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क्या एक 'भारतीय' बनेगा ब्रिटिश PM? Rishi Sunak पहले राउंड में सबसे आगे

ऋषि सुनक भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं.

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क्या कोई भारतीय मूल का शख्स ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बन सकता है? इस सवाल का जवाब जानने को ब्रिटेन से लेकर भारत के लोग भी उत्सुक हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) को लेकर मची सियासी उथल-पुथल के बीच ब्रिटेन में नए प्रधानमंत्री को लेकर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. भारतीय मूल के ब्रिटिश नेता ऋषि सुनक (Rishi Sunak) फिलहाल पीएम की रेस में कंजरवेटिव पार्टी में सबसे आगे चल रहे हैं.

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पहले राउंड की वोटिंग के बाद ऋषि सुनक टॉप पर दिख रहे हैं, हालांकि ऋषि के अलावा पांच और दावेदार भी पहले राउंड में जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं.

ब्रिटेन के वित्त मंत्री रह चुके ऋषि सुनक को 88 वोट मिले, वहीं वाणिज्य मंत्री पेनी मोर्डंट को 67 मत मिले हैं और वो दूसरे नंबर पर हैं.

इसके अलावा विदेश मंत्री लिज ट्रूस को पहले राउंड में 50 वोट, पूर्व कैबिनेट मंत्री केमी बडेनोच को 40, बैकबेंचर टॉम तुगेंदत को 37 और भारतीय मूल के एक और राजनेता सुएला ब्रेवरमैन को 32 वोट मिले हैं. वहीं मौजूदा चांसलर नादिम जाहावी और पूर्व कैबिनेट मंत्री जेरेमी हंट पहले दौर की वोटिंग के बाद नेतृत्व की दौड़ से हट गए हैं. दोनोंं अगले राउंड में जाने के लिए जरूरी 30 वोट हासिल करने में सफल नहीं हो सके. मतलब ब्रिटेन का पीएम बनने की रेस में जो कुल 8 नाम शामिल थे उनमें से अब दो अब बाहर हो गये हैं.

वहीं अब 14 जुलाई को संसद के 358 कंजर्वेटिव सदस्यों की ओर से दूसरे राउंड की वोटिंग होगी. जिसके बाद अंतिम दो उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा.

नारायण मूर्ति के दामाद हैं ऋषि सुनक

ऋषि सुनक भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं. यॉर्कशायर के रिचमंड से सांसद सुनक ने अभी हाल ही में वित्त मंत्री से इस्तीफा दे दिया था. ऋषि ने चिट्टी लिखकर बोरिस जॉनसन की सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए थे.

सुनक की पत्नी पर सरकार को टैक्स न देने का आरोप लगाया गया था. जिसे लेकर ऋषि सुनक निशाने पर थे. रिपोर्ट के मुताबिक, ऋषि सुनक की लोकप्रियता बोरिस जॉनसन से भी ज्यादा है.

कौन हैं ऋषि सुनक?

साउथेम्पटन में पूर्वी अमेरिका से आए भारतीय माता-पिता की संतान ऋषि सुनक की पढ़ाई-लिखाई विनचेस्टर कॉलेज और लिकंन कॉलेज से हुई. ऑक्सफोर्ड से उन्होंने दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र और राजनीति की पढ़ाई की, और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया.

साल 2015 में पहली बार ऋषि सुनक संसद पहुंचे थे. उस समय ब्रेग्जिट का समर्थन करने के चलते टोरी पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता चला गया. सुनक ने ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से बाहर निकलने के बोरिस जॉनसन के फैसले का समर्थन किया था.

सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी के मुताबिक बोरिस जॉनसन को हटाने के लिए यूके के नए प्रधानमंत्री की घोषणा 5 सितंबर को की जाएगी. तब तक बोरिस जॉनसन कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे.

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