 गिरफ्तार किए गए हैं. मार्च 2021 में पुलिस हिरासत में एनएलडी के तीन प्रमुख सदस्यों की भी मृत्यु हो गई, और चार लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को जुलाई 2022 में जून्टा द्वारा मार डाला गया.

    मिन आंग हलिंग एमएएल म्यांमार सेना के मुख्य जनरल है, जो फरवरी 2021 तख्तापलट में सत्ता पर कब्जा करने के बाद से राज्य प्रशासन परिषद के अध्यक्ष के रूप में म्यांमार पर शासन कर रहे हैं.

    पश्चिमी देशों ने रूस जैसे प्रमुख सहयोगियों और आपूर्तिकर्ताओं से राजस्व और सैन्य उपकरणों तक पहुंच को कम करने के लिए सत्ताधारी जनरलों के खिलाफ प्रतिबंधों को लागू किया है.

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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म्यांमार की सेना ने यह हमला क्यों किया है, किन लोगों पर यह हमला हुआ है, आइये आपको विस्तार से यह पूरा विवाद समझाते हैं.

सागैंग क्षेत्र में होते है म्यांमार सेना के हमले 

म्यांमार के मुख्य शहर यांगून से लगभग 110 किमी (45 मील) पश्चिम में सागैंग क्षेत्र है. जहां, ये हमला हुआ है. मीडिया में वहां के स्थानिय निवासियों का हवाला देते कहा जा रहा है कि बच्चों सहित कम से कम 50 लोगों की मौत पाजिगी शहर के बैराज में हुई है. हवाई हमले तब हुए जब यह लोग एक प्रशासनिक कार्यालय के उद्घाटन के लिए इकठ्ठा हुए थे.

म्यांमार की सत्ता पर काबिज सेना पर नागरिकों की हत्याओं का आरोप है. सेना पर आरोप है कि वह सशस्त्र प्रतिरोध को दबाने के लिए कई तरह के मानवीय अपराधों में शामिल है. पिछले महीने, म्यांमार के तख्तापलट के नेता मिन आंग हलिंग ने अपने शासन के खिलाफ लड़ रहे "आतंकवादियों" से निर्णायक रूप से निपटने का संकल्प लिया था.

स्थानीय पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) जो की एक एंटी-जुंटा मिलिशिया है इसके एक सदस्य ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया कि उनके स्थानीय कार्यालय को खोलने के लिए आयोजित एक समारोह में लड़ाकू विमानों ने गोलीबारी की है.

पिछले महीने भी म्यांमार के दक्षिणी शान राज्य में एक मोनेस्ट्री पर म्यांमार सेना द्वारा किये गए हमले में कम से कम 28 लोग मारे गए थे. करेनी नेशनलिटीज डिफेंस फोर्स (केएनडीएफ) ने बताया था कि सैनिकों ने तब नान नैन्ट गांव पर गोलाबारी की थी. बीते कुछ समय से जुंटा के विद्रोह सेना के हमलों में तेजी आई है.

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2021 के तख्तापलट के बाद, सागैंग में क्रांति शुरू हुई

म्यांमार सेना की ओर से हर रोज घात लगाकर किए जाने वाले हमलों ने सागैंग क्षेत्र को म्यांमार के सैन्य शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति के केंद्र में ला दिया है.

2021 के तख्तापलट के बाद, सागैंग में क्रांति शुरू हुई थी. 28 मार्च 2021 को शासन विरोधी प्रदर्शनकारियों ने काले में एक कार्रवाई के दौरान नागरिकों को मारने वाले जुंटा सैनिकों को रोकने के लिए तात्कालिक आग्नेयास्त्रों और पुराने जमाने की शिकार राइफलें उठाईं, जिसमें बामर और चिन की मिश्रित आबादी शामिल है. इन लोगों ने म्यांमार सेना के खिलाफ विद्रोह कर दिया है.

पिछले साल मार्च में म्यांमार शासन ने यांगून और मांडले सहित देश भर में सैकड़ों शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की हत्या करते हुए कार्रवाई तेज कर दी थी.

म्यांमार में तख्तापलट के बाद से गृहयुद्ध के हालात 

म्यांमार गृह युद्ध जिसे म्यांमार स्प्रिंग रिवोल्युशन (क्रांति) भी कहा जाता है, म्यांमार के लंबे समय से चल रहे विद्रोह के बाद चल रहा गृह युद्ध है जो 2021 के सैन्य तख्तापलट और बाद में तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनों पर हिंसक कार्रवाई के जवाब में काफी बढ़ गया था.

म्यांमार में तख्तापलट 1 फरवरी 2021 की सुबह शुरू हुआ था. जब देश की सत्तारूढ़ पार्टी, नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए सदस्यों को तत्माडॉव-म्यांमार की सेना द्वारा हटा गया था.

जिसके बाद सेना ने शासन अपने कंट्रोल में ले लिया था. कार्यवाहक अध्यक्ष म्यिंट स्वे ने आपातकाल की एक साल की स्थिति की घोषणा की और घोषणा की कि रक्षा सेवाओं के कमांडर-इन-चीफ मिन आंग हलिंग को सत्ता दे दी गई है.

राष्ट्रपति विन मिंट और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की को, उनके मंत्रियों, उनके प्रतिनिधियों और संसद के सदस्यों के साथ हिरासत में लिया गया था.

सेना के तोपखाने के हमलों और हवाई हमलों के कारण दस लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं.

इस तख्तापलट के बाद 29 मार्च 2022 तक कम से कम 1,719 नागरिक, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, जुंटा बलों द्वारा मारे गए हैं और 9,984 गिरफ्तार किए गए हैं. मार्च 2021 में पुलिस हिरासत में एनएलडी के तीन प्रमुख सदस्यों की भी मृत्यु हो गई, और चार लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को जुलाई 2022 में जून्टा द्वारा मार डाला गया.

मिन आंग हलिंग एमएएल म्यांमार सेना के मुख्य जनरल है, जो फरवरी 2021 तख्तापलट में सत्ता पर कब्जा करने के बाद से राज्य प्रशासन परिषद के अध्यक्ष के रूप में म्यांमार पर शासन कर रहे हैं.

पश्चिमी देशों ने रूस जैसे प्रमुख सहयोगियों और आपूर्तिकर्ताओं से राजस्व और सैन्य उपकरणों तक पहुंच को कम करने के लिए सत्ताधारी जनरलों के खिलाफ प्रतिबंधों को लागू किया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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