ADVERTISEMENTREMOVE AD

तालिबान के कब्जे में निडर होकर रिपोर्टिंग कर रही महिला पत्रकारों से मिलिए

Afghanistan से आती खौफनाक तस्वीरों के बीच एक साहस भरा दृश्य भी दिखा- ग्राउंड जीरो पर महिला पत्रकारों की मौजूदगी

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

हाल के दिनों में अफगानिस्तान (Afghanistan) से आती कई खौफनाक तस्वीरों के बीच एक साहस भरा दृश्य भी देखने को मिला है.तालिबान के काबुल पर कब्जा किये जाने के बावजूद अफगानी महिला पत्रकार साहस और ढृढ़ता का परिचय देते हुए सवाल कर रही हैं और जमीनी हकीकत दिखा रही हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस हफ्ते सोशल मीडिया पर कई अफगान मीडिया हाउस, जैसे TOLO News, Ariana TV,और Etilaatroz से महिला पत्रकारों की ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग करने वाली तस्वीरें सामने आईं.आइये अफगानिस्‍तान की कुछ महिला पत्रकारों और उनके साहस पूर्ण रिपोर्टिंग पर डालते हैं एक नजर.

टोलो न्यूज की रिपोर्टर हसीबा अतकपाल काबुल से रिपोर्टिंग करने वाले प्रमुख चेहरों में से एक बन गई हैं.तालिबान की आतंकवादी गतिविधियों ने अफगान लोगों, विशेष रूप से महिलाओं को उनके घरों तक सीमित कर दिया है, लेकिन अतकपाल ने मौजूदा स्थिति का विस्तृत विवरण देना जारी रखा.

जहरा रहीमी, एक और महिला पत्रकार हैं, जिन्हें कैमरे के सामने अफगानों की आवाज को दुनिया के सामने लाते हुए देखा गया है.

अफगान दैनिक अखबार एतिलाट्रोज की एक रिपोर्टर सकीना अमीरी ने तालिबानियों का इंटरव्यू लिया.सकीना ने ट्विटर पर लिखा- "उन्होंने मुझे बताया कि मेरे कपड़े इस्लामिक नहीं हैं. हम इस्लामिक हिजाब और एक घूंघट और इसे इस्लामिक हिजाब क्यों माना जाता है, के बारे में बात कर रहे थे"

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस बीच नसरीन शिरजाद के लिए यह हमेशा की तरह ही था. एरियाना टीवी की इस एंकर ने करंट अफेयर्स कार्यक्रम की एंकरिंग करते हुए अपनी सामान्य भूमिका जारी रखी.

लाइव टेलीविजन पर महिला पत्रकार ने पहली बार तालिबान का इंटरव्यू लिया

17 अगस्त को इतिहास रचते हुए टोलो न्यूज की एंकर Beheshta Arghand ने तालिबान के एक शीर्ष अधिकारी का इंटरव्यू लिया. 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के कब्जे के बाद से किसी महिला रिपोर्टर द्वारा किया गया यह पहला लाइव इंटरव्यू था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ट्विटर ने महिला पत्रकारों के साहस की सराहना की

ट्विटर पर बहुत सारे लोग इन महिला पत्रकारों के समर्थन में सामने आए और उनके काम के लिए उनकी सराहना की. इन्होने तालिबान शासन के बावजूद, ग्राउंड जीरो से बहादुरी से लाइव रिपोर्ट करना जारी रखा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×