यूक्रेन (Ukraine) में चल रहे संकट के बीच वहां से कई ऐसे ऑडियो और वीडियोज सामने आ रहे हैं जो दहशत और भारतीयों पर हो रही बर्बरता को बयां कर रहे हैं. कई छात्र अपने माता-पिता से बात करते करते टूट गए और रोने लगे तो रोमानिया की बॉर्डर पर पहुंचे कई भारतीयों के साथ सेना ने बर्बरता की.
कई भारतीय छात्रों का आरोप है कि एंबेसी ने जो इमर्जेंसी नंबर जारी किया अस पर कोई जवाब नहीं दे रहा है.
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि यूक्रेन से जुड़े पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाक गणराज्य की बॉर्डर से भारतीय नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए 24x7 नियंत्रण केंद्र स्थापित किए गए हैं. लेकिन अब वहां पहुंचे भारतीय छात्र शिकायतें कर रहे हैं और बर्बरता का शिकार हो रहे हैं.
एक मेडिकल छात्र पुलकित श्रीवास्तव ने वीडियो के माध्यम से बताया कि वहां कई सारे लोग रोमानिया की बॉर्डर पर पहुंच गए हैं लेकिन उन्हें वहां से निकालने की कोई व्यवस्था नहीं दिख रही. पुलकित ने कहा कि, "हम 24 घंटे से ज्यादा समय के लिए भीषण ठंड में खड़े हैं लेकिन यहां एंबेसी का कोई स्टाफ नहीं है ना ही एंबेसी में कॉल करने पर कोई जवाब दे रहा है."
वहीं लखनऊ की गरिमा मिश्रा ने बताया कि वो कीव में फंसी हैं. गरिमा बोली "हमारी कोई मदद नहीं कर रहा, एंबेसी हमारा फोन नहीं उठा रही. यहां से जो लोग कार से निकले हैं उन पर रूस के सैनिकों ने फायरिंग की है उनके साथ क्या हुआ हम नहीं जानते."
गरिमा ने कहा कि, "हमें रोमानिया बॉर्डर से कई ऐसे वीडियोज मिल रहे हैं जिसमें दिखाया जा रहा है कि आर्मी वाले भारतीयों को पीट रहे हैं उनके साथ बदतमीजी कर रहे हैं. योगी जी, मोदी जी हमें बचाएं."
एक छात्रा ने बताया, "भारतीय छात्रों को बुरी तरह टॉर्चर किया गया. एक व्यक्ति को अस्थमा था उसका मुंह बंद करके दिखाया गया कि वह किस तरह से ब्रेथलेस हैं. रात 12.00 बजे जो गार्ड्स मौजूद थे, उन्होंने बॉर्डर के चेक पॉइंट पर छात्रों के साथ हंटर गेम खेला और कहा जो गेम खेलेगा उसे वीजा मिलेगा."
भोपाल के आभास परिहार और उनकी मां सुनीता परिहार के बीच बातचीत का ऑडियो सामने आया है, जिसमें आभास रोते हुए अपनी मां को वहां की स्थिति बताते हुए रो रहे हैं. आभास का कहना है कि उन तक किसी भी तरह की मदद नहीं पहुंच पा रही है, वहां धक्का-मुक्की हो रही रोते हुए अपने माता-पिता से उन तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाने की बात कर रहे हैं. खाने-पीने का इंतजाम भी नहीं हो रहा है.
इनपुट-विवेक मिश्रा, इज़हार हसन खान
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