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NASA ने जानबूझकर क्यों एस्टेरॉयड से टकराया अपना स्पेसक्राफ्ट, कैसे सफल हुआ मिशन?

NASA ने बताया कि मिशन से पहले या बाद में इस एस्टेरॉयड से पृथ्वी को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है.

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भारत में जब सुबह के 4 बजकर 46 मिनट हो रहे थे उस वक्त नासा (NASA) अपने एक मिशन पर था. मिशन यह था कि नासा ने अपना एक स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष के एक एस्टेरॉयड (Asteroid) से जानबूझ कर टकरा दिया जिसके बाद नासा का मिशन सफल रहा. लेकिन नासा ने जानबूझ कर क्यों अपने स्पेसक्राफ्ट को एस्ट्रॉइड के साथ टकराया?

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दरअसल पिछले साल नवंबर में नासा ने अपना एक स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजा ताकि वह पृथ्वी से 11 मिलियन किमी दूर सूर्य की परिक्रमा कर रहे एक छोटे क्षुद्रग्रह (एस्ट्रॉइड) से टकरा सके. नासा ने ऐसा इसलिए किया ताकि वह उस एस्टेरॉयड की दिशा बदल सके. अब नासा अपने प्रयासों में कितना सफल हुआ यह तो बाद में कुछ मेजरमेंट करने के बाद ही पता चलेगा.

नासा ने बताया कि इस एस्ट्रॉइड का नाम डिमॉर्फोस (Dimorphos) है और इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं था लेकिन नासा ने अपने परीक्षण के लिए इसे ही चुना क्योंकि पृथ्वी से लगभग 100 साल की दूरी पर है. नासा ने यह भी कहा कि मिशन पूरा होने के बाद भी इस एस्टेरॉयड से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है.

अपने मिशन और उसकी सफलता को लेकर नासा ने ट्वीट किया कि, "हमारे काम का प्रभाव देखने को मिला है. इस मिशन (डार्ट मिशन) को पूरा होते हुए देखिए, यह स्पेसक्राफ्ट एक वेंडिंग मशीन के साइज का है जो सफलता पूर्वक Dimorphos नाम के एस्टेरॉयड से टकरा गया जो लगभग एक फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा है और इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है."

इस पूरे मिशन को डार्ट मिशन (Dart Mission) का नाम दिया गया है. डार्ट यानी डबल एस्ट्रॉइड रिडाइरेक्शन टेस्ट. नासा के अनुसार डार्ट के तहत नासा का एक अंतरिक्ष यान सोमवार को डिमोर्फोस (Dimorphos) नामक एक छोटे एस्टेरॉयड से टकराया और उसकी दिशा बदल गई. इसकी लंबाई 169 मीटर की थी. 

नासा के ग्रह विज्ञान विभाग के निदेशक लोरी ग्लेज ने इस मिशन पर कहा, "हम एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं, एक ऐसा युग जिसमें हम संभावित रूप से खतरनाक से खतरनाक एस्टेरॉयड जैसी किसी चीज से खुद को बचाने की क्षमता रखते हैं." 

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