अमेरिका (US) और नाटो(NATO) के अधिकारियों के मुताबिक अफगानिस्तान (Afghanistan) के शासन पर कब्जा करने के बाद आतंकवादी संगठन तालिबान(Taliban) अपने विरोधियों और उनके परिवारों की घर-घर तलाशी कर रहा है.
संयुक्त राष्ट्र (UN) के एक खुफिया डॉक्यूमेंट से पता चलता है, तालिबानियों ने अमेरिकी और नाटो सुरक्षाबलों के साथ काम करने वाले लोगों का घर-घर जाकर दौरा किया है. यह रिपोर्ट न्यूज एजेंसी AFP ने प्रकाशित की.
इसके अलावा काबुल एयरपोर्ट से देश छोड़ने की कोशिश कर रहे लोगों की भी स्क्रीनिंग की जा रही है.
वादे से मुकर रहा तालिबान
घर-घर जाकर तलाशी की यह रिपोर्ट उन आशंकाओं को मजबूत करता है कि तालिबान सभी के लिए माफी और सुरक्षा देने के अपने हाल ही में घोषित वादे से मुकर जाएगा.RHIPTO नॉर्वेनियन सेंटर फॉर ग्लोबल एनालिसिस (जिसने UN को खुफिया रिपोर्ट प्रदान की) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, क्रिश्चियन नेलेमैन ने AFP को बताया कि
"वे (तालिबान) उन लोगों के परिवारों को निशाना बना रहे हैं, जो खुद को सौपने से इनकार कर रहे हैं, और शरिया कानून के मुताबित उनके परिवारों पर मुकदमा चला रहे हैं और दंडित कर रहे हैं."
नेलेमैन ने आगे कहा कि नाटो या अमेरिकी सेना की मदद करने वाले व्यक्तियों को "यातना दिए और मारे" जाने की उम्मीद है.
तालिबान ने किया था सुरक्षा का वादा
1996-2001 के बीच अफगानिस्तान में एक कट्टरपंथी इस्लामी शासन लागू करने वाला तालिबान 15 अगस्त को फिर से सत्ता में लौट आया.
जैसे ही तालिबान ने अफगानिस्तान का शासन संभाला, इस आतंकवादी संगठन ने आतंक और रूढ़िवाद के शासन की आशंकाओं को दूर करने के प्रयास में सभी के लिए सुरक्षा का वादा किया. तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य एनामुल्लाह समांगानी ने मंगलवार,17 अगस्त को सरकारी कर्मचारियों के लिए 'सामान्य माफी' की घोषणा की थी.
तालिबान ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा था कि वह अमेरिका समर्थित गठबंधन का समर्थन करने वालों से बदला नहीं लेगा.लेकिन अफगानिस्तान से आती रिपोर्टों के बीच तालिबान के इन आश्वासनों पर बड़े सवाल उठने लगे हैं.
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