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Sudan: मिलकर तख्तापलट करने वाली आर्मी और पैरामिलिट्री में जंग शुरू, वजह क्या है?

Sudan Army VS Paramilitary Clash: हिंसक झड़प में कई लोगों की मौत, भारत ने अपने नागरिकों के लिए जारी की सलाह

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सूडान (Sudan) की राजधानी खार्तूम (Khartoum) में शनिवार, 15 अप्रैल को सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच गोलीबारी और विस्फोट की घटना सामने आई है. इसके बाद इलाके में हालात हिंसक हो गए हैं. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियोज में शहर से उठता धुआं और नीचे से गुजरते फाइटर जेट देखें गए. सूडान के डॉक्टरों के एक समूह के अनुसार, अब तक संघर्ष में कम से कम तीन लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हुए हैं.

गोलीबारी और झड़प होने के बाद भारतीय दूतावास (सूडान) ने वहां रहने वाले सभी भारतीयों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है.

The New York Times की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी खार्तूम में सैन्य ठिकानों पर शनिवार तड़के शुरू हुई लड़ाई तेजी से राष्ट्रपति भवन, राज्य प्रसारक के मुख्यालय और अंतरराष्ट्रीय एटरपोर्ट समेत पूरे शहर में फैल में फैल गई है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियोज में सैनिकों को सड़कों पर फायरिंग करते, रिहायशी इलाकों से तेजी से भागते बख्तरबंद वाहनों और टर्मिनल के अंदर व रन-वे के पास यात्रियों को एयरपोर्ट के फर्श पर शरण लेते हुए देखा जा सकता है.

जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान के नेतृत्व वाली सूडानी सेना और लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद हमदान के नेतृत्व वाले एक शक्तिशाली अर्धसैनिक समूह रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच हफ्तों से चल रहे तनाव के बाद ये झड़पें हो रही हैं.

Sudan: मिलकर तख्तापलट करने वाली आर्मी और पैरामिलिट्री में जंग शुरू, वजह क्या है?

  1. 1. दोनों गुटों ने मिलकर हासिल की सत्ता, अब विवाद क्यों?

    जनरल अब्देल और लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद हमदान अक्टूबर 2021 में तख्तापलट के बाद सत्ता पर कब्जा करने के लिए एकजुट हुए थे. इस दौरान लगभग 30 वर्षों के से राष्ट्रपति उमर हसन अल-बशीर को हटाने के लिए हजारों सूडानी सड़कों पर जमा हो गए थे.

    तख्तापलट के बाद सत्ता का नेतृत्व सेना प्रमुख जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान और लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद हमदान ने किया था.

    तख्तापलट के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर हुआ और नागरिक सरकार लाने की मांग करते हुए युवा नागरिकों के नेतृत्व में राजधानी में हर हफ्ते सेना के विरोध में प्रोटेस्ट शुरू हो गए.

    इसके बाद बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच, दोनों जनरलों ने दिसंबर 2022 के एक नागरिक नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता वापस सौंपने पर सहमति व्यक्त की. लेकिन दोनों के बीच कुछ मुद्दों पर बहस हुई. विशेष रूप से इस बात पर कि उनकी दो प्रतिद्वंद्वी सेनाओं को एक ही सेना में कितनी जल्दी एकीकृत किया जाना चाहिए.

    रिपोर्ट के मुताबिक सेना के अंदर के कट्टरपंथी चाहते थे कि रैपिड सपोर्ट फोर्स को दो साल के अंदर भंग कर दी जाए. हालांकि रैपिड सपोर्ट फोर्स के लीडर इसके लिए तैयार नहीं थे.

    पिछले महीने न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में, रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के डिप्टी कमांडर अब्दुल रहीम दगालो ने जनरल अल-बुरहान पर देश को "जलने" की अनुमति देने के इच्छुक होने का आरोप लगाया था.

    पिछले बुधवार को तनाव तब बढ़ गया जब रैपिड सपोर्ट फोर्स ने खार्तूम से 125 मील उत्तर में मेरो में एक सैन्य ठिकाने पर नियंत्रण कर लिया. इसके बाद सेना ने रैपिड सपोर्ट फोर्स पर शांति भंग करने और डर फैलाने का आरोप लगाया.

