श्रीलंका (SriLanka) के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को पांच सप्ताह में दूसरी बार व्यापक तौर पर अधिकार देते हुए इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है, जो आधी रात के बाद लागू हो जाएगा. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति के एक प्रवक्ता ने कहा कि बिगड़ते आर्थिक संकट पर उनके इस्तीफे की मांग को लेकर ट्रेड यूनियनों द्वारा शुक्रवार को देशव्यापी हड़ताल करने के बाद उन्होंने सार्वजनिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानूनों का आह्वान किया.
1948 के वित्तीय संकट के बाद से श्रीलंका एक अप्रत्याशित पैमाने के आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक चावल, दूध और तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू गई हैं, जिसके बाद बड़े पैमाने पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों ने राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर दी है.
देश में फैली मंदी की मुख्य वजह विदेशी मुद्रा की कमी है, जिसके कारण पेट्रोलियम, भोजन, कागज, चीनी, दाल, दवाएं और परिवहन उपकरण जैसी आवश्यक वस्तुओं के आयात में भारी कमी आई है.
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