ADVERTISEMENTREMOVE AD

पैगंबर पर टिप्पणी: तीन देश नाराज, कतर, कुवैत,ईरान ने भारतीय राजदूतों को किया तलब

बीजेपी के द्वारा विवादित बोल वाले लीडरों को पार्टी से निकाले जाने के बाद कुवैत ने स्वागत किया.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

रविवार, 5 जून को कतर, कुवैत और ईरान के विदेश मंत्रालयों ने भारतीय राजदूतों को तलब किया है. इसके पीछे की वजह भारत के सत्तारूढ़ दल के नेताओं द्वारा इस्लामिक पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणी बताई जा रही है. कुवैत के उप विदेश मंत्री ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के निलंबित किए गए नेताओं द्वारा पैगंबर मुहम्मद साहब के खिलाफ अपमानजनक बयानों पर विरोध का एक नोट सौंपा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कुवैत में भारतीय दूतावास ने कुवैत द्वारा जारी किए बयान के संबंध में जारी किए गए बयान में कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में की गई गलत टिप्पणियां किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाती हैं.

पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ की गई टिप्पणियों का देश और विदेशों में भारी विरोध के बाद भारतीय जनता पार्टी ने नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया और पार्टी के दिल्ली मीडिया सेल प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को भी पार्टी से निकाल दिया गया.

बीजेपी प्रवक्ता के निलंबन का स्वागत

कुवैत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के निलंबन के ऐलान का स्वागत किया. बता दें कि नूपुर शर्मा के द्वारा भारत के राष्ट्रीय टेलीविजन पर की गई टिप्पणी ने देश और विदेशों में विशेष रूप से कतर, कुवैत और सऊदी अरब जैसे अरब देशों में हंगामा मचा दिया था.

भारत इन सभी देशों के साथ अच्छे संबंध रखता है. कतर के विदेश मंत्रालय ने भारतीय एंबेसडर दीपक मित्तल को तलब किया और उन्हें एक ऑफिसियल नोट सौंपा, जिसमें निराशा व्यक्त की गई और पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ बीजेपी नेता की टिप्पणियों को पूरी तरह से खारिज किया गया.

इससे पहले बीजेपी ने इस विवाद से खुद को पूरी तरह दूर कर लिया और कहा कि पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि वह किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है. बीजेपी ऐसे व्यक्तियों या दर्शन को बढ़ावा नहीं देती.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारतीय दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने विदेश कार्यालय में एक बैठक की जिसमें भारत में व्यक्तियों द्वारा धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले कुछ आपत्तिजनक ट्वीट्स के संबंध में चिंता व्यक्त की गई.

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू मौजूदा वक्त में कतर के दौरे पर हैं. रविवार को उन्होंने कतर के प्रधानमंत्री और मंत्री शेख खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुलअजीज अल थानी से यहां मुलाकात की.

इससे पहले कतर के विदेश राज्य मंत्री सुल्तान बिन साद अल-मुरैखी ने भारत के राजदूत को नोट सौंपा. मंत्रालय ने भारत में सत्तारूढ़ दल बीजेपी द्वारा जारी बयान का स्वागत किया जिसमें उसने पार्टी के नेता को निलंबित करने का ऐलान किया और कहा कि कतर भारत सरकार से सार्वजनिक माफी और इन टिप्पणियों की तत्काल निंदा की उम्मीद कर रहा है.

भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि

अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है. अधिकारी ने कहा कि हमारी सभ्यतागत विरासत और विविधता में एकता की मजबूत सांस्कृतिक परंपराओं के मुताबिक भारत सरकार सभी धर्मों को सम्मान देती है.

भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों को ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ मिलकर काम करना चाहिए, जो अपने द्विपक्षीय संबंधों की ताकत को कम करना चाहते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
कतर के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इस तरह की इस्लामोफोबिक टिप्पणियों को सजा ना देना मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है और इससे हिंसा और नफरत पैदा हो सकती है.

मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि दुनिया भर में दो अरब से अधिक मुसलमान पैगंबर मोहम्मद साहब के द्वारा बताए गए रास्ते पर चलते हैं, जिनका संदेश शांति, समझ और सहिष्णुता से भरा हुआ है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×