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Rishi Sunak भारतीय मूल के हैं या नहीं? परिवार के इंग्लैंड पहुंचने की पूरी कहानी

Rishi Sunak की नानी की कहानी सबको सुननी चाहिए.

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"जनगणना के फॉर्म पर मैं ब्रिटिश इंडियन वाले बॉक्स में टिक करता हूं, उसका विकल्प है हमारे यहां (ब्रिटेन में). मैं पूरी तरह से ब्रिटिश हूं, यह मेरा घर और मेरा देश है, लेकिन मेरी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत भारतीय है." ये शब्द हैं ब्रिटेन के पहले गैर-श्वेत और भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) की. आपके मन में सवाल होगा कि सुनक के भारतीय मूल का होने की चर्चा तो हो रही है लेकिन असल में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का भारत से क्या और कैसा रिश्ता है? भारत में किस जगह उनका परिवार रहता था? कैसे उनका परिवार इंग्लैंड में बसा?

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पंजाब से लंदन का सफर

दरअसल, सुनक के दादा-दादी और नाना-नानी ब्रिटिश शासन वाले भारत में पैदा हुए थे. मूल रूप से अविभाजित भारत के पंजाब का गुजरांवाला जिला. जोकि बंटवारे के बाद पाकिस्तान के हिस्से में चला गया.

बताया जाता है कि ऋषि सुनक के दादा रामदास सुनक ने साल 1935 में केन्या की राजधानी नैरोबी में क्लर्क की नौकरी के लिए गुजरांवाला को छोड़ दिया था. नैरोबी में ही सुनक के दादा का परिवार भी शिफ्ट हो गया. सुनक के पिता यशवीर का जन्म नैरोबी में हुआ था. वहीं ऋषि सुनक की मां ऊषा का परिवार भारत से तंजानिया जाकर बस गया था. लेकिन वहां गुजारा कर पाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.

नानी की कहानी

अपने वीडियो में, सुनक ने एक कहानी के जरिए बताया था कि कैसे उनकी नानी ब्रिटेन में "बेहतर जीवन की उम्मीद के साथ" पहुंची थीं.

"मैं आपको एक युवा महिला के बारे में एक कहानी सुनाता हूं, जो बेहतर जीवन की आशा और अपने परिवार के प्यार से लैस एक विमान में सवार हुई थी. यह युवती ब्रिटेन आई थीं, जहां वह नौकरी खोजने में कामयाब रहीं. लेकिन अपने पति और बच्चों को पालने के लिए पर्याप्त पैसे बचाने में उन्हें लगभग एक साल लग गया. उन बच्चों में से एक मेरी मां थी, जिनकी उम्र 15 साल थी. मेरी मां ने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और फार्मासिस्ट बनने की योग्यता प्राप्त की. वह मेरे पिताजी से राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) में मिली थीं और फिर दोनों साउथेम्पटन में बस गए. उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. लेकिन मेरी कहानी वहीं से शुरू हुई."

इस कहानी की डीटेल ये है कि ऋषि सुनक की नानी ने अपनी शादी के जेवर बेचकर ब्रिटेन जाने का एक टिकट लिया था. लेकिन जेवर बेचने के बाद भी टिकट के पैसे इतने नहीं हो सके कि बाकी परिवार भी ब्रिटेन साथ जा सकता. इसलिए उन्हें अकेले ही ब्रिटेन जाना पड़ा. नानी ने अपने पति और बच्चों जिसमें ऋषि सुनक की मां ऊषा भी शामिल थीं उन्हें तंजानिया में ही छोड़ दिया. ब्रिटेन में सुनक की नानी को लिसेस्टर में एक बुक कीपर के तौर पर काम मिला. फिर उन्होंने पैसे बचाकर अपने परिवार को ब्रिटेन बुला लिया.

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वहीं दूसरी ओर सुनक के दादा का परिवार जोकि अविभाजित भारत के गुजरांवाला से नैरोबी पहुंचा था वो भी रोजगार की तलाश में 1960 के दशक में अपने बच्चों के साथ पूर्वी अफ्रीका से यूनाइटेड किंगडम चला गया था. इसी दौरान 1977 में ऋषि सुनक की मां ऊषा और यशवीर की शादी हुई थी.
Rishi Sunak की नानी की कहानी सबको सुननी चाहिए.

यशवीर और उषा सुनक अपने बच्चों - ऋषि, संजय और राखी के साथ.

(फोटो- स्क्रीनग्रैब ट्विटर)

सुनक अपनी वेबसाइट पर लिखते हैं,

मैं अपने माता-पिता को समर्पण के साथ हमारे स्थानीय समुदाय की सेवा करते हुए देखकर बड़ा हुआ हूं. मेरे पिता राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) में जनरल प्रैक्टिशनर (जीपी) थे, जबकि मां एक फार्मेसी चलाती थीं.

12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथेम्पटन में जन्मे ऋषि सुनक तीन बहन-भाइयों में सबसे बड़े हैं. उनके बाद छोटे भाई संजय सुनक हैं, जो पेशे से मनोचिकित्सक हैं. छोटी बहन राखी संयुक्त राष्ट्र में काम कर करती हैं.

सुनक ने ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से राजनीतिक विज्ञान में पढ़ाई की. इसके साथ ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्टैनफोर्ड से एमबीए की डिग्री हासिल की है. 

2015 में बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ एक इंटरव्यू में, सुनक ने बताया था कि उनके नाना को इनलैंड रेवेन्यू, टैक्स ऑफिस के लिए काम करने के लिए "दशकों और दशकों के बाद" एमबीई (मेंबर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर) प्राप्त हुआ था.

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भारत से सुनक का ससुराली रिश्ता भी

सुनक की जड़ भारत से जुड़ी तो थी ही लेकिन दूसरी तरफ सुनक का ससुराल भी भारत में है. ऋषि सुनक भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं. नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से सुनक ने शादी की है.

सुनक ने द सन अखबार को बताया,

"मेरे ससुर ने अपने जीवन में जो हासिल किया है, अगर मैं उसका दसवां हिस्सा भी हासिल कर पाया, तो मैं एक खुश इंसान बनूंगा. मुझे वास्तव में इस बात पर गर्व है कि उन्होंने क्या हासिल किया है."

सुनक ने साल 2009 में अक्षता मूर्ति से बेंगलुरु में शादी की और उनकी दो बेटियां अनुष्का और कृष्णा हैं.

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ऋषि सुनक कितने भारतीय मूल के?

अब तक तो सुनक के खानदान की चर्चा हो रही थी अब उनकी जुबान की बात भी हो जाए. दरअसल, ऋषि सुनक हिंदी और पंजाबी बोल लेते हैं.

अपनी बहु-सांस्कृतिक जड़ों और भारतीय वंश के बारे में बात करते हुए, उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड के इंटरव्यू में कहा था, "मैं पूरी तरह से ब्रिटिश हूं, यह मेरा घर और मेरा देश है, लेकिन मेरी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत भारतीय है, मेरी पत्नी भारतीय है. मैं एक हिंदू हूं इसके बारे में मैं बिल्कुल साफ हूं."

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