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Sweden और Finland ने औपचारिक रूप से Nato में शामिल होने के लिए आवेदन किया

Russia-Ukraine War: Nato महासचिव ने Sweden और Finland के इस फैसले को 'ऐतिहासिक कदम' बताया है

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स्वीडन (Sweden) और फिनलैंड (Finland) ने औपचारिक रूप से सैन्य गठबंधन NATO में शामिल होने के लिए अपने आवेदन जमा कर दिए हैं. दोनों नॉर्डिक देशों के इस फैसले को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के अब तक के सबसे बड़े भू-राजनीतिक परिणामों में से एक माना जा रहा है.

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NATO के सेक्रेटरी जनरल, जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने व्यक्तिगत रूप से ब्रसेल्स में स्थित इस 30-सदस्यों वाले रक्षात्मक सैन्य गठबंधन के मुख्यालय में स्वीडन और फिनलैंड की सदस्यता के आवेदन को स्वीकार किया.

जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने इस मौके पर कहा कि "मैं नाटो में शामिल होने के लिए फिनलैंड और स्वीडन के आवेदन का गर्मजोशी से स्वागत करता हूं. आप हमारे सबसे करीबी साथी हैं". NATO के सेक्रेटरी जनरल ने स्वीडन और फिनलैंड के इस फैसले को "एक ऐतिहासिक कदम" और "महत्वपूर्ण समय में सुरक्षा के लिए एक अच्छा दिन" करार दिया.

NATO में स्वीडन के राजदूत Axel Wernhoff और फिनलैंड के राजदूत Klaus Korhonen ने बुधवार, 18 मई को आवेदन पत्र सौंपे, जिन पर उनके संबंधित विदेश मंत्रियों ने साइन किए थे.

स्वीडन और फिनलैंड को NATO में शामिल होने के लिए गठबंधन के सभी सदस्य देशों के हां की आवश्यकता होगी. हालांकि तुर्की ने पहले ही कह दिया है कि वह समर्थन नहीं करेगा.

स्वीडन और फिनलैंड के लीडर जाएंगे अमेरिका

फिनलैंड के राष्ट्रपति Sauli Niinistö और स्वीडन की प्रधानमंत्री Magdalena Andersson गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करने के लिए वाशिंगटन जा रही हैं. यहां दोनों देशों के NATO में शामिल होने केआवेदन और यूरोपीय सुरक्षा पर व्यापक रूप से बातचीत होगी.

NATO के राजदूतों के द्वारा बुधवार को ही फिनलैंड और स्वीडेन के आवेदनों पर चर्चा करने की उम्मीद है और वे दोनों देशों के साथ औपचारिक बातचीत शुरू करने पर हरी झंडी दे सकते हैं. बावजूद इसके तुर्की का स्टैंड दोनों देशों के उम्मीद पर पानी फेर सकता है.

मालूम हो कि NATO में किसी देश को शामिल करने में आमतौर पर आठ से 12 महीने के बीच का वक्त लगता है, लेकिन इस सैन्य गठबंधन ने कहा है कि वह रूस से नॉर्डिक देशों के ऊपर खतरे को देखते हुए इस प्रक्रिया को जल्दी से आगे बढ़ना चाहता है.

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