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  2. 2. हिंसक झड़प के बाद दोनों गुटों ने क्या कहा?

    शनिवार दोपहर तक, दोनों पक्ष खार्तूम और देश भर की अहम जगहों कब्जा करने का दावा कर रहे थे, जिसमें राष्ट्रपति महल, मुख्य अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और कई अन्य हवाई क्षेत्र शामिल थे. बता दें कि दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर तख्तापलट की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

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  3. 3. सूडान की अर्थव्यवस्था का बिगड़ता हाल

    सूडान की अर्थव्यवस्था पूर्व राष्ट्रपति अल-बशीर के शासन के दौरान ही काफी खराब हो चुकी थी, जो उनके पतन की अहम वजह भी बनी. देश के बिगड़ते हुए हालातों से करेंसी कमजोर हुई, रोटी और ईंधन की लगातार कमी होने लगी.

    2019-2021 में सरकार ने लोन से राहत के लिए और विदेशी फंडों को आकर्षित करने के लिए एक सफल बोली में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा निगरानी किए गए अचानक सुधारों को लागू किया. लेकिन 2021 के तख्तापलट के बाद अंतरराष्ट्रीय समर्थन और लोन राहत में अरबों डॉलर रुक गए, विकास परियोजनाओं को रोक दिया गया, राष्ट्रीय बजट पर दबाव डाला गया और गंभीर मानवीय स्थिति बिगड़ गई.

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  4. 4. सूडान में खराब होते हालात पर भारत-अमेरिका और UN ने जाहिर की चिंता

    सूडान में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने और घर के अंदर रहने की सलाह दी है.

    अमेरिकी दूतावास का ट्वीट- सेक्रेटरी एंथनी ब्लिंकेन ने कहा कि मैं SAF और RSF के बीच बढ़ती हिंसा की खबरों से बहुत चिंतित हूं. हम खार्तूम में दूतावास की टीम के संपर्क में हैं. हम सभी पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे तुरंत हिंसा बंद करें, बाकी मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत जारी रखें.

    सूडान में अमेरिका के राजदूत जॉन गॉडफ्रे ने ट्वीट करते हुए कहा कि वह शनिवार को "गोलियों और लड़ाई की गहरी परेशान करने वाली आवाजों" से जगे.

    UAE की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात ने सूडान में सभी पक्षों से संयम बरतने, लड़ाई को कम करने और बातचीत के माध्यम से संकट को समाप्त करने की दिशा में काम करने का आह्वान किया है. एजेंसी ने कहा कि खार्तूम में यूएई दूतावास "सूडान के घटनाक्रमों पर बड़ी चिंता के साथ नजर रख रहा है और डी-एस्केलेशन के महत्व पर यूएई की स्थिति की पुष्टि की है, और संबंधित पक्षों के बीच संकट का शांतिपूर्ण समाधान खोजने की दिशा में काम कर रहा है.

    NY Times की रिपोर्ट के मुताबिक UN के एक अधिकारी ने कहा कि राजधानी के दक्षिण-पूर्वी इलाके में अमेरिकी दूतावास के पास, खार्तूम में "सचमुच हर जगह" संघर्ष हो रहे थे.

    (क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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दोनों गुटों ने मिलकर हासिल की सत्ता, अब विवाद क्यों?

जनरल अब्देल और लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद हमदान अक्टूबर 2021 में तख्तापलट के बाद सत्ता पर कब्जा करने के लिए एकजुट हुए थे. इस दौरान लगभग 30 वर्षों के से राष्ट्रपति उमर हसन अल-बशीर को हटाने के लिए हजारों सूडानी सड़कों पर जमा हो गए थे.

तख्तापलट के बाद सत्ता का नेतृत्व सेना प्रमुख जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान और लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद हमदान ने किया था.

तख्तापलट के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर हुआ और नागरिक सरकार लाने की मांग करते हुए युवा नागरिकों के नेतृत्व में राजधानी में हर हफ्ते सेना के विरोध में प्रोटेस्ट शुरू हो गए.

