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क्या आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने इमरान खान को पीएम पद से हटने को कहा था?

इमरान खान, जनरल बाजवा और ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के बीच एक घंटे तक चली बैठक

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) और देश के सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा के बीच शुक्रवार को अनिर्धारित मुलाकात के बाद बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच पाकिस्तान अटकलों से घिर गया है.

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इमरान खान, जनरल बाजवा और ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के बीच एक घंटे तक चली बैठक अप्रत्याशित थी. हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने मीडिया को बताया कि उन्होंने आपसी राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हित के मामलों पर चर्चा की.

सूत्र ने कहा कि खान ने जहां बाजवा से उनकी तटस्थता की शिकायत की, वहीं सेना प्रमुख ने उन्हें संविधान का पालन करने और जिम्मेदारी के साथ काम करने की सलाह दी.

खान ने सार्वजनिक रूप से यह भी कहा था कि बाजवा ने उनसे विपक्षी नेता फजल उर रहमान को डीजल नहीं कहने के लिए कहा था, लेकिन खान ने अपने समर्थकों से कहा कि उन्होंने बाजवा से कहा कि पूरा देश रहमान को डीजल कहता है.

डेली जंग के इरशाद भट्टी कहते हैं कि यह खान के लिए आत्मघाती होगा. अगर वह असेम्ब्ली में बहुमत का समर्थन खो देते हैं, तो वह आपातकाल घोषित करने की अपनी शक्ति भी खो देंगे. अगर वह बाजवा पर हमला करते हैं, तो उन्हें तुरंत हटा दिया जाएगा. अपनी खातिर खान को लोकतांत्रिक और जिम्मेदारी से काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि सरकार अल्पमत में आ जाने पर बाजवा इमरान खान को स्वेच्छा से पद छोड़ने के लिए कहें.

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उर्दू दैनिक डेली जंग ने खान के हवाले से कहा है कि अगर आप जाना चाहते हैं, तो आगे बढ़ें, लेकिन याद रखें, मैं आपके खिलाफ ऐसे कदम उठाऊंगा कि कोई पीठ में छुरा घोंपने की हिम्मत नहीं करेगा.

पार्टी में ही फूट 

इमरान खान की सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के असंतुष्ट नेताओं ने उन पर विद्रोहियों को मतदान से रोकने के लिए राज्य पुलिस और कानून लागू करने वाली एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. खान ने नेशनल असेम्बली के स्पीकर से विद्रोही सदस्यों को अयोग्य घोषित करने और उनके वोटों को अस्वीकार करने के लिए भी कहा है. लेकिन, पाकिस्तानी विशेषज्ञों के अनुसार, स्पीकर वोट देने के बाद ही विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, उससे पहले नहीं.

लेकिन, खान समझदारी वाली सलाह सुनने के मूड में नहीं हैं. उन्होंने अपने समर्थकों को इस्लामाबाद के डी-चौक पर इकट्ठा होकर मतदान के दिन संसद को घेरने और सांसदों को डराने के लिए बुलाया है, जिसने सैन्य प्रतिष्ठान को OIC की बैठक से पहले इस्लामाबाद को सुरक्षित करने के लिए मजबूर किया है.

जनरल बाजवा ने अपने जनरलों को OIC विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक और पाकिस्तान दिवस परेड के शांतिपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय करने का निर्देश दिया है. बता दें, OIC विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक 22-23 मार्च को इस्लामाबाद में होने वाली है, जबकि पाकिस्तान दिवस परेड 23 मार्च को होने वाली है.

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