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Russia-Ukraine War: एक साल में यूक्रेन के कितना अंदर घुसा रूस? नक्शे से समझिए

रूस-यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरे: 2022 से पहले रूस का यूक्रेन के 42,000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा था.

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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia-Ukraine War) को एक साल पूरे हो गए हैं. इस युद्ध का प्रभाव रूस-यूक्रेन के साथ ही पूरी दुनिया पर पड़ा है. पिछले एक साल में रूस ने यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी इलाकों पर कब्जा कर लिया है. वहीं यूक्रेन इन इलाकों में लगातार काउंटर अटैक कर रहा है. युद्ध की शुरुआत से अब तक यूक्रेन ने उत्तरी भाग से रूसी लड़ाकों को खदेड़ दिया है. हालांकि, मास्को की ओर से हवाई हमले जारी हैं. चलिए आपको बताते हैं कि एक साल में यूक्रेन के कितने अंदर तक रूसी सेना का कब्जा हो गया है?

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यूक्रेन में किस क्षेत्र पर किसका नियंत्रण?

24 फरवरी, 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था. उत्तर में बेलारूस की तरफ से रूसी सेना कीव की ओर बढ़ी. पूर्व में डोनबास के रास्ते खारकीव की ओर और दक्षिण में क्रीमिया के रास्ते ओडेसा, जापोरिज्जिया और मारियूपोल की तरफ रूसी सैनिकों ने आक्रमण किया.

यूक्रेनी सैनिकों ने युद्ध के कुछ ही दिनों में रूसियों को कीव से खदेड़ दिया. जिसके बाद यूद्ध पूर्व और दक्षिण यूक्रेन के बीच 600 मील के फ्रंट लाइन पर केंद्रित हो गया. हालांकि, रूसी सेना का यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों में हवाई हमला जारी है.

कैसे आगे बढ़ा युद्ध?

25 फरवरी 2022: रूसी सेना ने कीव और खेरसान सहित प्रमुख यूक्रेनी शहरों में पहली बार प्रवेश किया और सैन्य और नागरिक ठिकानों पर अतिरिक्त हवाई और मिसाइल हमले किए.

मार्च 2022: रूसी सेना ने कीव पर कब्जे के उद्देश्य से घेराव करना शुरू किया. इसके साथ ही रूस खार्किव और मारियुपोल पर भी कब्जे की कोशिश में जुटा था.

अप्रैल 2022: यूक्रेन के मजबूत जवाबी हमले और रसद संबंधी चुनौतियों की वजह से अप्रैल की शुरुआत में रूसी सेना को चेर्निहाइव, कीव, सुमी और जाइटॉमिर से पीछे हटना पड़ा.

रूस-यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरे: 2022 से पहले रूस का यूक्रेन के 42,000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा था.

अप्रैल 2022 में उत्तरी यूक्रेन से पीछे हटी रूसी सेना.

सोर्स: Institute for the Study of War

सितंबर 2022: यूक्रेनी सेना ने खार्किव क्षेत्र में एक सफल जवाबी हमले के साथ अग्रिम मोर्चे पर महीनों से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त कर दिया, जिससे रूसी सेना को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा.

30 सितंबर 2022: रूस ने डोनेस्क, खेरसान, लुहांस्क और जापोरिज्जिया ओब्लास्ट के विलय की घोषणा की. इसके जवाब में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस विलय को अवैध बताते हुए और क्षेत्रीय अखंडता के लिए यूक्रेन के अधिकार को बरकरार रखते हुए एक प्रस्ताव पारित किया.

नवंबर 2022: यूक्रेनी सेना ने 11 नवंबर को खेरसान शहर को फिर से हासिल करके एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की.

रूस-यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरे: 2022 से पहले रूस का यूक्रेन के 42,000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा था.

नवंबर में यूक्रेन ने खेरसान पर कब्जा कर लिया.

सोर्स: Institute for the Study of War

2022 से पहले रूस का यूक्रेनी क्षेत्र (क्रीमिया, डोनेस्क और लुहांस्क के कुछ हिस्सों) के 42,000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा था. यूक्रेन पर हमले के बाद मार्च 2022 तक रूस ने अतिरिक्त 119,000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर लिया. रूस का कुल 1,61,000 वर्ग किलोमीटर या यूक्रेन के लगभग 27% फीसदी क्षेत्र पर कब्जा हो गया था.

इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 नवंबर 2022 तक यूक्रेनी सेना ने रूसी कब्जे से 74,443 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को मुक्त कर लिया. जिसके बाद रूस के पास लगभग 18% क्षेत्र पर नियंत्रण रह गया था.

फिलहाल क्या स्थिति है?

इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन की उत्तरी ऑपरेशनल कमांड ने 23 फरवरी को सूचना दी कि रूसी सेना चेर्निहाइव ओब्लास्ट के अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों में संभावित फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन की तैयारी कर रही है. यूक्रेन की उत्तरी ऑपरेशनल कमांड ने कहा कि यूक्रेनी इंटेलिजेंस ने चेर्निहाइव ओब्लास्ट सीमा के पास के क्षेत्रों में यूक्रेनी सैन्य चाल से मिलते-जुलते सैन्य उपकरणों और वर्दी पहने हुए कर्मियों के साथ रूसी काफिले को देखा है.

युद्ध के एक साल बाद रूस और राष्ट्रपति पुतिन की सबसे बड़ी सफलता रूस की सीमा और क्रीमिया के बीच की जमीन पर कब्जा मिलना है. अब रूस इस 'जमीनी पूल' की मदद से उस क्रीमिया तक आसानी से पहुंच सकता है जिसपर 2014 में उसने अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था. अब रूस क्रीमिया तक पहुंच के लिए केर्च जलडमरूमध्य/स्ट्रेट पर अपने पुल पर निर्भर नहीं है.

रूस ने साथ ही सामरिक रूप से महत्वपूर्ण मारियुपोल और मेलिटोपोल शहर पर भी कब्जा कर लिया है. फिलहाल दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी है. रूस ने एक तरफ पूरी ताकत झोंक रखी है. वहीं दूसरी तरफ से पश्चिमी देशों से मिल रही मदद की बदौलत यूक्रेन भी युद्ध के मैदान में डटा हुआ है.

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