तमाम तरह के अजीबोगरीब बैन वाले देश उत्तर कोरिया ने आखिरकार ऑनलाइन दुनिया में कदम रख लिया है. अब उत्तर कोरिया के लोग लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डाक्टरों से सलाह ले सकते हैं. लोग अपने स्मार्टफोन पर एक-दूसरे को मैसेज भेज सकते हैं. ई-शॉपिंग और ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा भी शुरू की गई है. लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ इंटरनेट के मामले में ही उत्तर कोरिया अलग है. वहां के कई फरमान आपको हैरान कर देंगे.
इंटरनेट नहीं इंट्रानेट के जरिए होगा ये सब
खास बात ये है कि दुनिया से उत्तर कोरिया के लोग इंटरनेट पर अब भी नहीं जुड़ पाएंगे. ये सारी छूट उत्तर कोरिया के पर्सनल नेटवर्क इंट्रानेट के जरिए किया जाएगा. माना ये जाता है कि अफ्रीकी देश इरीट्रिया को छोड़कर उत्तर कोरिया धरती पर अब तक का सबसे कम अनुकूल देश है. वहां पर ज्यादातर लोग तक ग्लोबल इंटरनेट की पहुंच सोच से परे है. किसी के पास अपना कंप्यूटर या ईमेल एड्रेस होना वहां ताज्जुब की बात है.
किम जोंग उन देश के पहले नेता हैं, जिन्होंने देश में इंटरनेट का इस्तेमाल शुरू किया है.
उत्तर कोरिया के ये नियम-कानून आपको हैरान कर सकते हैं:
तीन पीढ़ियों को सजा का नियम
उत्तर कोरिया शायद धरती की पहली जगह होगी, जहां गंभीर अपराधों की सजा सिर्फ अपराधी ही नहीं, उसकी तीन पीढ़ियों को दी जाती है. ऐसे में अगर कोई शख्स किसी गंभीर अपराध में सजा पता है, तो उसके परिवार को भी जेल कैंप में डाल दिया जाता है. अपराधी की अगली दो पीढ़ियां भी अपनी जिंदगी जेल कैंप में ही काटती हैं. टेलीग्राफ की एक खबर के मुताबिक, इस सजा का प्रावधान साल 1972 में किम इल संग ने लागू किया था.
15 तरीके से ही कटा सकते हैं बाल
मिरर की खबर के मुताबिक, उत्तर कोरिया की महिलाओं और पुरुषों के लिए बाल कटाने की गाइडलाइन भी जारी होती है. दावा है कि ये गाइडलाइन सरकारी है, जिसके हिसाब से 15-15 हेयर स्टाइल पुरुषों और महिलाओं के लिए तय किए गए हैं. साथ ही आप अपने बालों को कलर भी नहीं कर सकते हैं. हालांकि, साल 2013 में पीटीआई में छपी एक खबर के मुताबिक, कुल हेयर स्टाइल की लिस्ट 28 की है और इसमें किम जोंग का हेयर स्टाइल शामिल नहीं है. मतलब ये है कि किम जोंग की तरह बाल कटाना मना है.
मीडिया पर सरकार का पूरा कंट्रोल
उत्तर कोरिया में मीडिया मतलब, सरकार की उपलब्धियों की खबर हैं. मीडिया ही नहीं, फिल्में भी आप वही देख सकते हैं, जो आपको वहां की सरकार और किम जोंग दिखाना चाहते हैं. मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश में बनी फिल्मों या टीवी शो को देखना वहां देश के खिलाफ अपराध माना जाता है और कड़ी से कड़ी सजा मिलती है.
ईसाई धर्म को मानते हैं, तो जेल जाएंगे
टेलीग्राफ की रिपोर्ट बताती है कि कोरिया के संविधान में वैसे तो धर्म की स्वतंत्रता की बात लिखी गई है, लेकिन असलियत कुछ और ही है. अगर वहां कोई शख्स ईसाई धर्म का पालन करता है, तो उसे लेबर कैंप में डाल दिया जाता है.
बता दें कि कोरिया में कुछ दशकों पहले तक ईसाइयों की संख्या ज्यादा थी, लेकिन अब एक अनुमान के मुताबिक संख्या घटकर करीब 50 हजार तक पहुंच आई है. ये लोग अपने धर्म का खुलासा करने में भी डरते हैं.
एक ही होटल में ठहरते हैं मेहमान
विदेशों से आए पर्यटकों के लिए एक ही होटल तय किया गया है, जहां उन्हें ठहराया जाता है. रिपोर्ट्स में ये दावा है कि प्योंगयांग सिटी के बीचों बीच में एक आइलैंड पर ये होटल है.
उत्तर कोरिया नहीं 'कोरिया' बोलो
उत्तर कोरिया में हर जगह आपको कोरिया नाम के बोर्ड लिखे मिलेंगे, न कि उत्तर कोरिया. यहां के लोग खुद को कोरियन मानते हैं, दक्षिण और उत्तर कोरिया उनके लिए मायने नहीं रखता. उनके मुताबिक, दक्षिण कोरिया पर अमेरिका अपना शासन जमाए हुए है.
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