श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद से महिंदा राजपक्षे ने अपना इस्तीफा दे दिया है. आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में आज महिंदा राजपक्षे के समर्थकों और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया. झड़प में सत्तारूढ़ दल के एक सांसद समेत 5 की मौत हो गई जबकि सैंकड़ों घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे परिवार और कई मंत्रियों के घरों को आग के हवाले कर दिया है.
दिन में सरकार समर्थक समूहों की ओर से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया है.
एक पुलिस प्रवक्ता ने स्थानीय मीडिया के हवाले से कहा कि अगले नोटिस तक तत्काल प्रभाव से पूरे श्रीलंका में कर्फ्यू लगा दिया गया है. कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने में सहायता के लिए सैन्य दल को विरोध स्थल पर तैनात किया गया है. शुक्रवार को एक विशेष कैबिनेट बैठक में राष्ट्रपति ने शुक्रवार मध्यरात्रि से इमरजेंसी की घोषणा कर दी थी. यह दूसरी बार है जब श्रीलंका में लगभग एक महीने की अवधि में आपातकाल घोषित किया गया.
राजपक्षे परिवार का घर जलाया गया
शाम में प्रदर्शनकारियों ने फिर से पलटवार किया. उन्होंने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके भाई महिंदा राजपक्षे के माता-पिता के लिए बनाए गए स्मारक को नष्ट कर दिया और कोलंबो से लगभग 250 किलोमीटर दूर हंबनटोटा में उनके घर को आग लगा दी.
इसके अलावा तीन पूर्व मंत्रियों और दो सांसदों के घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया.
बता दें, साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ है, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है. 9 अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं.
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