इसके बाद बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच, दोनों जनरलों ने दिसंबर 2022 के एक नागरिक नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता वापस सौंपने पर सहमति व्यक्त की. लेकिन दोनों के बीच कुछ मुद्दों पर बहस हुई. विशेष रूप से इस बात पर कि उनकी दो प्रतिद्वंद्वी सेनाओं को एक ही सेना में कितनी जल्दी एकीकृत किया जाना चाहिए.

रिपोर्ट के मुताबिक सेना के अंदर के कट्टरपंथी चाहते थे कि रैपिड सपोर्ट फोर्स को दो साल के अंदर भंग कर दी जाए. हालांकि रैपिड सपोर्ट फोर्स के लीडर इसके लिए तैयार नहीं थे.

पिछले महीने न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में, रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के डिप्टी कमांडर अब्दुल रहीम दगालो ने जनरल अल-बुरहान पर देश को "जलने" की अनुमति देने के इच्छुक होने का आरोप लगाया था.

पिछले बुधवार को तनाव तब बढ़ गया जब रैपिड सपोर्ट फोर्स ने खार्तूम से 125 मील उत्तर में मेरो में एक सैन्य ठिकाने पर नियंत्रण कर लिया. इसके बाद सेना ने रैपिड सपोर्ट फोर्स पर शांति भंग करने और डर फैलाने का आरोप लगाया.

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हिंसक झड़प के बाद दोनों गुटों ने क्या कहा?

शनिवार दोपहर तक, दोनों पक्ष खार्तूम और देश भर की अहम जगहों कब्जा करने का दावा कर रहे थे, जिसमें राष्ट्रपति महल, मुख्य अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और कई अन्य हवाई क्षेत्र शामिल थे. बता दें कि दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर तख्तापलट की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

सूडान की अर्थव्यवस्था का बिगड़ता हाल

सूडान की अर्थव्यवस्था पूर्व राष्ट्रपति अल-बशीर के शासन के दौरान ही काफी खराब हो चुकी थी, जो उनके पतन की अहम वजह भी बनी. देश के बिगड़ते हुए हालातों से करेंसी कमजोर हुई, रोटी और ईंधन की लगातार कमी होने लगी.

2019-2021 में सरकार ने लोन से राहत के लिए और विदेशी फंडों को आकर्षित करने के लिए एक सफल बोली में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा निगरानी किए गए अचानक सुधारों को लागू किया. लेकिन 2021 के तख्तापलट के बाद अंतरराष्ट्रीय समर्थन और लोन राहत में अरबों डॉलर रुक गए, विकास परियोजनाओं को रोक दिया गया, राष्ट्रीय बजट पर दबाव डाला गया और गंभीर मानवीय स्थिति बिगड़ गई.

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सूडान में खराब होते हालात पर भारत-अमेरिका और UN ने जाहिर की चिंता

सूडान में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने और घर के अंदर रहने की सलाह दी है.

अमेरिकी दूतावास का ट्वीट- सेक्रेटरी एंथनी ब्लिंकेन ने कहा कि मैं SAF और RSF के बीच बढ़ती हिंसा की खबरों से बहुत चिंतित हूं. हम खार्तूम में दूतावास की टीम के संपर्क में हैं. हम सभी पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे तुरंत हिंसा बंद करें, बाकी मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत जारी रखें.

सूडान में अमेरिका के राजदूत जॉन गॉडफ्रे ने ट्वीट करते हुए कहा कि वह शनिवार को "गोलियों और लड़ाई की गहरी परेशान करने वाली आवाजों" से जगे.

UAE की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात ने सूडान में सभी पक्षों से संयम बरतने, लड़ाई को कम करने और बातचीत के माध्यम से संकट को समाप्त करने की दिशा में काम करने का आह्वान किया है. एजेंसी ने कहा कि खार्तूम में यूएई दूतावास "सूडान के घटनाक्रमों पर बड़ी चिंता के साथ नजर रख रहा है और डी-एस्केलेशन के महत्व पर यूएई की स्थिति की पुष्टि की है, और संबंधित पक्षों के बीच संकट का शांतिपूर्ण समाधान खोजने की दिशा में काम कर रहा है.

NY Times की रिपोर्ट के मुताबिक UN के एक अधिकारी ने कहा कि राजधानी के दक्षिण-पूर्वी इलाके में अमेरिकी दूतावास के पास, खार्तूम में "सचमुच हर जगह" संघर्ष हो रहे थे.

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